नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडाः ग्रेटर नोएडा की खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए फसाड लाइटें लगवाई जाएंगी. ये लाइटें नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, 130 मीटर रोड और 105 मीटर रोड पर स्थित बिल्डिंगों पर उनके मालिकों को खुद से लगानी होगी. इस पॉलिसी पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मंजूरी दे दी है. अब जल्दी ग्रेटर नोएडा में सभी मुख्य मार्गों पर फसाड लाइट लगाई जाएंगी. (Facade lights will have to be installed in building of Greater Noida)
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से प्राधिकरण दफ्तर और 130 मीटर चौड़ी रोड के दोनों ओर स्थित मल्टीस्टोरी बिल्डिंगों पर उनके मालिकों की तरफ से फसाड लाइटें लगवाई जाएंगी. रोड की तरफ फ्रंट एलिवेशन में कम से कम 40 फीसदी क्षेत्रफल पर फसाड लाइटें लगाने का प्रावधान किया गया है. ये लाइटें मल्टी कलर में होंगी. लेजर बीम का भी प्रयोग किया जा सकता है. नोटिस जारी होने से चार माह में फसाड लाइटें लगानी होगी. ऐसा न करने पर लीज डीड की शर्तों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. इन मार्गों पर स्थित बिल्डिंगों पर फसाड लाइटें लगाने के बाद ही अधिभोग प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ने बताया कि बोर्ड ने डिपो से बोड़ाकी तक मेट्रो रूट की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) पर मुहर लगा दी है. अब यह डीपीआर शासन के जरिए भारत सरकार को भेजी जाएगी. इस प्रोजेक्ट को पीएम गति शक्ति से जोड़ते हुए वित्तीय सहायता प्राप्त करने की कोशिश की जाएगी.
दरअसल, ग्रेटर नोएडा के बोड़ाकी में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब का बनना है. यहां पर रेल, मेट्रो, अंतरराज्यीय बस अड्डा और स्थानीय ट्रांसपोर्ट की सुविधाएं विकसित होनी है. नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच एक्वा लाइन मेट्रो का आखिरी स्टेशन डिपो है. यहां से बोड़ाकी तक मेट्रो का विस्तार होना है. इसे बनाने का जिम्मा नोएडा मेट्रो रेल कार्पोरेशन (एनएमआरसी) को दिया गया है. एनएमआरसी ने इसकी डीपीआर तैयार कर ली है.
डीपीआर के मुताबिक, डिपो से बोड़ाकी तक मेट्रो रूट की लंबाई करीब 2.6 किलोमीटर होगी. इसे बनाने में करीब 416 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यह रूट भी एलिवेटेड होगा. शुरुआत में चार कोच वाली मेट्रो चलाई जाएगी. बाद में जरूरत के हिसाब से इसे बढ़ाया जा सकता है.