नई दिल्लीः राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में आरोपित शराब कारोबारी अमन दीप सिंह ढल की डिफाल्ट जमानत याचिका और नियमित जमानत याचिका दोनों खारिज दी. ईडी ने ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक ढल को एक मार्च को शराब घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था.
ईडी ने ढल पर आरोप लगाया है कि वह आबकारी नीति को तैयार करने और दक्षिण समूह को लाभ पहुंचाने के लिए आम आदमी पार्टी को रिश्वत देने के मामले में सक्रिय रूप से शामिल रहा है. उसने आबकारी नीति के मसौदे को तैयार कराने में भी अहम भूमिका निभाई है. ढल ने रिश्वत के सात करोड़ 68 लाख रुपए ट्रांसफर करने और उन्हें छिपाने में भी मुख्य भूमिका निभाई है.
पिछली चार्जशीट में बनाया गया था आरोपीः सीबीआई ने 25 अप्रैल को चार्जशीट दाखिल की थी, उसमें अमनदीप ढल को भी दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ आरोपी बनाया गया है. एक दिन पहले ही राउज एवेन्यू कोर्ट ने कथित आबकारी घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ही अन्य आरोपित शराब कारोबारी अरुण रामचंद्र पिल्लई की जमानत याचिका भी गुरुवार को खारिज कर दी थी.
पिल्लई का नाम भी शराब घोटाला मामले में उस साउथ लॉबी से जुड़ा है, जिसके ऊपर आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपए की रिश्वत देने का आरोप है. वह शराब कंपनी इंडोस्पिरिट के फ्रंटमैन के रूप में जाने जाते हैं. मामले की जांच कर रही ईडी की टीम ने जांच में पाया है कि इंडोस्पिरिट ने कार्टेलाइजेशन से कमाए गए 68 करोड़ रुपए के लाभ में से 29 करोड़ रुपए पिल्लई के खाते में भेजे गए थे.
ईडी ने जांच के दौरान पाया था कि पिल्लई ने एक चैनल के मालिक को 475 करोड़ रुपए और मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों अभिषेक बोइनपल्ली को 3.85 करोड़ रुपए का भुगतान किया है. शराब घोटाले में सीबीआई और ईडी ने कुल 29 लोगों को गिरफ्तार किया है.
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