नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद अब कमिश्नरेट (Ghaziabad commissionerate) जिला बनेगा. उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने तीन नए जिलों में कमिश्नरेट बनाने को मंजूरी दी. जिसमें गाजियाबाद भी शामिल है. अब गाजियाबाद में कमिश्नरी सिस्टम लागू होगा. 13 जनवरी 2020 को यूपी में सबसे पहले लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू हुई थी. 26 मार्च 2021 को दूसरे चरण में कानपुर और वाराणसी में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू हुई थी. उत्तर प्रदेश में अब 7 महानगरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू हो चुकी है.
एडीजी रैंक के पुलिस अधिकारियों की होगी तैनाती : कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद गाजियाबाद कमिश्नरेट में एडीजी रैंक के पुलिस अधिकारियों की तैनाती की जाएगी. आईजी रैंक के अधिकारी जॉइंट कमिश्नर बन पाएंगे. इससे जनपद की कानून व्यवस्था और विधि व्यवस्था की समीक्षा का काम तेजी से हो सकेगा. कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जिले को कई जोन में बांटा जाएगा.
कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद पुलिसिंग की रैंक में भी बदलाव हो जाएगा. थानों को लेकर सीओ की तैनाती के स्थान पर एसीपी की तैनाती की जाएगी. उनके अधिकार अधिक होंगे. वहीं कमिश्नरेट में तैनात होने वाले पुलिस कमिश्नर के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि हो जाएगी. कमिश्नरेट क्षेत्र में अब पुलिस कमिश्नर के पास मजिस्ट्रेट की शक्तियां भी होंगी. लॉ एंड ऑर्डर संबंधी अधिकार अब कमिश्नर के पास होंगे.
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1976 में अलग जिला बना था गाजियाबाद : 14 नवम्बर 1976 को गाजियाबाद अलग जिला बना था. इससे पहले गाजियाबाद जनपद मेरठ का हिस्सा हुआ करता था. तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने गाजियाबाद को अलग जिला घोषित किया था. राजधानी दिल्ली से सटे होने के चलते उद्यमी गाजियाबाद में निवेश करते हैं. मौजूदा समय में गाजियाबाद में बस, मेट्रो, ट्रेन के साथ हवाई अड्डा भी मौजूद है. चार महीने के बाद गाजियाबाद में देश की पहली रैपिड रेल का संचालन भी शुरू हो जाएगा.
केंद्रीय राज्यमंत्री और गाजियाबाद के सांसद वीके सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद को कमिश्नरेट घोषित किया है. गाजियाबाद में कानून व्यवस्था को सुदृढ करने के ऐतिहासिक निर्णय के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार. यह निर्णय कानून व्यवस्था के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा.
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