नई दिल्ली : पूर्वी दिल्ली नगर निगम (East Delhi Municipal Corporation) के इंजीनियर प्रेम ने बताया कि निगम ने गीले कचरे से खाद बनाने के लिए एरोबिक ड्रम कंपोस्ट प्लांट (Aerobic Drum Compost Plant) लगाया है. इससे घरों से निकलने वाले गीले कूड़े का निस्तारण कर उससे खाद बनाई जाती है.
क्या है खाद बनाने की प्रकिया :-
इस प्लांट में आने वाले गीले कचरे को सबसे पहले सेग्रिगेशन टेबल पर रखा जाता है, जहां उसमें से कंकड़ और प्लास्टिक से मटेरियल को अलग किया जाता है जो कम्पोस्ट नहीं हो सकता. सेग्रिगेशन के बाद गीले कचरे को वेट मशीन से नापा जाता है. तौलने के बाद स्रेडिंग मशीन में डाला जाता है जिससे कचरा छोटे-छोटे टुकड़ों में कटकर एरोबिक कंपोजिटिंग ड्रम में चला जाता है.
ड्रम में बायोकुलम बेक्टेरिया और सेनिट्रेट डाला जाता है. बायोकुलम बैक्टीरिया कचरे को कंपोस्ट करके खाद बनाने का काम करता है, जबकि सीनिट्रेट दुर्गंध को दूर करता है. एक टन कचड़े से तकरीबन 160 किलोग्राम खाद बनती है, कचरे को खाद में तब्दील करने में 20 दिन का वक्त लगता है. कचरे से बनाई गई खाद का इस्तेमाल निगम अपने पार्कों में कर रहा है. इससे न केवल कूड़े का निस्तारण हो रहा है बल्कि निगम को खाद भी मिल रही है.