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कोंडली विधानसभा: CM से खुश लेकिन MLA से नाराज हैं लोग, देखिए लोगों की प्रतिक्रिया

ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर कोंडली विधानसभा क्षेत्र पहुंचकर लोगों का रुझान जानना चाहा. ऐसे में लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली.

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Published : Jan 10, 2020, 11:59 AM IST

Kondali
कोंडली विधानसभा

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव सिर पर हैं. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम लोगों का रुझान जानने गली-गली पहुंच रही है. हमने कोंडली विधानसभा क्षेत्र पहुंचकर लोगों से बातचीत की. दिल्ली में 8 फरवरी को सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. 11 फरवरी को चुनाव नतीजों का ऐलान होगा. राजधानी में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी का मुकाबला एक बार फिर बीजेपी और कांग्रेस से है.

MLA से नाराज हैं कोंडली विधानसभा के लोग

कांग्रेस रेस से बाहर !

हमने कोंडली विधानसभा में जाकर वोटरों की राय जाननी चाही. वहां वोटरों का बीजेपी और 'आप' को लेकर मिला जुला रुझान देखने को मिला, हालांकि कांग्रेस अभी इस रेस में कहीं दिखाई नहीं दी. बता दें कि कोंडली विधानसभा से 'आप' के मनोज कुमार विधायक हैं. वहां से बसपा भी अपने उम्मीदवार को उतारने की तैयारी में है. अब 11 फरवरी को ही पता चल पाएगा कि जनता किसे अपना नेता चुनती है.

एक-दूसरे पर है निशाना

एक तरफ केजरीवाल काम किए जाने का दावा करते हुए चुनावी मैदान में हैं, तो वहीं बीजेपी केजरीवाल के विकास के वादे को खोखला बता रही है. कांग्रेस भी बीजेपी और 'आप' दोनों पर निशाना साध रही है.

2015 के नतीजे

2015 में अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता पर सवार होकर आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी और विरोधियों का सूपड़ा साफ कर दिया था. आम आदमी पार्टी ने 2015 विधानसभा चुनाव में 70 में से 67 सीटें जीती थी. बीजेपी को सिर्फ 3 सीटें मिली थीं. वहीं कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी.

ये हैं पार्टियों के चुनावी मुद्दे

आम आदमी पार्टी- सत्ताधारी दल इस बार अपने पांच साल के काम पर आगे बढ़ रहा है. मुफ्त बिजली-पानी, अच्छी शिक्षा व्यवस्था, मोहल्ला क्लीनिक, सीसीटीवी, महिलाओं के लिए फ्री डीटीसी सेवा को फ्रंट पर रखकर एक बार फिर सरकार बनाने का दावा ठोका जा रहा है.

भारतीय जनता पार्टी - 2019 में बीजेपी केंद्र में एक बार फिर चुनाव जीतकर आई है. ऐसे में बीजेपी को उम्मीद है कि कुछ मोदी मैजिक काम आएगा. हाल ही में अनाधिकृत कॉलोनियों को मोदी सरकार ने पक्का किया है, जिसे बीजेपी भुनाना चाहेगी. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सातों सीटें जीती थीं.

कांग्रेस- कांग्रेस पार्टी ने 2015 के चुनाव में खाता भी नहीं खोला था. ऐसे में इस चुनाव में उसकी कोशिश कुछ सीटें जीतनी की होगी. पार्टी ने कुछ लोकलुभावन वादे भी किए हैं, जिसके जरिए वो दिल्ली में खाता खोलने की उम्मीद लगाए हुए है.

महत्वपूर्ण तिथि और जानकारी:

नोटिफिकेशन 14 जनवरी, मंगलवार
नॉमिनेशन की आखिरी तारीख 21 जनवरी, मंगलवार
स्क्रूटनी 23 जनवरी
नामांकन वापस लेने की तारीख 24 जनवरी
वोटिंग 8 फरवरी
नतीजे 11 फरवरी
कुल सीटें 70
सामान्य 58
SC सीटें 12
कुल पोलिंग बूथ
13,750
कुल वोटर 1,46,92136
पुरुष वोटर 80,55,686
महिला वोटर 66,35,635
थर्ड जेंडर 815
NRI वोटर 489
सर्विस वोटर्स 11556
कुल पोलिंग बूथ 13750

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव सिर पर हैं. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम लोगों का रुझान जानने गली-गली पहुंच रही है. हमने कोंडली विधानसभा क्षेत्र पहुंचकर लोगों से बातचीत की. दिल्ली में 8 फरवरी को सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. 11 फरवरी को चुनाव नतीजों का ऐलान होगा. राजधानी में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी का मुकाबला एक बार फिर बीजेपी और कांग्रेस से है.

