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सट्टे में हारा तो किया LIC एजेंट का अपहरण, पैसे ना मिलने पर दबा दिया गला! 4 गिरफ्तार

गला दबाकर एलआईसी एजेंट की हत्या करने और शव को उत्तर प्रदेश की नहर में फेंक देने के मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में पता चला है कि उन्होंने उससे 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. जिसके ना देने पर नाराज होकर उन्होंने उसका गला दबा दिया.

lic agent murder case
एलआईसी एजेंट की हत्या
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Published : Jan 23, 2020, 9:28 PM IST

नई दिल्ली: प्रशांत विहार में रहने वाले एक एलआईसी एजेंट को कुछ लोगों ने फोन करके बुलाया और उन्हें अगवा कर 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी. ये रकम नहीं देने पर उन्होंने गला दबाकर एलआईसी एजेंट की हत्या कर दी और शव को उत्तर प्रदेश की नहर में फेंक दिया. इस मामले में क्राइम ब्रांच ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि सट्टे में उनके ऊपर काफी कर्ज हो गया था. इसलिए उन्होंने अपहरण कर इस वारदात को अंजाम दिया.

एलआईसी एजेंट की हत्या मामले में 4 अरेस्ट

पुलिस को मिली थी शिकायत
डीसीपी राजेश देव के मुताबिक 7 जनवरी को प्रशांत विहार इलाके से दीपक दुआ के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी. शिकायतकर्ता ने उनके अपहरण की आशंका जताई. जिसे लेकर प्रशांत विहार थाने में एफआईआर दर्ज की गई. 17 जनवरी को यूपी के सिकंदराबाद थाने की पुलिस ने उन्हें बताया कि दीपक दुआ का शव उनके यहां नहर में मिला है. इसे लेकर अपहरण का ये मामला हत्या में बदल दिया गया.

4 आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने किया गिरफ्तार
इस वारदात की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए एसीपी संदीप लांबा की देखरेख में इंस्पेक्टर नीरज कुमार, विजय समारिया और एसआई मनोज यादव की टीम छानबीन में जुटी. क्राइम ब्रांच की टीम ने जांच के दौरान जब टेक्निकल सर्विलांस की मदद ली और कुछ लोगों से पूछताछ की तो उनका शक मोनू शर्मा पर गया.
मोनू शर्मा सहित चार आरोपियों को नांगलोई और उसके आसपास के इलाकों से गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि सट्टे में रुपये हारने के चलते उनके ऊपर काफी कर्ज था. इसलिए उन्होंने दीपक का अपहरण किया और विरोध करने पर उसकी हत्या कर दी.

ऐसे दिया वारदात को अंजाम
विनोद ने पुलिस को बताया कि उसने अपने दोस्तों को दीपक दुआ के बारे में जानकारी दी. उसने बताया कि उसे अगवा कर लाखों रुपये की फिरौती वसूली जा सकती है. जिससे उनका कर्ज चुकाया जा सकता है. इसके लिए उन्होंने यूपी के कोसीकला से 2 सिम कार्ड लिए थे. इससे दीपक को फोन कर उन्होंने इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के लिए नोएडा मेट्रो स्टेशन बुलाया.

रुपये ना देने पर दबाया गला
दीपक जब वहां पहुंचा तो विनोद उसे मिला और कार में अपने साथ अगवा कर ले गया. उन्होंने उससे 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी. उसने ये रकम देने से मना किया. उसने कहा कि उसके एटीएम से 30 हजार रुपये वो ले सकते हैं. इस पर वो नाराज हुए और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद शव को नहर में फेंक दिया था.

विनोद और संदीप हैं मास्टरमाइंड
गिरफ्तार किया गया विनोद कुमार दसवीं कक्षा तक पढ़ा है. वो संदीप के संपर्क में आया जो हनीट्रैप के कई मामलों में शामिल रहा है. इस पूरी वारदात के मुख्य आरोपी विनोद और संदीप है. दूसरा आरोपी संदीप निहाल विहार थाने का घोषित बदमाश है और हनी ट्रैप के कई मामलों में शामिल रहा है. तीसरा आरोपी मोनू शर्मा क्रिकेट मैच पर सट्टा लगाता है. चौथा आरोपी सन्नी रणहौला का रहने वाला है और उसने ही दीपक का गला दबाया था.

