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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का स्थापना दिवस: विकल्प के रूप में रखी गई थी नींव, 32 साल में बन गया मुकम्मल शहर

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Published : Jan 27, 2023, 9:25 PM IST

रोड कनेक्टीविटी के मामले में ग्रेटर नोएडा सबसे बेहतर शहर कहा जाता है. यह शहर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे से पहले ही जुड़ा हुआ है. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और एनएच-91 भी पास से गुजरे हैं. इसके साथ ही यहां की चौड़ी सड़कें अन्य शहरों से कहीं बेहतर हैं. वहीं, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के बनने से रेल कनेक्टिविटी के मामले में भी ग्रेटर नोएडा अन्य औद्योगिक शहर से आगे निकल गया है.

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का स्थापना दिवस
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का स्थापना दिवस

नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की स्थापना को आज 32 वर्ष हो गए. प्राधिकरण ने शुक्रवार को 32वां स्थापना दिवस मनाया. इन 32 वर्षो में ग्रेटर नोएडा ने निरंतर प्रगति करते हुए दुनियां भर में एक अलग पहचान बनाई है. ग्रेटर नोएडा न सिर्फ औद्योगिक निवेश के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है बल्कि रिहायश और शिक्षा के क्षेत्र में भी बाकी शहरों से बहुत आगे निकल चुका है. सिर्फ हरियाली व चौड़ी सड़कें ही यहां की पहचान नहीं रही, बल्कि इससे आगे निकलकर डाटा सेंटर, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग, टैक्सटाइल व रेडीमेड गारमेंट, ऑटोमोबाइल, व्हाइट गुड्स के क्षेत्र में खास मुकाम हासिल किया है. ग्रेटर नोएडा के सामने कुछ नई चुनौतियां हैं, जिनसे पार पाने के लिए कई तरह से प्रयास किए जा रहे हैं. इस दौरान प्राधिकरण की स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए.

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 32 सालों के सफर में कई मुकाम हासिल किए. शहर को एक विश्व स्तरीय पहचान दी इसके साथ ही प्राधिकरण की कुछ प्रमुख परियोजनाएं इस प्रकार हैं:

पानी में मिठास घोल रहा गंगाजल
ग्रेटर नोएडा ने साल 2022 में बड़ी उपलब्धि हासिल की. यहां की 10 लाख आबादी के लिए गंगाजल परियोजना का लोकार्पण किया गया. 85 क्यूसेक गंगाजल के जरिए ग्रेटर नोएडा के निवासियों को मीठा पानी पिलाने की शुरुआत कर दी गई. इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे शहर में पहुंचाया जा रहा है. गंगाजल के आ जाने से भूजल दोहन भी कम हुआ है. इससे भूजल को बचाने में भी मदद मिलेगी.

रेल-रोड कनेक्टीविटी में सबसे आगे ग्रेटर नोएडा
रोड कनेक्टीविटी के मामले में ग्रेटर नोएडा सबसे बेहतर शहर कहा जाता है. यह शहर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे से पहले ही जुड़ा हुआ है. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और एनएच-91 भी पास से गुजरे हैं. इसके साथ ही यहां की चौड़ी सड़कें अन्य शहरों से कहीं बेहतर हैं. वहीं, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के बनने से रेल कनेक्टिविटी के मामले में भी ग्रेटर नोएडा अन्य औद्योगिक शहर से आगे निकल गया है. यहां से मुंबई के लिए माल ढुलाई भी बहुत जल्द आसान हो जाएगी.

मोबाइल, गारमेंट्स व डाटा सेंटर हब के रूप में बनी पहचान
वर्तमान समय में ग्रेटर नोएडा की पहचान मोबाइल निर्माता कंपनियों के हब के रूप में हो रही है. ओप्पो, वीवो व सैमसंग जैसी बड़ी कंपनियां यहां से मोबाइल उत्पाद बना रही हैं. देश ही नहीं, दुनियां भर में यहां के निर्मित मोबाइल व उनके उत्पाद निर्यात किए जाते हैं. इससे हजारों लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. ग्रेटर नोएडा टेक्सटाइल के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है. टेक्सटाइल व रेडीमेड गारमेंट्स से जुड़ी सैकड़ों कंपनियां ग्रेटर नोएडा से उत्पाद बनाकर विदेशों को निर्यात कर रही हैं. ये कंपनियां यहां के निवासियों के लिए खासतौर पर महिलाओं के रोजगार का प्रमुख जरिया बनी हुई हैं. देश का सबसे बड़ा डाटा सेंटर ग्रेटर नोएडा में बन रहा है. हीरानंदानी ग्रुप ने इसे बनाया है. बीते साल इसकी शुरुआत हो चुकी है. इस डाटा सेंटर से एक हजार युवाओं को रोजगार व 7000 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है. इससे देश के नागरिकों का डाटा सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी. डाटा सेंटर क्षेत्र की कई और कंपनियां यहां अपनी इकाई स्थापित करने को आतुर हैं. इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की बड़ी कंपनियां जैसे एलजी व हायर आदि भी ग्रेटर नोएडा में अपने उत्पाद बना रही हैं.

