नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव परिणाम में भाजपा को 70 में से 62 सीटों पर शिकस्त झेलनी पड़ी और महज 8 सीटों पर ही उसके उम्मीदवार चुनाव जीत सके. इन 8 सीटों में से भी दो पहले से भाजपा के खाते में थीं और 6 सीटें भाजपा आम आदमी पार्टी से छीनने में कामयाब हुई है.
पिछली 3 में से दो ही बचा पाए
2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने विश्वास नगर, रोहिणी और मुस्तफाबाद में जीत हासिल की थी. लेकिन इस बार भाजपा को मुस्तफाबाद सीट भी गंवानी पड़ी और वहां से आम आदमी पार्टी के हाजी यूनुस ने भाजपा के जगदीश प्रधान को 20,704 वोटों से हराया. हालांकि, रोहिणी से विजेंद्र गुप्ता 12,648 और विश्वास नगर से ओपी शर्मा 16,457 वोटों के अंतर से जीत हासिल करने में कामयाब हुए.
लक्ष्मी नगर में पहली बार खिला कमल
इन 8 सीटों में लक्ष्मी नगर की सीट ऐसी है, जहां भाजपा आज तक नहीं जीती थी, लेकिन दिल्ली प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष अभय वर्मा ने यहां पर पहली बार कमल खिलाया. अभय वर्मा ने 880 वोटों से आम आदमी पार्टी के नितिन त्यागी को यहां से शिकस्त दी. गांधीनगर में 1993 के बाद पहली बार भाजपा को विजय हासिल हुई और अनिल बाजपेई ने 6,079 वोटों से आम आदमी पार्टी के नवीन चौधरी को हराया.
AAP से छीनी 4 पुरानी सीटें
2013 में भाजपा ने 28 सीटें जीती थी, उनमें बदरपुर, रोहतास नगर, घोंडा और करावल नगर शामिल था. लेकिन 2015 में बीजेपी को यहां पर जीत हासिल नहीं हो सकी. हालांकि 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा इन चारों सीटों को आम आदमी पार्टी से छीनने में कामयाब हुई है. बदरपुर से भाजपा के रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आम आदमी पार्टी के राम सिंह नेताजी को 3,719 वोटों से मात दी है, वहीं रोहतास नगर में जितेंद्र महाजन ने सरिता सिंह को 13,241 वोटों से, घोंडा में अजय महावर ने एसडी शर्मा को 28,370 वोटों से और करावल नगर में मोहन सिंह बिष्ट ने दुर्गेश पाठक को 8,223 वोटों से हराया है.
AAP के तीन मौजूदा विधायकों को हराया
गौरतलब है कि भाजपा प्रत्याशियों ने आम आदमी पार्टी के जिन उम्मीदवारों को हराया है, उनमें लक्ष्मी नगर, घोंडा और रोहतास नगर में आम आदमी पार्टी के मौजूदा विधायक ही मैदान में थे. वहीं रोहिणी, बदरपुर, विश्वास नगर, करावल नगर और गांधी नगर में आम आदमी पार्टी ने नए चेहरों को मैदान में उतारा था. गांधी नगर में तो आम आदमी पार्टी के विधायक अनिल बाजपेई ही पार्टी से बागी रुख अख्तियार कर भाजपा में पहुंचे थे, भाजपा ने यहां से उन्हें उम्मीदवार बनाया और उन्होंने जीत हासिल की.