नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नगर निगम चुनावों से ठीक पहले एक और सफेद झूठ बोलने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि वोट हासिल करने के लिए वह सारे नियमों और कायदों को ताक पर रखकर योग कक्षाएं बंद होने के लिए उपराज्यपाल को दोषी करार दे रहे हैं, जबकि वह स्वयं जानते हैं कि योग कक्षाएं बंद होने में उपराज्यपाल का कोई हाथ ही नहीं है. दिल्ली सरकार स्वयं ही नियम तोड़कर योग कक्षाएं चला रही थी और दिल्ली सरकार के ही स्वायत्त संस्थान के गवर्निंग बोर्ड ने कक्षाएं बंद करने का फैसला लिया था.
बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में योग कक्षाएं चलाने के लिए दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंस एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (Delhi Pharmaceutical Science and Research University) को जिम्मा दिया गया था. इस यूनिवर्सिटी के पास योग कक्षाओं के लिए न कोई संसाधन है और न ही विशेषज्ञ. इसलिए खुद इस यूनिवर्सिटी के गवर्निंग बोर्ड ने ही योग कक्षाएं बंद करने का फैसला लिया था. 6 सिंतबर 2022 को लिखे एक नोट में उपमख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्वयं एक फाइल पर लिखा है कि इस यूनिवर्सिटी का गवर्निंग बोर्ड स्वायत्त होने के कारण सर्वोच्च है और उसके निर्णयों के लिए फाइल विभाग के मंत्री के पास भी न भेजी जाए. मगर, जब गवर्निंग बोर्ड ने योग क्लास बंद करने का निर्णय कर लिया तो सिसोदिया ने यू टर्न लेते हुए कहा कि मंत्री के पास भेजे बिना ही इतना बड़ा फैसला बोर्ड ने कैसे ले लिया.
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नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि दिल्ली की योगशाला जैसे कार्यक्रम से किसी को आपत्ति नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पूरे विश्व में योग को जिस तरह प्रचारित किया है, वह किसी से छिपा नहीं है. केजरीवाल इस मामले को तोड़-मरोड़कर जनता के सामने पेश कर रहे हैं और उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना पर योग कक्षाएं बंद कराने का बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं, वह उचित नहीं है. इसकी बजाय दिल्ली सरकार को ऐसे संस्थान को योग कक्षाएं चलाने के लिए अनुबंधित करना चाहिए था जिसके पास संसाधन के साथ-साथ विशेषज्ञ भी हों. उन्होंने कहा कि यह यूनिवर्सिटी औषघि और संबद्ध विज्ञान में रिसर्च के लिए है और उसे इसी काम के लिए ही रहने दिया जाना चाहिए.
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