नई दिल्ली: वर्ल्ड डायबिटीज डे के मौक़े पर पूर्वी दिल्ली के विकास मार्ग एक्सटेंशन स्थित कैलाश दीपक अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में शामिल लोगों को वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम ने डायबिटीज के प्रति जागरूक किया. वरिष्ठ डायबिटालोजिस्ट डॉ आशीष सैनी ने बताया कि शहर के साथ ही ग्रामीण इलाके में भी डायबिटीज के मरीज तेजी से बढ़ रहें हैं.
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ताज़ा अकड़ा के मुताबिक भारत में तक़रीबन 10 करोड़ लोग डायबिटीज यानी मधुमेह की बीमारी से ग्रस्त हैं. इससे कई गुना मरीज प्री-डायबिटीज से ग्रस्त हैं. प्री डायबिटीज वह स्थिति है, जिसमें मरीज को डायबिटीज हुई नहीं है लेकिन उनमें डायबिटीज होने की संभावना ज्यादा है. डॉ आशीष सैनी ने बताया कि डायबिटीज की सबसे बड़ी वजह मोटापा, खराब लाइफस्टाइल, खराब खानपान, व्यायाम नहीं करना और स्ट्रेस ज़्यादा होना है. इन सब बातों का ध्यान रखकर डायबिटीज से बच सकते हैं.
जिन लोगों का वजन ज्यादा है, फैमिली हिस्ट्री डायबिटीज की है, ब्लड प्रेशर बराबर बढ़ा रहता है, कोलेस्ट्रॉल ज्यादा रहता है, ऐसे लोगों को डायबिटीज ज्यादा होने का रिस्क आम लोगों से अधिक है. ऐसे लोगों को समय-समय पर जांच कराना चाहिए. जिसमें खाली पेट शुगर, खाने के बाद शुगर, खाने के दो घंटे बाद के बाद के साथ ही तीन महीने की एवरेज शुगर जांच शामिल है.
डॉ सैनी ने बताया कि 40 मिनट रोजाना एक्सरसाइज, मीठे से परहेज, एक साथ नहीं खाना जैसे उपाय से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है. डॉ सैनी ने बताया कि डायबिटीज को लेकर अपने डॉक्टर से संपर्क में रहें. जो भी दवाई दी जा रही है उसे समय पर लें. समय पर दवा शुरू कर शुरुआती दौर में ही डायबिटीज की बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है.
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