इंटीग्रेटेड टाउनशिप बनी सबसे स्मार्ट टाउनशिप
डीएमआईसी और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के संयुक्त उपक्रम इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड (आईआईटीजीएनएल) की तरफ से करीब 750 एकड़ में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप विकसित किया गया है. इस टाउनशिप में अब तक पांच-छह कंपनियां अपना प्लांट भी लगा रही हैं. इनमें हायर इलेक्ट्रॉनिक्स, फॉर्मी मोबाइल, सत्कृति इंफोटेनमेंट, चेनफेंग (एलईडी कंपनी), जे. वर्ल्ड इलेक्ट्रॉनिक्स और गुरु अमरदास शामिल हैं. इसे कंप्लीट स्मार्ट सिटी के तौर पर नियोजित किया गया है. उद्योगों की जरूरत के हिसाब से यहां प्लग एंड प्ले सिस्टम को अपनाया गया है. यह एक ऐसा शहर है, जिसमें आवंटन से पहले ही सभी सुविधाएं विकसित कर दी गई हैं. हर प्लॉट से कूड़ा पाइप के जरिए प्रोसेसिंग प्लांट तक पहुंचेगा. यहां का सर्विलांस सिस्टम पूर्णतया ऑटोमेशन पर काम करेगा.

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अपनी एक विशेष पहचान बनाई है और ग्रेटर नोएडा को विश्व के मानचित्र पर स्थापित किया है. आज ग्रेटर नोएडा देश ही नहीं विदेशों से भी निवेशकों को आकर्षित करने में अपनी बड़ी पहचान बना रहा है. उत्तर प्रदेश में आगामी फरवरी में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लक्ष्य से अधिक निवेश आकर्षित किया है.

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहां "ग्रेटर नोएडा की पहचान को और आगे ले जाने के लिए प्राधिकरण प्रयासरत है. ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के जरिए ग्रेटर नोएडा में बड़े पैमाने पर निवेश व रोजगार के द्वार खुलेंगे. उद्योगों को भूखंड उपलब्ध कराने के लिए 8 नए सेक्टर विकसित किए जा रहे हैं. 2023 में इन सेक्टरों को विकसित कर आवंटित करने का लक्ष्य है. मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट व लॉजिस्टिक हब को धरातल पर उतारने की कोशिश की जाएगी. ग्रेटर नोएडा को स्वच्छता के पहले पायदान पर लाने के लिए प्राधिकरण के साथ ही हर नागरिक को अपना योगदान देना होगा."

ये भी पढ़ेंः BBC Documentry Ruckus: DU में धारा 144 लागू; 25 स्टूडेंट्स हिरासत में, AU में काटी गई बिजली

नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की स्थापना को आज 32 वर्ष हो गए. प्राधिकरण ने शुक्रवार को 32वां स्थापना दिवस मनाया. इन 32 वर्षो में ग्रेटर नोएडा ने निरंतर प्रगति करते हुए दुनियां भर में एक अलग पहचान बनाई है. ग्रेटर नोएडा न सिर्फ औद्योगिक निवेश के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है बल्कि रिहायश और शिक्षा के क्षेत्र में भी बाकी शहरों से बहुत आगे निकल चुका है. सिर्फ हरियाली व चौड़ी सड़कें ही यहां की पहचान नहीं रही, बल्कि इससे आगे निकलकर डाटा सेंटर, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग, टैक्सटाइल व रेडीमेड गारमेंट, ऑटोमोबाइल, व्हाइट गुड्स के क्षेत्र में खास मुकाम हासिल किया है. ग्रेटर नोएडा के सामने कुछ नई चुनौतियां हैं, जिनसे पार पाने के लिए कई तरह से प्रयास किए जा रहे हैं. इस दौरान प्राधिकरण की स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए.

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 32 सालों के सफर में कई मुकाम हासिल किए. शहर को एक विश्व स्तरीय पहचान दी इसके साथ ही प्राधिकरण की कुछ प्रमुख परियोजनाएं इस प्रकार हैं:

पानी में मिठास घोल रहा गंगाजल
ग्रेटर नोएडा ने साल 2022 में बड़ी उपलब्धि हासिल की. यहां की 10 लाख आबादी के लिए गंगाजल परियोजना का लोकार्पण किया गया. 85 क्यूसेक गंगाजल के जरिए ग्रेटर नोएडा के निवासियों को मीठा पानी पिलाने की शुरुआत कर दी गई. इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे शहर में पहुंचाया जा रहा है. गंगाजल के आ जाने से भूजल दोहन भी कम हुआ है. इससे भूजल को बचाने में भी मदद मिलेगी.

