नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली नगर निगम के स्वास्थ्य समिति की बैठक हुई. इस बैठक में पक्ष और विपक्ष के पार्षदों द्वारा धार्मिक स्थलों के आसपास अवैध रूप से चल रहे मीट की दुकानों का मुद्दा उठाया गया. पार्षदों ने बैठक में अवैध रूप से चल रही मीट दुकानों पर कार्रवाई की मांग की. बैठक की अध्यक्षता स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष प्रमोद गुप्ता ने की.
स्वास्थ्य समिति की बैठक में पार्षदों ने नवरात्र के दौरान धार्मिक स्थलों के आसपास विशेष अभियान चलाकर अवैध रूप से चल रही मीट की दुकानों को बंद कराने की मांग की. साथ ही मांग की कि रेस्टोरेंट्स और होटलों को आदेश दिया जाए कि वह निगम द्वारा जारी आदेशों का पालन करते हुए इसे डिस्प्ले करें कि उसके द्वारा बेचा जा रहा मीट झटका है या हलाल.
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बैठक में पार्षद राजीव चौधरी ने कहा कि दो साल पहले सभी दुकानों को ये आदेश दिया गया था कि वो अपने रेस्टोरेंट में लिखें कि वहां बिकने वाला मीट झटके का है या हलाल का. लेकिन इस आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है. इसके साथ ही क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध रूप से मीट बेचा जा रहा है. हालात इतने खराब हैं कि धार्मिक स्थलों के आसपास भी बेखौफ होकर मीट बिक रहा है. नवरात्र का ख्याल रखते हुए धार्मिक स्थलों के आसपास से अवैध रूप से चल रहे मीट दुकानों को बंद किया जाना चाहिए. आप पार्षद रेखा त्यागी ने भी राजीव कुमार की मांग का समर्थन किया.
वहीं पार्षद रमेश गुप्ता ने कहा कि उनके वार्ड में 70 फीसदी ढाबे बिना लाइसेंस के चल रहे हैं. उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. पार्षद दीपक मल्होत्रा ने कहा कि उनके इलाके में भी बड़े पैमाने पर अवैध रूप से मीट की दुकानें बिना लाइसेंस के चल रही हैं उन पर निगम के अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते हैं.
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वहीं पार्षद संजय गोयल ने कहा कि कोरोना काल के दौरान स्वामी दयानंद अस्पताल के डॉक्टरों ने बहुत काम किया जिसकी वजह से काफी लोगों की जान बची है. बैठक के दौरान उन्होंने स्वामी दयानंद अस्पताल में एक पब्लिक रिलेशन ऑफिसर नियुक्त करने की मांग की ताकि वह पार्षदों को अटेंड कर सके. क्योंकि कई बार पार्षद इमरजेंसी में मदद के लिए फोन करते हैं तो पार्षदों का कोई फोन अटेंड नहीं करता है.
वहीं प्रमोद गुप्ता ने बताया कि बैठक में सभी सदस्यों की बात सुनी गई है और अधिकारियों को जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.