नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा में नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के प्रयास के दोषी को किशोर न्याय बोर्ड ने 2 साल की सजा सुनाई है, इसके साथ ही दोषी नाबालिग पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना जमा नहीं करने पर 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. इस सजा के दौरान दोषी किशोर को राजकीय प्लेस ऑफ सेफ्टी (किशोर) गाजीपुर भेजा गया है. किशोर न्याय बोर्ड गौतम बुद्ध नगर के प्रधान मजिस्ट्रेट दिव्यकांत सिंह राठौर, न्यायिक मजिस्ट्रेट सदस्य अरुण कुमार गुप्ता और महेंद्र सिंह ने एक मत होकर नाबालिग आरोपी को दोषी मानते हुए 2 साल की सजा सुनाइए और 1 लाख का जुर्माना लगाया है.
दरअसल, 6 जून 2017 को मासूम पीड़िता के पिता ने बिसरख थाने में तहरीर दी कि वह एक दुकान चलाता है. आरोपी नाबालिग पीड़िता (ढाई साल) को उसकी दुकान पर आकर खिला रहा था, उसी दौरान आरोपी उसे लेकर फरार हो गया. पीछा करने पर एक निजी स्कूल के पीछे वह बच्ची से रेप की कोशिश करते पाया गया, जिसके बाद बच्ची के पिता और मौके पर मौजूद भीड़ ने आरोपी को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो में मामला दर्ज कर नाबालिग किशोर को न्याय बोर्ड में पेश किया. किशोर न्याय बोर्ड ने नाबालिग आरोपी का मेडिकल परीक्षण कराया, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर आरोपी की उम्र 14 से 15 वर्ष मानते हुए उसे नाबालिग घोषित किया गया और उसे बाल सुधार गृह भेज दिया. जहां से कुछ दिनों बाद नाबालिग को जमानत मिल गई थी.
किशोर न्याय बोर्ड में नाबालिग के खिलाफ मामले की सुनवाई शुरू हुई. इस मामले में सुनवाई के दौरान 8 गवाह पेश किए गए. सभी गवाहों और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की जिरह के बाद बोर्ड के प्रधान मजिस्ट्रेट और दोनों न्यायिक मजिस्ट्रेट/सदस्यों ने एक मत होकर आरोपी नाबालिग को दोषी माना और 2 साल की सजा सुनाई और 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. जुर्माना जमा नहीं करने पर 6 माह की अतिरिक्त की सजा भुगतनी होगी. वहीं किशोर द्वारा अभिरक्षा में बिताई गई अवधि 5 माह 4 दिन इस सजा में समायोजित की जाएगी. इस सजा के दौरान दोषी नाबालिग को राजकीय प्लेस ऑफ सेफ्टी (किशोर) गाजीपुर में रखा जाएगा.
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