नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली नगर निगम (East Delhi Municipal Corporation) ने आज निगम मुख्यालय में स्वच्छ सर्वेक्षण-22 (Swachh Survekshan 22) के संबंध में प्रशिक्षण/जागरूकता कार्यक्रम (Training/Awareness Program) का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में निगम के आयुक्त विकास आनंद, प्रमुख अभियंता दिलीप रमनानी, पूर्वी निगम में विषय सलाहकार प्रदीप खंडेलवाल एवं ज्ञान प्रकाश मिश्रा के अलावा डेम्स विभाग (Department of Environment and Managerial Services) से काफी संख्या में स्वच्छता निरीक्षक तथा विभिन्न विभागों जैसे जल बोर्ड, PWD तथा सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग से आये कर्मचारियों ने भी भाग लिया.
निगम आयुक्त विकास आनंद ने कहा कि सभी कर्मचारी और अधिकारी नियमित रूप से बेहतर कार्य करते रहे तो स्वच्छ सर्वेक्षण में रैंकिग स्वयं ही बेहतर होगी. उन्होंने कहा कि बेहतर रैंकिग के लिए ग्राउंड लेवल पर काम करना जरूरी है, जिसके लिए सभी को साथ मिलकर काम करना होगा. स्थानीय लोगों को बेहतर नागरिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के साथ ही नागरिक समस्याओं का यथाशीघ्र निपटारा करना होगा, जिससे उनकी जीवन स्तर की गुणवत्ता में सुधार हो सके. उन्होंने सेनेटरी इंस्पेक्टरों से अपील की कि क्षेत्र में सफाई व्यवस्था, शौचालयों की साफ-सफाई तथा रख-रखाव आदि का विशेष रूप से ध्यान रखें. उन्होंने बताया कि कूड़ा प्रबंधन, सेग्रीगेटेड वेस्ट कलेक्शन, लीगेसी वेस्ट आदि क्षेत्रों पर भी पूर्वी निगम योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहा है.
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वहीं, सलाहकार प्रदीप कुमार खंडेलवाल ने बताया कि नई गाइड लाइन में सीवेज प्रबंधन, फीकल स्लज प्रबंधन, वेस्ट वाॅटर ट्रीटमेंट, मैकेनिकल स्वीपिंग, कूड़ा प्रबंधन को शामिल किया गया है. उन्होंने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण-22 में दस्तावेजों और कागजों का ढेर अपलोड करने से निजात दी गई है. अब मॉनिटरिंग और रिकॉर्ड भेजने की प्रक्रिया डिजिटली ही करना होगा. डिजिटल ट्रैकिंग, सफाई व्यवस्था, स्वच्छता ऐप, कचरा लिफ्टिंग और पर्यावरण सहायकों की सुरक्षा के इंतजाम के अंक फीडबैक में रखे गए हैं. वहीं कहा कि पूर्वी निगम क्षेत्र में जहां पर सामुदायिक एवं जन शौचालय नहीं है, वहां जगह चिह्नित करके नए शौचालयों का निर्माण करवाना होगा. साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्वच्छ सर्वेक्षण-22 के बारे में जागरूक करना होगा.
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