नई दिल्ली/ ग्रेटर नोएडा: नाबालिग लड़की को बहला-फुसला कर घर से भगा ले जाने के मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए जिला न्यायालय ने उसे 5 साल के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी पर सात हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना अदा न करने पर 20 दिन अतिरिक्त सजा का प्रवाधान किया गया है. अपर सत्र विशेष न्यायाधीश चंद्रभान श्रीवास्तव ने सुनवाई के बाद दोषी को सजा सुनाई.
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सहायक शासकीय अधिवक्ता जेपी भाटी ने बताया मामला दनकौर थाने के वर्ष 2017 का है. पीड़िता के पिता ने दनकौर थाने में तहरीर देकर बताया कि 3 नवंबर 2017 को वह अपनी 17 साल की नाबालिग बेटी को घर पर छोड़ कर काम पर गए थे. शाम को वापस लौटने पर उनकी बेटी गायब मिली. उन्होंने बेटी को अपने परिचितों व रिश्तेदारों के यहां तलाश किया. कई दिन बीत जाने के बाद भी जब युवती का कोई पता नहीं चला तो 10 नवंबर 2017 को उन्होंने दनकौर थाने में लिखित शिकायत दी.
शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच शुरू की. पुलिस ने युवती को बुलंदशहर के थाना कोतवाली देहात के गांव पहाड़पुर निवासी रविंद्र के पास से बरामद किया. लड़की को मेडिकल के लिए और आरोपी रविंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पीड़िता के पिता ने पुलिस को बताया कि रविंद्र गांव में कई सालों से फेरी लगाता था.
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पुलिस ने मामले में चार्जशीट फाइल की. जिला न्यायालय में मामले की सुनवाई के दौरान कई गवाह पेश किए गए. साथ ही बचाव व आरोपी पक्ष के अधिवक्ताओं की जिरह सुनने के बाद और सभी गवाहों और सबूतों को देखते हुए अपर सत्र/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो 2 चंद्र मोहन श्रीवास्तव ने आरोपी रविंद्र को दोषी मानते हुए सजा सुनाई.
न्यायालय ने आरोपी को धारा 363 में 4 वर्ष की सजा व तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया, वहीं 366 में 5 वर्ष की सजा और चार हजार रुपये का जुर्माना लगाया. जुर्माने की राशि जमा न करने पर 20 दिन अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी और पूर्व में कारागार में बिताई गई अवधि दंडादेश में समायोजित की जाएगी.