नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में खाली पड़ी संपत्ति पर कब्जा करके फर्जी दस्तावेज बनाकर उस पर लोन लेने का धंधा तेजी से चल रहा है. शातिर बदमाश राजस्व विभाग और बैंक अधिकारियों से मिलीभगत करके दूसरों की जमीन और घर पर करोड़ों रुपए लोन ले रहे हैं. ये लोग लोन लेने के बाद भी प्रॉपर्टी का पीछा नहीं छोड़ते हैं और उसे औने पौने दामों पर बेचने के लिए तैयार रहते हैं.
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एक ऐसे ही शातिर बदमाश को गिरफ्तार किया है, जिसने रोहिणी में एक पीड़ित के खाली पड़े घर पर पहले कब्जा किया, फिर फर्जी कागजात बनाकर उस पर ढाई करोड़ का लोन ले लिया. इसके बाद आरोपी बचने के लिए उस घर को बेचने के लिए ग्राहक खोजने लगा. एक प्रॉपर्टी डीलर के माध्यम से घर के मालिक को यह पता चला तो वह दंग रह गए. इसके बाद उन्होंने ईओडब्ल्यू में मामला दर्ज करवाया.
पुलिस ने आरोपी विजय कुमार गुप्ता को गिरफ्तार किया तो पता चला वह इससे पहले भी कई प्रॉपर्टी पर इस तरह से कब्जा करके उन पर लोन ले चुका है. पुलिस को पुलिस को आरोपी के खिलाफ अभी तक 5 ऐसे मामले मिल चुके हैं.
ऐसे की ठगीः ईओडब्ल्यू डीसीपी विक्रम के पोरवाल ने बताया कि पीड़ित राम निवास जैन ने ईओडब्ल्यू में शिकायत की कि रोहिणी में उनकी करीब छह करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी पर अवैध रूप से कब्जा कर विजय कुमार गुप्ता नाम के व्यक्ति ने उस पर लोन ले लिया है और अब वह उसे बेच रहा है. इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि उसकी पत्नी गृजेश गुप्ता भी फर्जीवाड़ा में शामिल है और वह प्रॉपर्टी की मालकिन के तौर पर खुद को पेश करती है. इस मामले में भी उसने खुद को प्रॉपर्टी की मालकिन बताते हुए सब रजिस्टार ऑफिस में पेश किया था.
बैंक व राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत की आशंकाः छह करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी कम दाम में बेचने और उस पर लोन लेने के मामले में बैंक और राजस्व विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की मिलीभगत की भी आशंका है. पुलिस अधिकारी का कहना है कि इन लोगों के खिलाफ भी जांच की जा रही है. यदि यह लोग दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए.
फॉर्महाउस बेचने के नाम पर ठगने वाला गैंग भी सक्रियः ईओडब्ल्यू ने फॉर्म हाउस बेचने के नाम पर करीब पांच करोड़ रुपए की ठगी करने वाले दो आरोपियों को पिछले दिनों गिरफ्तार किया था. दोनों आरोपी लोगों से फॉर्महाउस बेचने के नाम पर करोड़ों रुपए ठगते थे और उसके बाद व्यक्ति को न फार्म हाउस मिलता था और न ही उनके रुपए वापस मिलते थे. कई लोगों की शिकायत के बाद मामला दर्ज कर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इनकी पहचान गुनवीन सिंह और जितिन पाल सिंह के रूप में हुई है.
डीसीपी ने बताया कि इस तरह के फर्जीवाड़ा से बचने के लिए लोगों को चाहिए कि कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले सब रजिस्ट्रार ऑफ में उसका स्टेटस जरूर चेक करवा ले. उस पर कोई मामला तो नहीं है. डॉक्यूमेंटेशन खुद चेक करना जरूरी है. दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग की वेबसाइट पर जाकर भी प्रॉपर्टी का स्टेटस चेक किया जा सकता है.
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