रेल-रोड कनेक्टीविटी में सबसे आगे ग्रेटर नोएडा
रोड कनेक्टीविटी के मामले में ग्रेटर नोएडा सबसे बेहतर शहर कहा जाता है. यह शहर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे से पहले ही जुड़ा हुआ है. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और एनएच-91 भी पास से गुजरे हैं. इसके साथ ही यहां की चौड़ी सड़कें अन्य शहरों से कहीं बेहतर हैं. वहीं, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के बनने से रेल कनेक्टिविटी के मामले में भी ग्रेटर नोएडा अन्य औद्योगिक शहर से आगे निकल गया है. यहां से मुंबई के लिए माल ढुलाई भी बहुत जल्द आसान हो जाएगी.

मोबाइल, गारमेंट्स व डाटा सेंटर हब के रूप में बनी पहचान
वर्तमान समय में ग्रेटर नोएडा की पहचान मोबाइल निर्माता कंपनियों के हब के रूप में हो रही है. ओप्पो, वीवो व सैमसंग जैसी बड़ी कंपनियां यहां से मोबाइल उत्पाद बना रही हैं. देश ही नहीं, दुनियां भर में यहां के निर्मित मोबाइल व उनके उत्पाद निर्यात किए जाते हैं. इससे हजारों लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. ग्रेटर नोएडा टेक्सटाइल के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है. टेक्सटाइल व रेडीमेड गारमेंट्स से जुड़ी सैकड़ों कंपनियां ग्रेटर नोएडा से उत्पाद बनाकर विदेशों को निर्यात कर रही हैं. ये कंपनियां यहां के निवासियों के लिए खासतौर पर महिलाओं के रोजगार का प्रमुख जरिया बनी हुई हैं. देश का सबसे बड़ा डाटा सेंटर ग्रेटर नोएडा में बन रहा है. हीरानंदानी ग्रुप ने इसे बनाया है. बीते साल इसकी शुरुआत हो चुकी है. इस डाटा सेंटर से एक हजार युवाओं को रोजगार व 7000 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है. इससे देश के नागरिकों का डाटा सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी. डाटा सेंटर क्षेत्र की कई और कंपनियां यहां अपनी इकाई स्थापित करने को आतुर हैं. इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की बड़ी कंपनियां जैसे एलजी व हायर आदि भी ग्रेटर नोएडा में अपने उत्पाद बना रही हैं.

इंटीग्रेटेड टाउनशिप बनी सबसे स्मार्ट टाउनशिप
डीएमआईसी और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के संयुक्त उपक्रम इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड (आईआईटीजीएनएल) की तरफ से करीब 750 एकड़ में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप विकसित किया गया है. इस टाउनशिप में अब तक पांच-छह कंपनियां अपना प्लांट भी लगा रही हैं. इनमें हायर इलेक्ट्रॉनिक्स, फॉर्मी मोबाइल, सत्कृति इंफोटेनमेंट, चेनफेंग (एलईडी कंपनी), जे. वर्ल्ड इलेक्ट्रॉनिक्स और गुरु अमरदास शामिल हैं. इसे कंप्लीट स्मार्ट सिटी के तौर पर नियोजित किया गया है. उद्योगों की जरूरत के हिसाब से यहां प्लग एंड प्ले सिस्टम को अपनाया गया है. यह एक ऐसा शहर है, जिसमें आवंटन से पहले ही सभी सुविधाएं विकसित कर दी गई हैं. हर प्लॉट से कूड़ा पाइप के जरिए प्रोसेसिंग प्लांट तक पहुंचेगा. यहां का सर्विलांस सिस्टम पूर्णतया ऑटोमेशन पर काम करेगा.

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अपनी एक विशेष पहचान बनाई है और ग्रेटर नोएडा को विश्व के मानचित्र पर स्थापित किया है. आज ग्रेटर नोएडा देश ही नहीं विदेशों से भी निवेशकों को आकर्षित करने में अपनी बड़ी पहचान बना रहा है. उत्तर प्रदेश में आगामी फरवरी में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लक्ष्य से अधिक निवेश आकर्षित किया है.

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहां "ग्रेटर नोएडा की पहचान को और आगे ले जाने के लिए प्राधिकरण प्रयासरत है. ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के जरिए ग्रेटर नोएडा में बड़े पैमाने पर निवेश व रोजगार के द्वार खुलेंगे. उद्योगों को भूखंड उपलब्ध कराने के लिए 8 नए सेक्टर विकसित किए जा रहे हैं. 2023 में इन सेक्टरों को विकसित कर आवंटित करने का लक्ष्य है. मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट व लॉजिस्टिक हब को धरातल पर उतारने की कोशिश की जाएगी. ग्रेटर नोएडा को स्वच्छता के पहले पायदान पर लाने के लिए प्राधिकरण के साथ ही हर नागरिक को अपना योगदान देना होगा."

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