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नोएडा में ठगी के तीन मामले आए सामने, पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच की शुरू

नोएडा के तीन अलग-अलग थाना क्षेत्रों में तीन लोगों के साथ ठगी का मामला सामने आया है. पुलिस ने ठगी का मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की जांच में जुट गई है.

Cheating in different police station of Noida
Cheating in different police station of Noida
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Published : Feb 21, 2023, 8:46 AM IST

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा में ठगी के तीन मामले सामने आए हैं. तीनों मामले अलग-अलग थाना क्षेत्रों के हैं. पहला मामला थाना सेक्टर-39 का है जहां आर्मी अधिकारी बनकर प्लैट किराए पर लेने के नाम पर ठगी किया गया. दूसरा थाना फेज़-2 का है, जहां फ्लैट बेचने का झांसा देकर ठगी को अंजाम दिया गया, वहीं तीसरा मामला थाना सेक्टर-49 का है, जहां प्लॉट की रजिस्ट्री कराने के नाम पर प्राधिकरण का खुद को कर्मचारी बताकर एक व्यक्ति से लाखों की ठगी की गई है. सोमवार को पीड़ितों द्वारा इस संबंध में संबंधित थानों में मुकदमा दर्ज करवाया गया है, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

किराए का फ्लैट लेने का झांसा देकर साढ़े पांच लाख की ठगी: थाना सेक्टर-39 में किराए पर फ्लैट लेने का झांसा देकर साइबर जालसाज ने एक व्यक्ति के साथ 5 लाख 50 हजार रुपये की ठगी कर ली. जालसाज ने खुद को सेना का अधिकारी बताकर पीड़ित को झांसे में लिया और एप डाउनलोड कराकर ठगी की घटना को अंजाम दिया. पुलिस को दी गई तहरीर में सेक्टर-100 स्थित लोटस बुलेवर्ड सोसायटी के मुकेश कुमार ने बताया कि उन्होंने सोसायटी के अपने एक फ्लैट को किराये पर उठाने के लिए ऑनलाइन विज्ञापन दिया था. विज्ञापन देखने के बाद खुद को आर्मी का अधिकारी बताकर एक व्यक्ति ने फोन किया और किराये पर फ्लैट लेने की बात कही. सौदा तय होने के बाद जालसाज ने पीड़ित से कहा कि वह एडवांस के तौर पर कुछ रकम ऑनलाइन ट्रांसफर करेगा. जालसाज ने पीड़ित से यह भी कहा कि उसका अकाउंट आर्मी का है. संबंधित अकाउंट से रकम एक लिंक डाउनलोड करने के बाद ही ट्रांसफर होगी. जैसे ही पीड़ित ने जालसाज द्वारा भेजे गए लिंक पर क्लिक किया मोबाइल हैक हो गया. कई बार में खाते से रकम निकल गई. मोबाइल पर पैसे कटने का मैसेज आने के बाद पीड़ित को ठगी की जानकारी हुई.

फ्लैट बेचने का झांसा देकर करीब 2 लाख की ठगी: थाना फेज़ में फ्लैट बेचने का झांसा देकर ठगों ने एक व्यक्ति के साथ 1 लाख 80 हजार रुपये की ठगी कर ली. थाना फेज़ 2 पुलिस को दी शिकायत में देवरिया निवासी राम प्रसाद द्विवेदी ने बताया कि इस समय वह ग्रेटर नोएडा के डेल्टा वन में परिवार संग रह रहे हैं. राम प्रसाद ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि सेक्टर-93 स्थित एक सोसायटी में रहने वाले राजेंद्र और उसके साथियों ने उनसे फ्लैट देने के नाम पर 1 लाख 80 हजार रुपये ले लिए. बुकिंग की बात कहकर ठगों ने पीड़ित से रकम ट्रांसफर कराई. आरोप है कि आरोपितों ने पैसे लेने के बाद न तो फ्लैट दिया और न ही रकम वापस किया.

प्लॉट की रजिस्ट्री कराने के नाम पर 23 लाख की ठगी: थाना सेक्टर 49 क्षेत्र में औद्योगिक प्लॉट की रजिस्ट्री कराने के नाम पर 23 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. पुलिस को दी गई शिकायत में थाना क्षेत्र के प्रमोद कुमार चौहान ने बताया कि उन्होंने विभूति प्रकाश से इकोटेक-1 में एक प्लॉट लिया था. प्लॉट की रजिस्ट्री और टीएम होना था. 2018 में जब प्रमोद ग्रेनो प्राधिकरण में अपना काम करवाने गए तो वहां उनकी मुलाकात आशीष गर्ग नाम के व्यक्ति से हुई. खुद को प्राधिकरण का कर्मचारी बताकर आशीष ने प्लॉट की रजिस्ट्री अल्प समय में ही कराने की बात कही. आशीष और उसके दोस्त आजाद सिंह ने पूरा काम कराने के एवज में पीड़ित से करीब 23 लाख रुपये वसूल लिए. दोनों ने पीड़ित को फर्जी ट्रांसफर मेमोरेंडम देकर कहा कि उनका काम हो गया है. प्राधिकरण जाकर जब पीड़ित ने संबंधित प्लॉट के बारे में जानकारी एकत्र की तो पता चला कि आरोपितों ने उसे फर्जी टीएम बनाकर ठग लिया है.

तीनों मामले में ठगी का मुकदमा दर्ज: वहीं इस मामले में नोएडा कमिश्नरेट की मीडिया सेल के अनुसार पीड़ितों द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर संबंधित थानों पर ठगी का मुकदमा दर्ज किया गया है. सर्विलांस और अन्य संसाधनों के माध्यम से आरोपियों की तलाश की जा रही है और मामले की जांच चल रही है.

