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Fraud Gang Busted: नकली नोट दिखाकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, दो लाख असली और करोड़ों रुपए के नकली नोट बरामद - fake notes worth crores rupees recovered

ग्रेटर नोएडा पुलिस ने नकली नोट दिखाकर फर्जीवाड़ा करने वाले एक गिरोह को गिरफ्तार किया है. उनके पास से 500 की 1650 गड्डियां बरामद हुई हैं. बरामद रुपए में 2,34,500 रुपए असली और करोड़ों के नकली नोट है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 30, 2023, 6:52 PM IST

नकली नोट दिखाकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा पुलिस ने नकली नोट दिखाकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है. दनकौर पुलिस ने डीके गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 2,34,500 रुपए असली और करोड़ों रुपए की नकली नोटों की गड्डियां बरामद की है. इसके अलावा पुलिस को उनके पास से अन्य उपकरण भी बरामद हुए हैं.

एनजीओ को बनाता था निशाना: ग्रेटर नोएडा के एडिशनल डीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि दनकौर थाना पुलिस ने एक ऐसे शातिर गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो एनजीओ और कंपनियों में सहायता के रूप में रुपए देने के नाम पर धोखाधड़ी करता था. ये गिरोह एनजीओ से संपर्क कर उनके एनजीओ में सहायता के नाम पर निवेश करने के बदले 10% कमीशन लेते थे और उन्हें अपने पास रखे नकली नोट दिखाकर पहले 10 पर्सेंट कमीशन लेते थे. पैसे उनके खाते में जमा करने का लालच देकर पहले कमीशन ले लेते थे.

ये पहले नकली नोटों को उनको दिखा देते थे और नकली नोटों की गड्डियों के ऊपर और नीचे असली नोट लगा देते थे. यह सभी गड्डियां 500 के नोटों की होती थी. पुलिस ने दिल्ली के जेजे कॉलोनी निवासी विशाल चौहान, जिला शाहजहांपुर निवासी मोबीन खान और जिला आगरा के थाना जैतपुर निवासी उपेंद्र सिंह को रविवार देर रात सलारपुर अंडरपास के पास से गिरफ्तार किया है. इनके पास से पुलिस ने आठ लोहे के बड़े बक्से बरामद किए हैं, जिनमें 500 रुपए के नोटों के कुल 165 बंडल (1650 गड्डियां) रखी थी.

असली सरगना अभी फरार: एडीसीपी ने बताया कि इस गिरोह का सरगना लखनऊ निवासी प्रवेश डीके अभी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी है. पुलिस ने इन आरोपियों के पास से असली 234500 रुपए और 1650 नकली नोटों की गड्डियां बरामद की है. नकली नोटों की कीमत 8 करोड़ 30 लाख रुपए है. इन सभी नकली नोटों के बंडलों पर ऊपर नीचे असली 500 रुपए के नोट लगे हैं. इसके अलावा उनके पास से एक नोट गिनने की इलेक्ट्रॉनिक मशीन और एक नोटों के बंडल बनाने की इलेक्ट्रिक मशीन भी बरामद की गई.

ये भी पढ़ें: नोएडा में प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री करने पर मेडिकल स्टोर सील, दवा खरीद का बिल भी नहीं देते थे

ऐसे करते हैं जालसाजी: पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनका एक संगठित गिरोह है, जिसको लखनऊ निवासी प्रवेश कुमार सिंह उर्फ डीके चलाता है. गैंग का लीडर प्रवेश उर्फ डीके छोटी-छोटी कंपनियां व एनजीओ को अपने झांसे में फंसाता था और कंपनियों व एनजीओ में रुपये निवेश करने का आश्वासन देता है. कंपनी व एनजीओ से पूरी सहमति होने के बाद आरोपी विशाल चौहान, मोबीन खान, उपेंद्र सिंह एवं अन्य लोगों को अपनी कंपनी का मैनेजर आदि बात कर कंपनी व एनजीओ में भेजता है.

बरामद हुए इन्हीं रुपयों को दिखाकर डील करता है और कहता है कि यह पूरा पैसा हम फंडिंग करेंगे. लेकिन इसके लिए आपको हमें पहले 10% रुपए नगद देने होंगे और शर्त रखते हैं कि यदि आप कागजी कार्रवाई 1 घंटे में पूर्ण नहीं करते तो हम आपको आपके 10% पैसे वापस नहीं करेंगे. इस प्रकार तय हुई फंडिंग की रकम के 10% रकम वसूल लेते हैं.

गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वह बसों में नकली रुपए भर कर दिल्ली से लखनऊ की ओर जा रहे थे. गाड़ी खराब होने के कारण उन्होंने इन बक्सों को झाड़ियां में छुपा दिया था. इस प्रकार बरामद हुई कुल असली रकम 234500 रुपये हैं. जबकि, 8 करोड़ 30 लाख नकली नोटों बरामद किए गए हैं.

ये भी पढ़ें: Greater Noida: PET की परीक्षा में दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने वाले दो मुन्नाभाइयों को किया गिरफ्तार

नकली नोट दिखाकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा पुलिस ने नकली नोट दिखाकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है. दनकौर पुलिस ने डीके गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 2,34,500 रुपए असली और करोड़ों रुपए की नकली नोटों की गड्डियां बरामद की है. इसके अलावा पुलिस को उनके पास से अन्य उपकरण भी बरामद हुए हैं.

एनजीओ को बनाता था निशाना: ग्रेटर नोएडा के एडिशनल डीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि दनकौर थाना पुलिस ने एक ऐसे शातिर गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो एनजीओ और कंपनियों में सहायता के रूप में रुपए देने के नाम पर धोखाधड़ी करता था. ये गिरोह एनजीओ से संपर्क कर उनके एनजीओ में सहायता के नाम पर निवेश करने के बदले 10% कमीशन लेते थे और उन्हें अपने पास रखे नकली नोट दिखाकर पहले 10 पर्सेंट कमीशन लेते थे. पैसे उनके खाते में जमा करने का लालच देकर पहले कमीशन ले लेते थे.

ये पहले नकली नोटों को उनको दिखा देते थे और नकली नोटों की गड्डियों के ऊपर और नीचे असली नोट लगा देते थे. यह सभी गड्डियां 500 के नोटों की होती थी. पुलिस ने दिल्ली के जेजे कॉलोनी निवासी विशाल चौहान, जिला शाहजहांपुर निवासी मोबीन खान और जिला आगरा के थाना जैतपुर निवासी उपेंद्र सिंह को रविवार देर रात सलारपुर अंडरपास के पास से गिरफ्तार किया है. इनके पास से पुलिस ने आठ लोहे के बड़े बक्से बरामद किए हैं, जिनमें 500 रुपए के नोटों के कुल 165 बंडल (1650 गड्डियां) रखी थी.

असली सरगना अभी फरार: एडीसीपी ने बताया कि इस गिरोह का सरगना लखनऊ निवासी प्रवेश डीके अभी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी है. पुलिस ने इन आरोपियों के पास से असली 234500 रुपए और 1650 नकली नोटों की गड्डियां बरामद की है. नकली नोटों की कीमत 8 करोड़ 30 लाख रुपए है. इन सभी नकली नोटों के बंडलों पर ऊपर नीचे असली 500 रुपए के नोट लगे हैं. इसके अलावा उनके पास से एक नोट गिनने की इलेक्ट्रॉनिक मशीन और एक नोटों के बंडल बनाने की इलेक्ट्रिक मशीन भी बरामद की गई.

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ऐसे करते हैं जालसाजी: पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनका एक संगठित गिरोह है, जिसको लखनऊ निवासी प्रवेश कुमार सिंह उर्फ डीके चलाता है. गैंग का लीडर प्रवेश उर्फ डीके छोटी-छोटी कंपनियां व एनजीओ को अपने झांसे में फंसाता था और कंपनियों व एनजीओ में रुपये निवेश करने का आश्वासन देता है. कंपनी व एनजीओ से पूरी सहमति होने के बाद आरोपी विशाल चौहान, मोबीन खान, उपेंद्र सिंह एवं अन्य लोगों को अपनी कंपनी का मैनेजर आदि बात कर कंपनी व एनजीओ में भेजता है.

बरामद हुए इन्हीं रुपयों को दिखाकर डील करता है और कहता है कि यह पूरा पैसा हम फंडिंग करेंगे. लेकिन इसके लिए आपको हमें पहले 10% रुपए नगद देने होंगे और शर्त रखते हैं कि यदि आप कागजी कार्रवाई 1 घंटे में पूर्ण नहीं करते तो हम आपको आपके 10% पैसे वापस नहीं करेंगे. इस प्रकार तय हुई फंडिंग की रकम के 10% रकम वसूल लेते हैं.

गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वह बसों में नकली रुपए भर कर दिल्ली से लखनऊ की ओर जा रहे थे. गाड़ी खराब होने के कारण उन्होंने इन बक्सों को झाड़ियां में छुपा दिया था. इस प्रकार बरामद हुई कुल असली रकम 234500 रुपये हैं. जबकि, 8 करोड़ 30 लाख नकली नोटों बरामद किए गए हैं.

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