नई दिल्ली/नोएडा: मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल सेक्टर-125 स्थित नामी विश्वविद्यालय के चारों छात्रों को निलंबित कर दिया गया है. बुधवार को विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से यह कार्रवाई कर इसकी पुष्टि की गई. परीक्षा के आधार पर चार में से तीन छात्रों को मंगलवार को अंतरिम जमानत मिली थी, लेकिन इसकी जानकारी जब विश्वविद्यालय प्रबंधन को हुई तो उन छात्रों के परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दी गई.
विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कहा कि जब तक मामले की जांच चल रही है चारों छात्र निलंबित रहेंगे. जांच रिपोर्ट आने के बाद छात्रों का भविष्य तय होगा. वहीं छात्रों की जमानत पर नोएडा पुलिस ने कहा कि वे छात्रों को जमानत मिलने पर फिर से कोर्ट जाने की तैयारी में हैं. पुलिस को इस बात का इनपुट मिला है कि जमानत के लिए छात्रों ने संबंधित न्यायालय में गलत तथ्य प्रस्तुत किया है. यह भी जानकारी मिली है कि तीन में से महज एक छात्र की परीक्षा थी. पुलिस सभी तथ्यों की जांच कर रही है और विश्वविद्यालय प्रबंधन के संपर्क में है. साथ ही छात्रों से जुड़ी सभी जानकारियां साझा करने के लिए भी कहा गया है, जिसे लेकर पुलिस कोर्ट में जाएगी.
नाइजीरियन समेत तीन की तलाश जारी: दरअसल सेक्टर-126 थाने की पुलिस ने सोमवार को मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में नौ तस्करों को गिरफ्तार किया था. इनकी निशानदेही पर भारी मात्रा में मादक पदार्थ बरामद हुए थे. इसमें नामी विश्वविद्यालय के चार छात्र भी शामिल हैं, जो प्रबंधन और लॉ की पढ़ाई कर रहे हैं. जिले के कॉलेजों और विश्वविद्यालय के छात्रों तक गांजा और चरस समेत अन्य मादक पदार्थ पहुंचाने वाले नाइजीरियन मूल के नागरिक समेत तीन आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं. इस मामले में बुधवार को नोएडा पुलिस ने दिल्ली समेत अन्य ठिकानों पर दबिश दी. हालांकि अभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. एडिशनल डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी का कहना है कि फरार आरोपियों के बारे में कुछ अहम जानकारी मिली है. जल्द ही तीनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
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सरगना की पत्नी ताइवान से भेजती थी गांजा: अधिकारियों का कहना है कि गिरोह के सरगना से मिले ड्रग्स और गांजे को छात्र ऑर्डर तक पहुंचाते थे, जिसमें उनको कमीशन मिलता था. मादक पदार्थों की तस्करी कॉलेजों और विश्वविद्यालय के साथ ही पीजी समेत अन्य जगहों पर भी होती थी. आरोपी अक्षय कुमार रैकेट का सरगना है, जिसकी पत्नी ताइवान में रहती है. इसलिए इसका वहां आना-जाना रहता है. वहां से बने एक नेटवर्क से यह ताइवान का गांजा मंगाता है. इसी तरह राजस्थान व शिलोंग समेत अन्य जगहों से गांजा व ड्रग्स मंगाकर इस रैकेट के जरिए बेचा जा रहा था. ग्राहक तक गांजा पहुंचाने के लिए राइडर का भी सहारा लिया जाता था. छात्रों की काउंसलिंग के लिए पुलिस की दो टीमें बनाई गई हैं.
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