नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना योद्धा स्वर्गीय ओमपाल सिंह और स्वर्गीय राज कुमार के परिवार से गुरुवार को मुलाकात की. उन्होंने उन्हें एक-एक करोड़ रुपये की सहायता राशि का चेक सौंपा. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यकीनन कोरोना योद्धाओं ने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए दिल्ली की सेवा की. यह राशि परिजनों को मिले गम को दूर नहीं कर सकती, लेकिन कुछ सहायता जरूर कर सकती है.
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कोरोना संक्रमण से हुई थी दोनों की मौत
अरविंद केजरीवाल सहायता राशि का चेक देने के लिए ओमपाल सिंह और राज कुमार के घर पहुंचे थे. ओमपाल सिंह कल्याणपुरी स्थित गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्रधानाचार्य थे, जबकि राज कुमार राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में सुरक्षा गार्ड थे.
दोनों कोरोना योद्धाओं का निधन कोविड के दौरान लोगों की सेवा करते हुए कोरोना संक्रमण से हुआ था. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं उनके परिवार की हुई क्षति को पूरा नहीं कर सकता, लेकिन उम्मीद करता हूं कि इस सहायता राशि से उन्हें थोड़ी राहत जरूर मिलेगी. मैं सभी कोरोना योद्धाओं की दिल्ली की जनता की तरफ से सम्मान करता हूं. सभी ने अपनी जान दांव पर लगाकर बहुत मेहनत की है.
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हमारे कोरोना योद्धाओं ने अपनी जान पर खेल कर लोगों की सेवा की है। सिक्योरिटी गार्ड राज कुमार जी और स्कूल प्रिंसिपल ओमपाल जी का भी कोरोना संक्रमण की वजह से निधन हो गया था।
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आज दोनों परिवारों से मिला, 1-1 करोड़ की सम्मान राशि का चेक सौंपा। भविष्य में भी परिवारों के साथ खड़े रहेंगे। pic.twitter.com/5i6EfqaOSY
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आज दोनों परिवारों से मिला, 1-1 करोड़ की सम्मान राशि का चेक सौंपा। भविष्य में भी परिवारों के साथ खड़े रहेंगे। pic.twitter.com/5i6EfqaOSYहमारे कोरोना योद्धाओं ने अपनी जान पर खेल कर लोगों की सेवा की है। सिक्योरिटी गार्ड राज कुमार जी और स्कूल प्रिंसिपल ओमपाल जी का भी कोरोना संक्रमण की वजह से निधन हो गया था।
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आज दोनों परिवारों से मिला, 1-1 करोड़ की सम्मान राशि का चेक सौंपा। भविष्य में भी परिवारों के साथ खड़े रहेंगे। pic.twitter.com/5i6EfqaOSY
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मृत कोरोना योद्धाओं के परिवार वालों को 1 करोड़ की सहायता
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना की स्थिति में काफी सुधार है, लेकिन पिछले एक साल में हमारे दिल्ली के कोरोना वॉरियर्स ने दिल्ली के लोगों की बहुत सेवा की है. ओमपाल सिंह एक स्कूल में प्रिंसिपल थे. कोरोना काल में जब लाॅकडाउन लगा था, उस दौरान दिल्ली सरकार ने स्कूलों में भूख राहत केंद्र चलाए थे.
एक भूख राहत केंद्र ओमपाल सिंह के स्कूल में चलाया गया था. उस दौरान लोगों की सेवा करते हुए उनको कोरोना संक्रमण हो गया था. इसी तरह, कोरोना योद्धा राज कुमार के घर भी गया था. राज कुमार राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में सिक्योरिटी गार्ड थे. सुरक्षा गार्ड रहते हुए वे फ्रंटलाइन वर्कर थे.
लोगों की सेवा करने के दौरान वहां उनको कोरोना हो गया और उनकी मृत्यु हो गई. केजरीवाल ने कहा कि उन दोनों लोगों के परिवारों से मिल कर के मैंने एक-एक करोड़ रुपये की सहायता राशि दी है. मैं उम्मीद करता हूं कि इससे उनको थोड़ी सी मदद मिलेगी.
उनके परिवार की क्षति को मैं दूर नहीं कर सकता, लेकिन दिल्ली सरकार की तरफ से दी गई इस राशि से उन्हें थोड़ी राहत जरूर मिलेगी. मैं सभी कोरोना योद्धाओं की दिल्ली की जनता की तरफ से सम्मान करता हूं. उन्होंने बहुत मेहनत की है.
उन्होंने अपनी जान दांव पर लगाई है. दिल्ली सरकार की तरफ से उन सभी कोरोना वारियर्स को एक-एक करोड़ रुपये की राशि दी जा रही है, जिनकी लोगों की सेवा करने के दौरान मौत हुई है.
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अस्पताल में गार्ड थे कोरोना योद्धा राज कुमार
कोरोना योद्धा राज कुमार मूलरूप से उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के रहने वाले थे. दिल्ली सरकार के ताहिरपुर स्थित राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में गोरखा सिक्योरिटी सर्विस एजेंसी के माध्यम से आउटसोर्स के आधार पर सुरक्षा गार्ड के पद पर तैनात थे.
वे आउटसोर्स के आधार पर पिछले दो वर्षों से अस्पताल में काम कर रहे थे. कोरोना काल के दौरान राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को कोविड अस्पताल घोषित किया गया था. कोविड मरीजों की सेवा करने के दौरान राज कुमार भी संक्रमित हो गए.
उन्हें 24 मई 2020 को राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन डाॅक्टर उन्हें बचा नहीं पाए और 28 मई 2020 को उनका निधन हो गया. राज कुमार नार्थ ईस्ट दिल्ली के नंद नगरी में परिवार के साथ रह रहे थे. वे अपने पीछे अपनी मां सुखराना, पत्नी कुसमा और चार बच्चे छोड़ गए हैं.
उनकी पत्नी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं. बड़ी बेटी यूपीएससी की तैयारी कर रही है और बड़ा बेटा एमबीबीएस प्रथम वर्ष में है, जबकि छोटा बेटा 11वीं में और छोटी बेटी 9वीं कक्षा में पढ़ती है.
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जानें आखिर कौन थे कोरोना योद्धा ओमपाल सिंह
कोरोना योद्धा ओमपाल सिंह गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल, कल्याणपुरी में प्रधानाचार्य के पद पर तैनात थे. परिवार के साथ जोहरीपुर के डुगरपुर मोहल्ला इलाके में रह रहे थे. कोरोना काल के दौरान गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल, कल्याणपुरी को भूख राहत केंद्र और रैन बसेरा केंद्र के रूप में नामित किया गया था.
ओमपाल सिंह को स्कूल परिसर में होने वाली सभी गतिविधियों पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी दी गई थी. लोगों की सेवा करने के दौरान वे कोरोना से संक्रमित हो गए और उन्हें 5 जून 2020 को जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया. डाॅक्टरों ने उन्हें बचाने का अथक प्रयास किया, लेकिन 11 जून 2020 को उनका निधन हो गया.
ओमपाल सिंह 1993 में बातौर टीजीटी साइंस शिक्षक के तौर पर सेवा शुरू की और पिछले 10 वर्षों से वे प्रधानाचार्य के पद पर सेवारत थे. उनके सेवाकाल का अभी 2 वर्ष शेष था. मूलरूप से मोदी नगर निवासी ओमपाल सिंह अपने पीछे पत्नी संतोष कुमारी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं. उनकी पत्नी गृहणी हैं. उनका बेटा बुलंदशहर स्थित पाॅलिटेक्निक काