नई दिल्ली: गलवान घाटी समेत पूरे लेह लद्दाख में तैनात भारतीय सैनिकों के हाथों पर इस साल गाड़िया लोहार समुदाय महिलाओं द्वारा तैयार राखियां सजेंगी. इस समुदाय की महिलाओं का कहना हैं कि इनके पूर्वज महाराणा प्रताप के सैनिकों के लिए अस्त्र-शस्त्र बनाते थे. इस साल वह अपने सैनिक भाइयों के लिए राखी भेज रही है ताकि हमारे सैनिक भाई सही सलामत रहे.
भेजी जाएंगी 5000 राखियां
पूर्वी दिल्ली के नंदनगरी इलाके में सरहद पर तैनात सैनिकों के लिए राखियां बना रही गाड़िया समाज की महिलाओं ने बताया कि पहले के समय उनके पूर्वज महाराणा प्रताप के सैनिकों के लिए हथियार बनाते थे. लेकिन अभी के समय उनके पास कोई रोजगार नहीं है, जिस कारण वे खानाबदोश की जिंदगी जी रहे हैं.
सेवा भारती संस्थान के सहयोग से वे रखी बना रही हैं, जिससे सीमा पर तैनात सैनिकों की रक्षा हो सके. महिलाओं ने बताया कि उनके द्वारा 5,000 राखियां सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए भेजी जाएंगी. जिसको बनाने के लिए प्रशिक्षण भी उन्हें सेवा भारती संस्थान द्वारा ही दिया गया है.
कलाकारी में निपुण है महिलाएं
गाड़िया समाज की महिलाओं को राखी बनाने की ट्रेनिंग दे रही सेवा भारती संस्थान से जुड़ीं राजश्री ने बताया कि इस समाज की महिलाएं कलाकारी में निपुण है. बस थोड़ी सी मेहनत के बाद ही यह रखी बनाने में पारंगत हो चुकी हैं.
उन्होंने कहा कि इस साल गलवान घाटी में चीनी सैनिकों द्वारा किए गए कायराना हमले के बाद चीनी सामानों का बहिष्कार हो रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए हमने गाड़िया समाज की महिलाओं को राखी बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया है और इनके द्वारा बनाई गई राखियां सीमा पर भेजी जाएगी.