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यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो पॉइंट पर सोमवार को होगी BKU की महापंचायत, प्राधिकरण और प्रशासन को दी गई मोहल्लत खत्म - यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर महापंचायत

भारतीय किसान यूनियन टिकैत (Bhartiya Kisan Union Tikait) सोमवार को यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो पॉइंट पर महापंचायत बुलाई है. इसको लेकर आज हतेवा गांव में बैठक हुई और इसमें महापंचायत की रणनीति पर चर्चा की गई.

महापंचायत
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Published : Nov 6, 2022, 8:15 PM IST

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडाः यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो प्वाइंट पर सोमवार को होने वाली महापंचायत के लिए रविवार को भारतीय किसान यूनियन टिकैत (Bhartiya Kisan Union Tikait) की मीटिंग हतेवा गांव में हुई. संगठन की मीटिंग की अध्यक्षता सुखाराम शर्मा ने की और संचालन जिला अध्यक्ष अनित कसाना ने किया. मीटिंग में सोमवार को यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर होने वाली महापंचायत के लिए मीटिंग में रणनीति पर चर्चा हुई.

भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट की मीटिंग में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटाना ने बताया कि देश में आज विपक्ष खत्म है. सरकार अपनी तानाशाही चला रही है. सरकार किसानों की जमीनों को जबरन ले रही है और किसानों पर मुकदमे लगाए जा रहे हैं. किसानों को 64 प्रतिशत बढ़ा हुआ मुआवजा और आबादी निस्तारण समेत विभिन्न समस्याएं के लिए भारतीय किसान यूनियन टिकैत द्वारा कुछ दिन पहले तीनों प्राधिकरण वालों के खिलाफ जीरो पॉइंट पर धरना प्रदर्शन हुआ था, जिसमें राकेश टिकैत भी शामिल हुए थे. सरकार को समय दिया गया था कि 7 नवंबर तक किसानों की मांगों को पूरा किया जाए.

वहीं, जारचा थाना क्षेत्र में एनटीपीसी प्लांट पर अपनी मांगों को लेकर किसान धरना दे रहे थे कि उसी दौरान जिले में मुख्यमंत्री का दौरा था. किसान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने पानी की बौछारों द्वारा किसानों को रोक दिया. इसके बाद महिला किसानों पर पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज किया गया. वहीं पांच सौ से ज्यादा किसानों पर मुकदमे दर्ज किए गए. एक दर्जन से ज्यादा किसानों को जेल भेज दिया गया.

बैठक में भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि प्रशासन और प्राधिकरण किसानों की मांगों को पूरा नहीं कर रही है और किसानों पर मुकदमे दर्ज कर जेल भी भेज जा रही है. इसके विरोध में भारतीय किसान यूनियन गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक कर रही है और लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि 7 नवंबर को होने वाली विशाल महापंचायत में अधिक से अधिक संख्या में किसान पहुंचे.

ये भी पढ़ेंः किसानों को जेल भेजने के विरोध में पुलिस कमिश्नरेट का 7 नवंबर को घेराव

बैठक में पूर्व जिला अध्यक्ष मनोज मावी ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन टिकैत सरकार के खिलाफ विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं, जिसको सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है. इसको लेकर 7 नवंबर को विशाल महापंचायत में सभी ग्रामवासी अधिक से अधिक संख्या में पहुंचे.

मौके पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राजे प्रधान, प्रदेश सचिव सुरेंद्र नागर, प्रदेश कोषाध्यक्ष रजनीकांत अग्रवाल, कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के सचिव हेमंत शर्मा, एडवोकेट मेरठ मंडल, मीडिया प्रभारी पंकज शर्मा, सुबेराम मास्टर, चंद्रपाल बाबूजी, कुलदीप शर्मा, गिरीश शर्मा, जितेंद्र शर्मा, बालकिशन शर्मा, हिमांशु शर्मा आदि समेत सैकड़ों ग्रामवासी मौजूद रहे.

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडाः यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो प्वाइंट पर सोमवार को होने वाली महापंचायत के लिए रविवार को भारतीय किसान यूनियन टिकैत (Bhartiya Kisan Union Tikait) की मीटिंग हतेवा गांव में हुई. संगठन की मीटिंग की अध्यक्षता सुखाराम शर्मा ने की और संचालन जिला अध्यक्ष अनित कसाना ने किया. मीटिंग में सोमवार को यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर होने वाली महापंचायत के लिए मीटिंग में रणनीति पर चर्चा हुई.

भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट की मीटिंग में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटाना ने बताया कि देश में आज विपक्ष खत्म है. सरकार अपनी तानाशाही चला रही है. सरकार किसानों की जमीनों को जबरन ले रही है और किसानों पर मुकदमे लगाए जा रहे हैं. किसानों को 64 प्रतिशत बढ़ा हुआ मुआवजा और आबादी निस्तारण समेत विभिन्न समस्याएं के लिए भारतीय किसान यूनियन टिकैत द्वारा कुछ दिन पहले तीनों प्राधिकरण वालों के खिलाफ जीरो पॉइंट पर धरना प्रदर्शन हुआ था, जिसमें राकेश टिकैत भी शामिल हुए थे. सरकार को समय दिया गया था कि 7 नवंबर तक किसानों की मांगों को पूरा किया जाए.

वहीं, जारचा थाना क्षेत्र में एनटीपीसी प्लांट पर अपनी मांगों को लेकर किसान धरना दे रहे थे कि उसी दौरान जिले में मुख्यमंत्री का दौरा था. किसान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने पानी की बौछारों द्वारा किसानों को रोक दिया. इसके बाद महिला किसानों पर पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज किया गया. वहीं पांच सौ से ज्यादा किसानों पर मुकदमे दर्ज किए गए. एक दर्जन से ज्यादा किसानों को जेल भेज दिया गया.

बैठक में भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि प्रशासन और प्राधिकरण किसानों की मांगों को पूरा नहीं कर रही है और किसानों पर मुकदमे दर्ज कर जेल भी भेज जा रही है. इसके विरोध में भारतीय किसान यूनियन गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक कर रही है और लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि 7 नवंबर को होने वाली विशाल महापंचायत में अधिक से अधिक संख्या में किसान पहुंचे.

ये भी पढ़ेंः किसानों को जेल भेजने के विरोध में पुलिस कमिश्नरेट का 7 नवंबर को घेराव

बैठक में पूर्व जिला अध्यक्ष मनोज मावी ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन टिकैत सरकार के खिलाफ विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं, जिसको सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है. इसको लेकर 7 नवंबर को विशाल महापंचायत में सभी ग्रामवासी अधिक से अधिक संख्या में पहुंचे.

मौके पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राजे प्रधान, प्रदेश सचिव सुरेंद्र नागर, प्रदेश कोषाध्यक्ष रजनीकांत अग्रवाल, कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के सचिव हेमंत शर्मा, एडवोकेट मेरठ मंडल, मीडिया प्रभारी पंकज शर्मा, सुबेराम मास्टर, चंद्रपाल बाबूजी, कुलदीप शर्मा, गिरीश शर्मा, जितेंद्र शर्मा, बालकिशन शर्मा, हिमांशु शर्मा आदि समेत सैकड़ों ग्रामवासी मौजूद रहे.

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