नई दिल्ली: प्रशांत विहार में रहने वाले एक एलआईसी एजेंट को कुछ लोगों ने फोन करके बुलाया और उन्हें अगवा कर 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी. ये रकम नहीं देने पर उन्होंने गला दबाकर एलआईसी एजेंट की हत्या कर दी और शव को उत्तर प्रदेश की नहर में फेंक दिया. इस मामले में क्राइम ब्रांच ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि सट्टे में उनके ऊपर काफी कर्ज हो गया था. इसलिए उन्होंने अपहरण कर इस वारदात को अंजाम दिया.

एलआईसी एजेंट की हत्या मामले में 4 अरेस्ट

पुलिस को मिली थी शिकायत
डीसीपी राजेश देव के मुताबिक 7 जनवरी को प्रशांत विहार इलाके से दीपक दुआ के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी. शिकायतकर्ता ने उनके अपहरण की आशंका जताई. जिसे लेकर प्रशांत विहार थाने में एफआईआर दर्ज की गई. 17 जनवरी को यूपी के सिकंदराबाद थाने की पुलिस ने उन्हें बताया कि दीपक दुआ का शव उनके यहां नहर में मिला है. इसे लेकर अपहरण का ये मामला हत्या में बदल दिया गया.

4 आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने किया गिरफ्तार
इस वारदात की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए एसीपी संदीप लांबा की देखरेख में इंस्पेक्टर नीरज कुमार, विजय समारिया और एसआई मनोज यादव की टीम छानबीन में जुटी. क्राइम ब्रांच की टीम ने जांच के दौरान जब टेक्निकल सर्विलांस की मदद ली और कुछ लोगों से पूछताछ की तो उनका शक मोनू शर्मा पर गया.
मोनू शर्मा सहित चार आरोपियों को नांगलोई और उसके आसपास के इलाकों से गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि सट्टे में रुपये हारने के चलते उनके ऊपर काफी कर्ज था. इसलिए उन्होंने दीपक का अपहरण किया और विरोध करने पर उसकी हत्या कर दी.

ऐसे दिया वारदात को अंजाम
विनोद ने पुलिस को बताया कि उसने अपने दोस्तों को दीपक दुआ के बारे में जानकारी दी. उसने बताया कि उसे अगवा कर लाखों रुपये की फिरौती वसूली जा सकती है. जिससे उनका कर्ज चुकाया जा सकता है. इसके लिए उन्होंने यूपी के कोसीकला से 2 सिम कार्ड लिए थे. इससे दीपक को फोन कर उन्होंने इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के लिए नोएडा मेट्रो स्टेशन बुलाया.

रुपये ना देने पर दबाया गला
दीपक जब वहां पहुंचा तो विनोद उसे मिला और कार में अपने साथ अगवा कर ले गया. उन्होंने उससे 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी. उसने ये रकम देने से मना किया. उसने कहा कि उसके एटीएम से 30 हजार रुपये वो ले सकते हैं. इस पर वो नाराज हुए और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद शव को नहर में फेंक दिया था.

विनोद और संदीप हैं मास्टरमाइंड
गिरफ्तार किया गया विनोद कुमार दसवीं कक्षा तक पढ़ा है. वो संदीप के संपर्क में आया जो हनीट्रैप के कई मामलों में शामिल रहा है. इस पूरी वारदात के मुख्य आरोपी विनोद और संदीप है. दूसरा आरोपी संदीप निहाल विहार थाने का घोषित बदमाश है और हनी ट्रैप के कई मामलों में शामिल रहा है. तीसरा आरोपी मोनू शर्मा क्रिकेट मैच पर सट्टा लगाता है. चौथा आरोपी सन्नी रणहौला का रहने वाला है और उसने ही दीपक का गला दबाया था.