MLA से नाराज हैं कोंडली विधानसभा के लोग

कांग्रेस रेस से बाहर !

हमने कोंडली विधानसभा में जाकर वोटरों की राय जाननी चाही. वहां वोटरों का बीजेपी और 'आप' को लेकर मिला जुला रुझान देखने को मिला, हालांकि कांग्रेस अभी इस रेस में कहीं दिखाई नहीं दी. बता दें कि कोंडली विधानसभा से 'आप' के मनोज कुमार विधायक हैं. वहां से बसपा भी अपने उम्मीदवार को उतारने की तैयारी में है. अब 11 फरवरी को ही पता चल पाएगा कि जनता किसे अपना नेता चुनती है.

एक-दूसरे पर है निशाना

एक तरफ केजरीवाल काम किए जाने का दावा करते हुए चुनावी मैदान में हैं, तो वहीं बीजेपी केजरीवाल के विकास के वादे को खोखला बता रही है. कांग्रेस भी बीजेपी और 'आप' दोनों पर निशाना साध रही है.

2015 के नतीजे

2015 में अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता पर सवार होकर आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी और विरोधियों का सूपड़ा साफ कर दिया था. आम आदमी पार्टी ने 2015 विधानसभा चुनाव में 70 में से 67 सीटें जीती थी. बीजेपी को सिर्फ 3 सीटें मिली थीं. वहीं कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी.

ये हैं पार्टियों के चुनावी मुद्दे

आम आदमी पार्टी- सत्ताधारी दल इस बार अपने पांच साल के काम पर आगे बढ़ रहा है. मुफ्त बिजली-पानी, अच्छी शिक्षा व्यवस्था, मोहल्ला क्लीनिक, सीसीटीवी, महिलाओं के लिए फ्री डीटीसी सेवा को फ्रंट पर रखकर एक बार फिर सरकार बनाने का दावा ठोका जा रहा है.

भारतीय जनता पार्टी - 2019 में बीजेपी केंद्र में एक बार फिर चुनाव जीतकर आई है. ऐसे में बीजेपी को उम्मीद है कि कुछ मोदी मैजिक काम आएगा. हाल ही में अनाधिकृत कॉलोनियों को मोदी सरकार ने पक्का किया है, जिसे बीजेपी भुनाना चाहेगी. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सातों सीटें जीती थीं.

कांग्रेस- कांग्रेस पार्टी ने 2015 के चुनाव में खाता भी नहीं खोला था. ऐसे में इस चुनाव में उसकी कोशिश कुछ सीटें जीतनी की होगी. पार्टी ने कुछ लोकलुभावन वादे भी किए हैं, जिसके जरिए वो दिल्ली में खाता खोलने की उम्मीद लगाए हुए है.

महत्वपूर्ण तिथि और जानकारी:

