नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के डिप्टी लेबर कमिश्नर अनुराग मिश्रा के मुताबिक इस्राइल सरकार ने भारत सरकार से निर्माण श्रमिकों के भेजने का अनुरोध किया है. निर्माण श्रमिक इस्राइल में हो रहे निर्माण कार्य में सहयोग करेंगे. चार प्रकार के निर्माण श्रमिकों के भेजने का इस्राइल सरकार द्वारा भारत सरकार से अनुरोध किया गया है. जिनमें टाइल्स - शट्रिंग का काम करने वाले, राजमिस्त्री और आयरन बेंडिंग का काम करने वाले निर्माण श्रमिक शामिल हैं. उत्तर प्रदेश से कुल दस हजार श्रमिकों को इस्राइल भेजना है.
डिप्टी लेबर कमिश्नर अनुराग मिश्रा ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों को शासन से निर्देश प्राप्त हुए हैं. गाजियाबाद में श्रम विभाग द्वारा प्रवर्तन अधिकारियों के नेतृत्व में टीम बनाई गई है जो शासन की मंशा के अनुरूप निर्माण श्रमिकों की समीक्षा कर रही है. ग्राम प्रधान और ठेकेदारों से संपर्क कर प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है. गाजियाबाद क्षेत्र में बुलंदशहर और हापुड़ भी आता है. इस क्षेत्र से कुल 400 से अधिक निर्माण श्रमिकों ने श्रम विभाग को जानकारी उपलब्ध कराकर इस्राइल जाने की सहमति दी है.
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अनुराग मिश्रा ने बताया कि निर्माण श्रमिकों को भारत से इस्राइल लेकर जाने का काम इस्राइल की एक कंपनी द्वारा किया जाएगा जो कि इस्राइल सरकार द्वारा अधिकृत है. भारत सरकार के सहयोग से यह पूरा प्रोसेस हो रहा है. 10 जनवरी तक सूची फाइनल करके शासन को भेजी जाएगी. इस पूरी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए लखनऊ में एक केंद्र खोला जाएगा जहां चिह्नित किए गए प्रदेश के सभी निर्माण श्रमिकों को बुलाया जाएगा. जहां सभी प्रकार की औपचारिकताएं पूरी की जाएगी.
श्रम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक भारत से इस्राइल जाकर काम करने वाले निर्माण श्रमिकों को 1 लाख 37 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से वेतन दिया जाएगा. श्रमिकों को इंश्योरेंस आदि भी उपलब्ध कराया जाएगा. इसके साथ ही जब श्रमिक अपना काम पूरा करके वापस लौटेंगे तो उन्हें बोनस भी उपलब्ध कराया जाएगा. जो निर्माण श्रमिक इस्राइल भेजे जाएंगे उन्हें 10 लाख रुपये धनराशि का भारत प्रवासी बीमा उपलब्ध कराया जाएगा.
21 साल से 45 साल तक के निर्माण श्रमिक इस्राइल जाने के लिए गाजियाबाद के लोहिया नगर स्थित श्रम विभाग के कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं. हालांकि इसमें शर्त रखी गई है कि निर्माण श्रमिकों के पास तीन साल का कार्य अनुभव होना अनिवार्य है. साथ ही उनके कार्य की समीक्षा भी की जाएगी. निर्माण श्रमिक के पास पासपोर्ट होना भी आवश्यक है. श्रम विभाग द्वारा स्पष्ट किया गया है कि श्रमिकों को सेफ जोन में रोजगार का अवसर उपलब्ध कराया जाएगा.
गाजियाबाद के श्रमिक सुमित ने इस्राइल में काम करने के लिए आवेदन किया है. क्षेत्रीय स्तर पर सुमित का चयन हो गया है हालांकि अभी प्रदेश स्तर पर शासन को लिस्ट भेजने के बाद नाम फाइनल होगा. सुमित का कहना है कि परिवार आर्थिक स्थिति से जूझ रहा है. जिस वजह से वह इस्राइल काम करने के लिए जा रहे हैं. सुमित बताते हैं कि वह शटरिंग का काम जानते हैं. सरिया और वेल्डिंग संबंधित काम भी उन्हें अच्छे से आता है. इस क्षेत्र में उन्हें काम करने का तकरीबन 5 साल का अनुभव है.
सुमित के माता-पिता नहीं है और उनके परिवार को नाना-नानी सहारा देते हैं. सुमित का कहना है कि इस्राइल में नौकरी पाने के बाद वह अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूती दे सकेंगे. उन्होंने पासपोर्ट के लिए भी आवेदन कर दिया है और श्रम विभाग में भी संबंधित दस्तावेज जमा कर दिए हैं. सुमित का कहना है कि अगर उन्हें इस्राइल में नौकरी मिल जाती है तो वह बहन की शादी करने का साथ ही अपना घर भी बना सकेंगे.