नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के इंदिरापुरम पब्लिक स्कूल में 9 से 11 दिसंबर के बीच सीबीएसई नॉर्थ जॉन-एक शतरंज चैंपियनशिप 2022-23 का आयोजन किया जा रहा है. दो दिवसीय शतरंज चैंपियनशिप में उत्तर प्रदेश के बदायूं, बागपत, बिजनौर, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, अमरोहा, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, रामपुर, सहारनपुर, संभल और शामली के करीब 125 सीबीएसई स्कूलों के तकरीबन 700 हजार छात्र भाग ले रहे हैं.
ऑब्जर्वर रहेंगे मौजूद
इंदिरापुरम पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य सोनल रावत ने बताया कि चेस चैंपियनशिप के आयोजन के लिए चैस फेडरेशन से बहुत अच्छा सपोर्ट मिला है. चैंपियनशिप के दौरान सीबीएसई से आए ऑब्जर्वर भी रहेंगे. चेस फेडरेशन के पदाधिकारी भी टूर्नामेंट में शामिल होंगे. चैस चैंपियनशिप सीबीएसई की गाइडलाइन के अनुसार आयोजित की जाएगी. जो छात्र चैंपियनशिप में बेहतर प्रदर्शन कर स्थान प्राप्त करेंगे. वह आगामी माह में राष्ट्रीय स्तर पर चंडीगढ़ में आयोजित होने वाली चैंपियनशिप में खेलने के लिए क्वालीफाईड होंगे.
चेस से होता है मानसिक विकास:-
स्कूल के खेल विभाग के हेड कपिल शिवालिक के मुताबिक, सीबीएसई नॉर्थ जॉन-एक शतरंज चैंपियनशिप 2022-23 में चार कैटेगरी रखी गई हैं. अंडर-11, अंडर-14 अंडर-17 और अंडर-19. तकरीबन 700 छात्र चैंपियनशिप में भाग लेंगे. शहरों में शतरंज सहित तमाम खेलों का प्रचलन बढ़ता जा रहा है. गांव-देहात के स्कूलों के छात्रों को भी इन से जोड़ा गया है ताकि खेल के प्रति बच्चों की रुचि बढ़े और खेल के माध्यम से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास हो. चेस एक ऐसा खेल है, जिससे मानसिक विकास होता है.
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शतरंज के बारे में
शतरंज दो खिलाड़ियों के लिए एक बोर्ड गेम है. यह एक चौकोर बोर्ड में खेला जाता है, जो 64 छोटे वर्गों से बना होता है, जिसमें प्रत्येक तरफ आठ वर्ग होते हैं. प्रत्येक खिलाड़ी सोलह टुकड़ों से शुरू होता है. आठ प्यादे, दो शूरवीर, दो बिशप, दो किश्ती, एक रानी और एक राजा. सफेद मोहरों वाला खिलाड़ी हमेशा पहली चाल चलता है. यह एक रणनीति बोर्ड गेम है, खेल के दौरान दो विरोधी बारी-बारी से अपने एक टुकड़े को बोर्ड के एक अलग वर्ग में ले जाते हैं. यदि वह खिलाड़ी जिसका राजा खतरे में है, राजा को बचाने के लिए कोई अन्य चाल नहीं चल सकता है, तो वह चेकमेट है और खिलाड़ी खेल खो देता है.
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