नोटिफिकेशन 14 जनवरी, मंगलवार
नॉमिनेशन की आखिरी तारीख 21 जनवरी, मंगलवार
स्क्रूटनी 23 जनवरी
नामांकन वापस लेने की तारीख 24 जनवरी
वोटिंग 8 फरवरी
नतीजे 11 फरवरी
कुल सीटें 70
सामान्य 58
SC सीटें 12
कुल पोलिंग बूथ
13,750
कुल वोटर 1,46,92136
पुरुष वोटर 80,55,686
महिला वोटर 66,35,635
थर्ड जेंडर 815
NRI वोटर 489
सर्विस वोटर्स 11556
कुल पोलिंग बूथ 13750
Intro:कोंडली विधानसभा में वोटरों का दिल्ली में सरकार को लेकर मिला जुला रुझान
दिल्ली विधान सभा में चुनावी बिगुल बज चूका है चुनाव के तारीखों के एलान के तुरंत बाद सभी पार्टियां चुनावी मोड में आ गई हैं आपको बता दें देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो गया है. चुनाव आयोग ने सोमवार दोपहर को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसी के साथ राजधानी में आचार संहिता लागू हो गई है. दिल्ली में 8 फरवरी को सभी 70 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे, 11 फरवरी को चुनाव नतीजों का ऐलान होगा. राजधानी में सत्ताधारी पार्टी आम आदमी पार्टी का मुकाबला एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस से है|
इसी क्रम में जब हमने कोंडली विधानसभा में जाकर वोटरों की राय जाननी चाही तो वहां भी वोटरों का भाजपा और आप को लेकर मिला जुला रुझान दिखा हालाँकि कांग्रेस अभी इस रेस में कहीं दिखाई नहीं दे रही और आपको बता दें कोंडली विधानसभा से बसपा भी अपने उम्मीदवार को उतारने की तैयारी में है |
हालाँकि इस सबका जवाब तो 8 फरवरी के बाद 11 फरवरी को ही चल पायेगा जब चुनाव के परिणाम घोषित होंगे अब देखना ये है की दिल्ली के लोग केजरीवाल के साथ जाते हैं की भाजपा या कांग्रेस के साथ क्योंकि इस समय सभी पार्टियां पुरे दमख़म के साथ मैदान में उतर चुकीं भाजपा केजरीवाल जी के विकास के वादे को खोखला बता रही है तो वहीँ कांग्रेस भाजपा और आप दोनो पर निशाना साध रही है |
Body:दिल्ली विधानसभा चुनाव का शेड्यूल -
नोटिफिकेशन - 14 जनवरी, मंगलवार
नॉमिनेशन की आखिरी तारीख – 21 जनवरी, मंगलवार
स्क्रूटनी – 23 जनवरी
नामांकन वापस लेने की तारीख - 24 जनवरी
वोटिंग - 8 फरवरी
नतीजे - 11 फरवरी
कुल सीटें – 70
58 सामान्य, 12 SC सीटें
कुल पोलिंग बूथ- 13750
कुल वोटर – 1,46,92136
पुरुष वोटर – 8055686
महिला वोटर – 6635635
थर्ड जेंडर – 815
NRI वोटर - 489
सर्विस वोटर्स - 11556
कुल पोलिंग बूथ – 13750
कुल विधानसभाएं- 70
2015 में क्या रहे थे चुनाव नतीजे?
दिल्ली में पिछली बार के चुनाव नतीजे आखिर किसे याद नहीं होंगे. अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता पर सवार होकर आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी और विरोधियों का सूपड़ा साफ कर दिया था. आम आदमी पार्टी ने 2015 विधानसभा चुनाव में 70 में से 67, बीजेपी को सिर्फ तीन सीटें मिली थीं. कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी.

Conclusion:किस पार्टी का क्या है मुद्दा?

आम आदमी पार्टी – सत्ताधारी दल इस बार अपने पांच साल के काम पर आगे बढ़ रहा है. जिसमें मुफ्त बिजली-पानी, स्कूल, मोहल्ला क्लीनिक को फ्रंट पर रखकर एक बार फिर सरकार बनाने का दावा ठोका जा रहा है.

भारतीय जनता पार्टी – 2019 में बीजेपी एक बार फिर चुनाव जीतकर आई है, ऐसे में उसे उम्मीद है कि कुछ मोदी मैजिक काम आएगा. हाल ही में अनाधिकृत कॉलोनियों को मोदी सरकार ने पक्का किया है, जिसे बीजेपी भुनाना चाहेगी. 2019 के चुनाव में बीजेपी ने सातों लोकसभा सीटें जीती थीं. हालांकि, मुख्यमंत्री पद के लिए कोई उम्मीदवार ना होना बीजेपी के लिए हानिकारक हो सकता है.

कांग्रेस – कांग्रेस पार्टी ने 2015 में खाता भी नहीं खोला था, ऐसे में इस चुनाव में उसकी कोशिश कुछ सीटें जीतनी की तो होंगी. इसके अलावा पार्टी ने कुछ लोकलुभावन वादे भी किए हैं, जिसके जरिए वह दिल्ली में खाता खोलने की उम्मीद लगाए हुए है.
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