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सैलरी के लिए तरस रहे हैं MCD के शिक्षक और डॉक्टर, HC का आदेश- जल्द करें भुगतान

दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली बेंच ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया कि वे शिक्षकों और डॉक्टरों की सैलरी का भुगतान करें.

दिल्ली हाईकोर्ट ने एमसीडी को दिया आदेश
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Published : May 29, 2019, 6:39 PM IST

Updated : May 29, 2019, 10:33 PM IST

नई दिल्ली: हाईकोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया है कि उनके द्वारा संचालित प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों और अस्पतालों के डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों की सैलरी का भुगतान किया जाए.

दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली बेंच ने दोनों नगर निगमों को निर्देश दिया कि वे इस आदेश की अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करें. बता दें कि हाईकोर्ट ने 5 जुलाई तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.

एक एनजीओ ने डाली याचिका
यह याचिका सोशल जूरिस्ट नामक एनजीओ की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने दायर की है. याचिका में दोनों नगर निगमों को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वे अपने प्राइमरी स्कूल के टीचरों और डॉक्टरों की बकाया सैलरी का भुगतान करें.

फरवरी में सैलरी केवल 4 से 8 रुपये मिले
वहीं याचिका में यह भी कहा गया है कि टीचर्स को मार्च और अप्रैल का वेतन नहीं दिया गया है, वहीं फरवरी में उन्हें टैक्स की कटौती के बाद सैलरी के रूप में महज चार और आठ रुपये मिले. यह भी कहा है कि हिन्दू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों को मार्च और अप्रैल का वेतन न मिलने के कारण हड़ताल करने की नौबत आ गई. साथ ही टीचर्स को वेतन नहीं दिए जाने से इन दोनों एमसीडी के स्कूलों में पढ़ रहे हजारों बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित होगी.

नई दिल्ली: हाईकोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया है कि उनके द्वारा संचालित प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों और अस्पतालों के डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों की सैलरी का भुगतान किया जाए.

दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली बेंच ने दोनों नगर निगमों को निर्देश दिया कि वे इस आदेश की अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करें. बता दें कि हाईकोर्ट ने 5 जुलाई तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.

एक एनजीओ ने डाली याचिका
यह याचिका सोशल जूरिस्ट नामक एनजीओ की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने दायर की है. याचिका में दोनों नगर निगमों को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वे अपने प्राइमरी स्कूल के टीचरों और डॉक्टरों की बकाया सैलरी का भुगतान करें.

फरवरी में सैलरी केवल 4 से 8 रुपये मिले
वहीं याचिका में यह भी कहा गया है कि टीचर्स को मार्च और अप्रैल का वेतन नहीं दिया गया है, वहीं फरवरी में उन्हें टैक्स की कटौती के बाद सैलरी के रूप में महज चार और आठ रुपये मिले. यह भी कहा है कि हिन्दू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों को मार्च और अप्रैल का वेतन न मिलने के कारण हड़ताल करने की नौबत आ गई. साथ ही टीचर्स को वेतन नहीं दिए जाने से इन दोनों एमसीडी के स्कूलों में पढ़ रहे हजारों बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित होगी.

Intro:
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया है कि उनके द्वारा संचालित प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों और अस्पतालों के डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों की सैलरी का भुगतान किया जाए। चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली बेंच ने दोनों नगर निगमों को निर्देश दिया कि वे इस आदेश की अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करें। कोर्ट ने 5 जुलाई तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। 


Body:याचिका सोशल जूरिस्ट नामक एनजीओ की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने दायर की है। याचिका में दोनों नगर निगमों को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वे अपने प्राइमरी स्कूल के टीचरों और डॉक्टरों की बकाया सैलरी का भुगतान करें। याचिका में कहा गया है कि इन्हें मार्च और अप्रैल का वेतन अब तक नहीं मिला है।




Conclusion:याचिका में कहा गया है कि टीचर्स को मार्च और अप्रैल का वेतन नहीं दिया गया है, वहीं फरवरी में उन्हें टैक्स की कटौती के बाद सैलरी के रूप में महज चार और आठ रुपये मिले। यह भी कहा है कि हिन्दू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों को मार्च और अप्रैल का वेतन न मिलने के कारण हड़ताल करने की नौबत आ गई । याचिका में कहा गया है कि टीचर्स को वेतन नहीं दिए जाने से इन दोनों एमसीडी के स्कूलों में पढ़ रहे हजारों बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित होगी।
Last Updated : May 29, 2019, 10:33 PM IST
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