नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में बिल्डर की धांधली का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिससे कई परिवारों कि जिंदगी भर की पूंजी दांव पर लग गई है. इससे उनका बुरा हाल है. यहां बिल्डर ने तीन फ्लैट बनाने का नक्शा आवास विकास परिषद से पास करवाया, लेकिन यहां 23 फ्लैट खड़े कर दिए. अवैध निर्माण के इस मामले में कोर्ट ने ध्वस्तीकरण का आदेश दिया है. इससे अब यहां रहने वाले लोगों के सामने संकट की स्थिति खड़ी हो गई है.
दरअसल मामला गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर एक से सामने आया है, जहां पर एक भूखंड पर तीन फ्लैट का नक्शा पास करवाकर 23 फ्लैट बनाने का मामला सामने आया है. मामला हाईकोर्ट में जाने के बाद अवैध निर्माण को गिराने का आदेश हुआ है. इसके बाद यहां रहने वाले 18 परिवार काफी परेशान हैं. आवास विकास परिषद ने नोटिस चस्पा कर के निवासियों को पांच अगस्त घर खाली करने को कहा है. अब ये अट्ठारह परिवार कहां जाएंगे, ये सबसे बड़ा सवाल है. लोगों का कहना है कि इसके लिए उन्होंने लोन भी ले रखा है, जिसकी वे किश्त जमा कर रहे हैं. उन्हें सभी कागज पूरे होने की बात कही गई थी, लेकिन उन्हें अचानक पता चला कि वे जिन फ्लैट में रह रहे हैं वह अवैध हैं जिससे उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. बिल्डर द्वारा किया गया भ्रष्टाचार अब लोगों पर भारी पड़ रहा है.
फिलहाल लोगों के पास ऊपरी अदालत में जाने का विकल्प मौजूद है. यहां रहने वाले लोग कानूनी राय ले रहे हैं. इनमें से एक महिला बताया कि वह साल 2012 से यहां रह रही हैं और यहां फ्लैट के लिए लोन ले रखा है. अब अगर अचानक इसे ध्वस्त करने का आदेश दिया गया है तो ये बताया जाए कि यहां रहने वाले लोग कहां जाएंगे. उन्होंने कहा कि वे हाउस टैक्स भरती हैं और उनके बच्चों का स्कूल भी यहीं है. साथ ही गैस पाइपलाइन भी यहां लगी है तो यह बिल्डिंग अवैध कैसे हो गई.
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इस मामले में फिलहाल आवास विकास परिषद की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई है. हालांकि जानकारी के मुताबिक इस मामले में एक शुरुआती जांच भी हुई थी, जिसके बाद बिल्डिंग को अवैध पाए जाने की बात सामने आई. इसके बाद कोर्ट का आदेश आया. इसमें पुष्पा नामक महिला का जिक्र किया गया. बताया गया कि पहले यह भूखंड उसी का था, लेकिन बाद में एक विवाद हुआ था. भूखंड की लंबाई चौड़ाई 297 वर्ग मीटर से थोड़ी ज्यादा है और यह मामला उसी पर किए गए अवैध निर्माण का है. वहीं बिल्डर की बात करें तो उसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता है. माना जा रहा है कि इस मामले में यहां रहने वाले लोगों की तरफ से एफआईआर भी दर्ज कराई जा सकती है, जिसके बाद आगे की जांच की जा सकती है.
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