नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली की ईस्ट लक्ष्मी मार्केट में दशकों से बसे अवैध रूप से बने सफाई कर्मचारियों के घरों को हाईकोर्ट के आदेश के बाद मंगलवार को तोड़ा गया. इस दौरान दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन संजय गहलोत ने मौके पर पहुंचकर पुलिस अधिकारियों से बातचीत करने की कोशिश की. उन्होंने सभी निवासियों को आयोग की तरफ से भरोसा दिया कि इस अति गंभीर मामले में सभी पीड़ित परिवारों को तत्काल माननीय सुप्रीम कोर्ट में मानवीय आधार पर याचिका डालकर स्टे ऑर्डर लेना चाहिए.
45-50 सालों से रह रहे थे निवासी
संजय गहलोत ने कहा कि एक तरफ जहां देश कोरोना जैसी जानलेवा महामारी से जूझ रहा है. वहीं इस तरह का कुठाराघात बेहद अमानवीय है. इस संबंध में उन्होंने कहा कि जिस प्रकार केंद्र सरकार ने अपनी योजना में कहा कि जहां झुग्गी वहीं मकान. लेकिन आज जिस प्रकार कोरोना महामारी में पिछले 45-50 सालों से रह रहे निवासियों के आशियाने को एकदम से तहस-नहस कर देना अति गंभीर कुठाराघात है.
पीड़ित परिवार की मदद की जाएगी
इस मामले को दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग की तरफ से देश के प्रधानमंत्री कार्यालय में पत्र द्वारा ये मांग की जाएगी कि इन निवासियों को तुरंत वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराया जाए और इनके जान माल और नुकसान की भी उचित भरपाई की जाए. महिलाओं पर भी पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्वक मारपीट की गई है. जिनके शरीर पर चोट के निशान है.
आयोग के चेयरमैन संजय गहलोत ने सभी पीड़ित लोगों से अपील की है कि कोर्ट का सम्मान करते हुए सरकारी काम में बाधा नहीं पहुंचानी चाहिए. सबको कानून के मुताबिक कार्य करना चाहिए. बाकी सभी पीड़ित निवासियों की शिकायत और उसके निवारण के लिए संबंधित राजनीतिक/गैर राजनीतिक/सरकारी अधिकारियों से इस बाबत बातचीत कर पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद की जाएगी.