नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा का सेक्टर 18 को मिनी कनॉट प्लेस भी कहा जाता है, जहां बड़ी-बड़ी दुकानों के साथ ही रेहड़ी पटरी लगाने वाले भी हैं, जिसकी वजह से आए दिन यहां जाम की समस्या पैदा हो जाती है. इसी से निजात दिलाने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने रेहड़ी पटरियों को हटाने के लिए पहले तो वेंडर जोन बनाया गया, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया.
वहीं प्राधिकरण ने वेंडर जोन की असफलता के बाद जगह-जगह कियोस्क खोला. इसकी ऑनलाइन बोली लगाई गई. लेकिन सेक्टर-18 में एक कियोस्क की बोली लगने के बाद से वह चर्चा में है. चर्चा इसलिए है क्योंकि छोटे से कियोस्क की सबसे बड़ी बोली लगाने वाला एक चाय विक्रेता है. रेहड़ी पटरी लगाकर चाय की दुकान चलाने वाले दिगंबर झा और उनके बेटे सोनू कुमार झा ने 3 लाख 25 हजार की बोली लगाई है. बोली लगने के बाद प्राधिकरण ने निर्धारित रकम को जमा करने के लिए 3 महीने का समय दिया है. लेकिन 2 महीने बीतने के बाद भी इन लोगों द्वारा प्राधिकरण में पैसा नहीं जमा किया गया है.
कियोस्क लेने में जताई असमर्थता: ईटीवी भारत से खास बातचीत में दिगंबर झा और सोनू झा ने बताया कि प्राधिकरण से रेट कम करने की बात चल रही है, अगर प्राधिकरण द्वारा रेट कम किया गया तो कियोस्क लेंगे अन्यथा उसे छोड़ देंगे. उन्होंने बताया कि जिस वक्त लोगों द्वारा अत्यधिक बोली लगाई जा रही थी, जिसके चलते हम भी उत्साह में आकर बोली लगा दिए, पर अब हमारी स्थिति सवा 3 लाख रुपये महीने देकर लेने की नहीं है. बता दें कि जिस वक्त इनके द्वारा कियोस्क की बोली लगाई गई थी उस वक्त उन्हें पूरी उम्मीद थी की वह कियोस्क का पैसा जमा कर उसे ले लेंगे, लेकिन अब उसे लेने में वह असमर्थता दिखा रहे हैं.
कियोस्क लेने वाले पिता-पुत्र का कहना: सेक्टर 18 में कियोस्क लेने वाले दिगंबर झा और पुत्र सोनू कुमार झा ने बताया कि प्राधिकरण से वार्ता चल रही है. प्राधिकरण अगर सवा 3 लाख रुपये महीना किस्तों में लेने का काम किया, तो शायद हम कियोस्क ले पाएंगे. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में हमारी स्थिति नहीं बन पा रही कि कियोस्क ले पाएं. वहीं दिगंबर झा ने बताया कि हम करीब 1997 से नोएडा के सेक्टर 18 में दुकान लगा रहे हैं, पर इतनी महंगी दुकान आज तक हमने कभी नहीं ली है.
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