नई दिल्ली/नोएडा : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पार्श्वनाथ डेवलपर्स के सेक्टर पाई स्थित दो भूखंडों के आवंटन रद्द कर दिए हैं. दोनों भूखंडों पर करीब 281 करोड़ रुपये की बकाया धनराशि न जमा करने और दोनों परियोजनाओं को पूरा न करने पर प्राधिकरण ने यह कार्रवाई की है. प्राधिकरण इन दोनों भूखंडों को अपने कब्जे में लेकर नई स्कीम के जरिए आवंटित करेगा.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर लंबे अर्से से बकाया रकम का भुगतान न करने और परियोजना को पूरा न करने वाले आवंटियों के खिलाफ प्राधिकरण ने कठोर कार्रवाई शुरू कर दी है. प्राधिकरण ने गुरुवार को पार्श्वनाथ डेवलपर्स के दो प्रोजेक्टों का जमीन आवंटन निरस्त कर दिये हैं. प्राधिकरण के बिल्डर विभाग की तरफ से पार्श्वनााथ डेवलपर्स को 2006 में भूखंड संख्या 11, सेक्टर पाई में 25 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी.
लीज प्लान के अनुसार 2007 में 100095 वर्ग मीटर भूखंड की लीज डीड भी हो गई. डेवलपर ने कुल प्रीमियम 33.54 करोड़ रुपये में से 2007 तक 7.14 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया. शेष धनराशि का भुगतान 13 किस्तों में 2013 तक करना था. इस परियोजना को भी 2013 में ही पूरा करना था, लेकिन डेवलपर ने न तो परियोजना को पूरा किया और न ही प्राधिकरण की बकाया धनराशि जमा की. बकाया भुगतान व परियोजना को पूरा करने का हवाला देते हुए डेवलपर को 2016 में मोर्टगेज परमिशन (बंधक अनुमति) भी दी गई, लेकिन डेवलपर ने न तो परियोजना पूरी की और न ही प्राधिकरण का बकाया भुगतान जमा किया.
प्राधिकरण की तरफ से 2011, 2012, 2013, 2019, 2020 में कई बार डिफॉल्टर नोटिस व आवंटन रद्द करने की नोटिस भी जारी गई. परियोजना को पूरा करने के लिए अधिकतम 15 वर्ष की समयावधि भी पीछे छूट चुकी है. इस अवधि में प्रीमियम धनराशि के अलावा अतिरिक्त प्रतिकर व कार्यपूर्ति विलंब शुल्क आदि मद में डेवलपर पर बकाया रकम भी बढ़कर करीब 211 करोड़ रुपये हो गई. इसे देखते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पार्श्वनाथ डेवलपर के भूखंड संख्या 11, सेक्टर पाई का आवंटन रद्द कर दिया है. करीब 1.56 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी भी जब्त कर ली है. प्राधिकरण ने कहा है कि अगर बिल्डर की प्राधिकरण पर कोई देयता बनती है तो उसे वापस करेगा.
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इसी तरह पार्श्वनाथ डेवलपर को ही आवंटित एक अन्य भूखंड संख्या 5, सेक्टर पाई का आवंटन भी प्राधिकरण ने रद्द कर दिया है. इस भूखंड का आवंटन 2007 में किया गया था. कुल प्रीमियम करीब 11 करोड़ रुपये में से बिल्डर की तरफ से 2.52 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. शेष भुगतान 2013 तक 13 किस्तों में करना था, लेकिन नहीं किया. इस परियोजना को भी 2012 में पूरा करना था. डेवलपर ने न तो परियोजना को पूरा किया है और न ही प्राधिकरण का बकाया भुगतान जमा किया है. इस बीच 2011, 2012, 2013, 2018 व 2019 में डिफॉल्टर नोटिस और 2014 व 2019 में आवंटन रद्द करने की नोटिस जारी की गई. इस भूखंड पर कुल प्रीमियम के अलावा अतिरिक्त प्रतिकर, वार्षिक लीज रेंट, समय विस्तरण शुल्क आदि मद में डेवलपर पर करीब 70.41 करोड़ रुपये का बकाया हो चुका है. इस परियोजना को पूरा करने की 15 वर्ष की अवधि भी बीत चुकी है. इसके चलते प्राधिकरण ने पार्श्वनाथ डेवलपर को आवंटित भूखंड संख्या पांच, सेक्टर पाई का आवंटन रद्द कर दिया है.
प्राधिकरण शीघ्र ही इस प्लॉट को भी अपने कब्जे में ले लेगा. प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी का कहना है कि प्राधिकरण का बकाया भुगतान न देने और परियोजना को पूरा न करने वाले किसी भी आवंटी को बख्शा नहीं जाएगा. उनके आवंटन रद्द किए जाएंगे.
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