नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: एनटीपीसी प्लांट के पास रसूलपुर में किसानों का धरना जारी है. एनटीपीसी प्लांट पर प्रदर्शन के दौरान किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में किसानों का धरना 2 नवंबर से चल रहा है. बीते दिनों इन लोगों के द्वारा पुलिस प्रशासन का विरोध करते हुए एक विरोध मार्च निकाला गया था. इस दौरान सैकड़ों की तादात में किसान मौजूद रहे और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भई की.
1 नवंबर को एनटीपीसी प्लांट पर किसान अपनी मांगों को (Farmers protest march at NTPC plant) लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. उसी दौरान पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दी और वाटर कैनन से पानी की बौछार भी की गई. इस दौरान कई किसान घायल हुए. साथ ही पुलिस ने 500 लोगों के खिलाफ मुकदमा भई दर्ज किया और एक दर्जन किसानों को जेल भेज दिया. किसानों की रिहाई और लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर 2 नवंबर से रसूलपुर में किसानों का धरना चल रहा है. इस धरने को जिले के कई किसान संगठन अपना समर्थन दे चुके हैं. किसानों ने रसूलपुर में एक विरोध मार्च निकाला. इस दौरान किसान हाथों में लाठी और डंडे लेकर इस विरोध मार्च में निकले और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
प्रशासन ने किसानों से बुधवार तक का समय मांगा है, जिसके बाद किसानों का साफ तौर पर कहना है कि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह लोग जिलाधिकारी दफ्तर के लिए पैदल कुच करे उसका घेराव करेंगे और फिर वही पर धरना प्रदर्शन करेंगे. इस धरना प्रदर्शन में भारी संख्या में महिलाएं भी शामिल हो रही हैं. 12 किसान अभी भी जेल में है, जिन्हें प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था. इन लोगों की मांग हैं कि सभी किसानों को बिना शर्त रिहा किया जाए और किसानों पर लगाए गए मुकदमे भी वापस लिए जाएं. इसके साथ ही किसानों पर लाठीचार्ज करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो. इन सभी मांगों को लेकर इन लोगों का धरना प्रदर्शन चल रहा है.
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किसानों ने बताया कि 1984 में एनटीपीसी प्लांट के लिए 24 गांव की जमीन का अधिग्रहण किया गया था. लेकिन उस दौरान मुआवजा बांटने में अनियमितताएं बरती गई थी. किसानों को एक समान मुआवजा नहीं दिया गया था. किसान लंबे समय से एक समान मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन करते आ रहे हैं. इसके अलावा रोजगार, गांवों में विकास को लेकर भी लंबे समय से प्रदर्शन किया जा रहा है.
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