नई दिल्ली/नोएडा : ग्रेटर नोएडा के दनकौर थाना क्षेत्र अंतर्गत एक निजी विश्वविद्यालय में बीएससी सेकंड ईयर के छात्र की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी. जिसके बाद परिजनों ने छात्र के दोस्तों पर हत्या का शक जाहिर करते हुए पुलिस से शिकायत की थी. इस मामले में पुलिस अभी तक हत्या का खुलासा नहीं कर पाई है. इस मामले में परिजन पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि पुलिस ने सही तरीके से जांच नहीं की, जिसके कारण हत्या का खुलासा नहीं हो पाया है. परिजनों ने पुलिस कमिश्नर से मिलकर क्राइम ब्रांच से जांच की गुहार लगाई. जिसके बाद छात्र के हत्या मामले की जांच अब क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है.
दरअसल, दनकौर स्थित एक निजी विश्वविद्यालय में बिहार के पटना निवासी यशस्वी राज बीएससी सेकंड ईयर की पढ़ाई कर रहा था. 12 अक्टूबर 2022 की शाम वह लापता हो गया था. पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और 14 अक्टूबर 2022 को विश्वविद्यालय से 500 मीटर की दूरी पर नाले में यशस्वी राज का शव मिला. जिसके बाद परिजनों ने उसके दोस्तों पर हत्या का शक जाहिर करते हुए पुलिस से शिकायत की. इस मामले में कई महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस किसी मुकाम तक नहीं पहुंच पाई.
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मृतक के परिजनों ने 27 मार्च 2023 को पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह से मुलाकात की. उन्होंने इस मामले की जांच को क्राइम ब्रांच में भेजने की गुहार लगाई, जिसके बाद पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने मृतक छात्र की मां के अनुरोध को देखते हुए यशस्वी राज की जांच क्राइम ब्रांच सौंप दी है. अब छात्र के मौत मामले की जांच डीसीपी क्राइम ब्रांच गौतम बुद्ध नगर करेंगे. मृतक छात्र की मां अरुणा सिन्हा ने बताया कि पुलिस कमिश्नर ने उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए मामले की जांच डीसीपी क्राइम ब्रांच को सौंप दी है. इसके लिए परिवार ने कमिश्नर लक्ष्मी सिंह का आभार जताया है.