ये भी पढ़ें: अमन विहार में महिला की जलने से हुई मौत, परिजनों ने पति पर लगाए गंभीर आरोप

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा में ठगी के तीन मामले सामने आए हैं. तीनों मामले अलग-अलग थाना क्षेत्रों के हैं. पहला मामला थाना सेक्टर-39 का है जहां आर्मी अधिकारी बनकर प्लैट किराए पर लेने के नाम पर ठगी किया गया. दूसरा थाना फेज़-2 का है, जहां फ्लैट बेचने का झांसा देकर ठगी को अंजाम दिया गया, वहीं तीसरा मामला थाना सेक्टर-49 का है, जहां प्लॉट की रजिस्ट्री कराने के नाम पर प्राधिकरण का खुद को कर्मचारी बताकर एक व्यक्ति से लाखों की ठगी की गई है. सोमवार को पीड़ितों द्वारा इस संबंध में संबंधित थानों में मुकदमा दर्ज करवाया गया है, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

किराए का फ्लैट लेने का झांसा देकर साढ़े पांच लाख की ठगी: थाना सेक्टर-39 में किराए पर फ्लैट लेने का झांसा देकर साइबर जालसाज ने एक व्यक्ति के साथ 5 लाख 50 हजार रुपये की ठगी कर ली. जालसाज ने खुद को सेना का अधिकारी बताकर पीड़ित को झांसे में लिया और एप डाउनलोड कराकर ठगी की घटना को अंजाम दिया. पुलिस को दी गई तहरीर में सेक्टर-100 स्थित लोटस बुलेवर्ड सोसायटी के मुकेश कुमार ने बताया कि उन्होंने सोसायटी के अपने एक फ्लैट को किराये पर उठाने के लिए ऑनलाइन विज्ञापन दिया था. विज्ञापन देखने के बाद खुद को आर्मी का अधिकारी बताकर एक व्यक्ति ने फोन किया और किराये पर फ्लैट लेने की बात कही. सौदा तय होने के बाद जालसाज ने पीड़ित से कहा कि वह एडवांस के तौर पर कुछ रकम ऑनलाइन ट्रांसफर करेगा. जालसाज ने पीड़ित से यह भी कहा कि उसका अकाउंट आर्मी का है. संबंधित अकाउंट से रकम एक लिंक डाउनलोड करने के बाद ही ट्रांसफर होगी. जैसे ही पीड़ित ने जालसाज द्वारा भेजे गए लिंक पर क्लिक किया मोबाइल हैक हो गया. कई बार में खाते से रकम निकल गई. मोबाइल पर पैसे कटने का मैसेज आने के बाद पीड़ित को ठगी की जानकारी हुई.

फ्लैट बेचने का झांसा देकर करीब 2 लाख की ठगी: थाना फेज़ में फ्लैट बेचने का झांसा देकर ठगों ने एक व्यक्ति के साथ 1 लाख 80 हजार रुपये की ठगी कर ली. थाना फेज़ 2 पुलिस को दी शिकायत में देवरिया निवासी राम प्रसाद द्विवेदी ने बताया कि इस समय वह ग्रेटर नोएडा के डेल्टा वन में परिवार संग रह रहे हैं. राम प्रसाद ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि सेक्टर-93 स्थित एक सोसायटी में रहने वाले राजेंद्र और उसके साथियों ने उनसे फ्लैट देने के नाम पर 1 लाख 80 हजार रुपये ले लिए. बुकिंग की बात कहकर ठगों ने पीड़ित से रकम ट्रांसफर कराई. आरोप है कि आरोपितों ने पैसे लेने के बाद न तो फ्लैट दिया और न ही रकम वापस किया.

प्लॉट की रजिस्ट्री कराने के नाम पर 23 लाख की ठगी: थाना सेक्टर 49 क्षेत्र में औद्योगिक प्लॉट की रजिस्ट्री कराने के नाम पर 23 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. पुलिस को दी गई शिकायत में थाना क्षेत्र के प्रमोद कुमार चौहान ने बताया कि उन्होंने विभूति प्रकाश से इकोटेक-1 में एक प्लॉट लिया था. प्लॉट की रजिस्ट्री और टीएम होना था. 2018 में जब प्रमोद ग्रेनो प्राधिकरण में अपना काम करवाने गए तो वहां उनकी मुलाकात आशीष गर्ग नाम के व्यक्ति से हुई. खुद को प्राधिकरण का कर्मचारी बताकर आशीष ने प्लॉट की रजिस्ट्री अल्प समय में ही कराने की बात कही. आशीष और उसके दोस्त आजाद सिंह ने पूरा काम कराने के एवज में पीड़ित से करीब 23 लाख रुपये वसूल लिए. दोनों ने पीड़ित को फर्जी ट्रांसफर मेमोरेंडम देकर कहा कि उनका काम हो गया है. प्राधिकरण जाकर जब पीड़ित ने संबंधित प्लॉट के बारे में जानकारी एकत्र की तो पता चला कि आरोपितों ने उसे फर्जी टीएम बनाकर ठग लिया है.

तीनों मामले में ठगी का मुकदमा दर्ज: वहीं इस मामले में नोएडा कमिश्नरेट की मीडिया सेल के अनुसार पीड़ितों द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर संबंधित थानों पर ठगी का मुकदमा दर्ज किया गया है. सर्विलांस और अन्य संसाधनों के माध्यम से आरोपियों की तलाश की जा रही है और मामले की जांच चल रही है.

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