नई दिल्ली: हिंदू धर्म में सावन का महीना बेहद खास माना गया है. हिंदू पंचांग का यह पांचवां महीना भोलेनाथ को समर्पित होता है. शिवभक्तों के लिए पूरा महीना बेहद खास होता है. इन दिनों गाजियाबाद से होकर हर दिन हजारों की संख्या में शिव भक्त कावड़िए गुजर रहे हैं. गाजियाबाद से कावड़ मार्ग पर शिवभक्त कावड़ियों का जनसैलाब उमड़ रहा है. कावड़ यात्रा के दौरान दिल को छू जाने वाले नजारे देखने को मिल रहे हैं.
दिल्ली के उत्तम नगर के रहने वाले रोशन दीवाना को बचपन में ही पोलियो हो गया था. दिव्यांग होने के बाद भी रोशन पूरी तरह से हौसले से भरे हुए हैं. दोनों टांगों पर खड़े नहीं हो पाते हैं फिर भी व्हीलचेयर पर बैठकर हरिद्वार से कावड़ लेकर आ रहे हैं. रास्ते में जो भी रोशन को देखता है वह चौक जाता है. उनसे बातचीत करता है और उनका हालचाल लेता है. साथ ही उनका सहयोग करता है. रोशन बताते हैं कि उन्होंने एक मन्नत मांगी थी, जो पूरी हुई. इसके बाद उन्होंने व्हीलचेयर पर ही कावड़ यात्रा करने का मन बनाया. हालांकि, उनकी मां ने मना किया कि व्हीलचेयर से हरिद्वार कावड़ लेने मत जाओ, लेकिन उन्होंने कहा कि उनको भगवान शिव ने बुलाया है, इसीलिए उनको जाना पड़ेगा.
5 दिन में व्हीलचेयर से पंहुचा हरिद्वार: रोशन एक जुलाई को दिल्ली से व्हीलचेयर को चलाते हुए हरिद्वार के लिए निकले. हरिद्वार पहुंचने में उन्हें करीब 5 दिन का वक्त लगा इस दौरान रास्ते में कई लोगों ने उनका सहयोग किया. हर की पौड़ी पहुंचकर रोशन ने जल उठाया और फिर दिल्ली के लिए जल लेकर निकल पड़े. बता दें कि हरिद्वार से दिल्ली की दूरी तकरीबन दो सौ किलोमीटर है. कावड़ियों को इस दूरी को पैदल तय करने में तकरीबन एक हफ्ते से 10 दिन का वक्त लगता है.
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कावड़ यात्रा में चोरी हो गया था बैग: रोशन बताते हैं कि कावड़ यात्रा के दौरान लोगों का सिर्फ सहयोग ही नहीं बल्कि प्यार भी मिला. दिल्ली से हरिद्वार जाते वक्त उनका बैग चोरी हो गया था, जिसमें कुछ रुपए थे, लेकिन जब इसकी जानकारी लोगों को लगी तो उन्होंने आर्थिक मदद की. अपनी दिव्यांगता को अपनी ताकत बनाते हुए रोशन दिल्ली में अपना व्यवसाय करते हैं. वह कीर्तन पार्टी करते हैं. बहुत शानदार भजन गाते हैं. कावड़ यात्रा के दौरान भी उन्होंने कई कावर शिविरों में भजन आदि गाकर शिव भक्तों का दिल जीत चुके है. इतना ही नहीं रोशन अपने परिवार का आर्थिक तौर पर सहयोग आर्थिक तौर पर सहयोग करते हैं.
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