Intro:फोटो मारे गए दीपक और क्राइम ब्रांच द्वारा पकड़े गए चार आरोपियों का है। खबर से संबंधित वीडियो wrap से भेज रहा हूँ.
नई दिल्ली
प्रशांत विहार में रहने वाले एक एलआईसी एजेंट को कुछ लोगों ने फोन करके बुलाया और उन्हें अगवा कर 25 लाख रुपए की फिरौती मांगी. यह रकम नहीं देने पर उन्होंने गला दबाकर एलआईसी की एजेंट की हत्या कर दी और शव को उत्तर प्रदेश के नहर में फेंक दिया. इस मामले में क्राइम ब्रांच ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि सट्टे में उनके ऊपर काफी कर्ज हो गया था. इसलिए उन्होंने अपहरण कर इस वारदात को अंजाम दिया.


Body:डीसीपी राजेश देव के अनुसार 7 जनवरी को प्रशांत विहार इलाके से दीपक दुआ के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी. शिकायतकर्ता ने उनके अपहरण की आशंका जताई जिसे लेकर प्रशांत विहार थाने में एफआईआर दर्ज की गई. 17 जनवरी को उत्तर प्रदेश के सिकंदराबाद थाने की पुलिस ने उन्हें बताया कि दीपक दुआ का शव उनके यहां नहर में मिला है. इसे लेकर अपहरण का यह मामला हत्या में बदल दिया गया.


चार आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने किया गिरफ्तार
इस वारदात की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए एसीपी संदीप लांबा की देखरेख में इंस्पेक्टर नीरज कुमार, विजय समारिया और एसआई मनोज यादव की टीम छानबीन में जुटी. क्राइम ब्रांच की टीम ने जांच के दौरान जब टेक्निकल सर्विलांस की मदद ली और कुछ लोगों से पूछताछ की तो उनका शक मोनू शर्मा पर गया. मोनू शर्मा सहित चार आरोपियों को नांगलोई और उसके आसपास के इलाकों से गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि सट्टे में रुपये हारने के चलते उनके ऊपर काफी कर्ज था. इसलिए उन्होंने दीपक का अपहरण किया और विरोध करने पर उसकी हत्या कर दी.


ऐसे दिया वारदात को अंजाम
विनोद ने पुलिस को बताया कि उसने अपने दोस्तों को दीपक दुआ के बारे में जानकारी दी. उसने बताया कि उसे अगवा कर लाखों रुपए की फिरौती वसूली जा सकती है जिससे उनका कर्ज चूक जाएगा. इसके लिए उन्होंने उत्तर प्रदेश के कोसीकला से 2 सिम कार्ड लिए थे. इससे दीपक को फोन कर उन्होंने इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के लिए नोएडा मेट्रो स्टेशन बुलाया. दीपक जब वहां पहुंचा तो विनोद उसे मिला और कार में अपने साथ अगवा कर ले गया. उन्होंने उससे 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी. उसने यह रकम देने से मना किया. उसने कहा कि वह उसके एटीएम से 30 हजार रुपये वह ले सकते हैं. इस पर वह नाराज हुए और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद शव को नहर में फेंक दिया था.





Conclusion:विनोद और संदीप है मास्टरमाइंड
गिरफ्तार किया गया विनोद कुमार दसवीं कक्षा तक पढ़ा है. वह संदीप के संपर्क में आया जो हनीट्रैप के कई मामलों में शामिल रहा है. इस पूरी वारदात के मुख्य आरोपी विनोद और संदीप है. दूसरा आरोपी संदीप निहाल विहार थाने का घोषित बदमाश है और हनी ट्रैप के कई मामलों में शामिल रहा है. तीसरा आरोपी मोनू शर्मा क्रिकेट मैच पर सट्टा लगाता है. चौथा आरोपी सन्नी रणहौला का रहने वाला है और उसने ही दीपक का गला दबाया था.
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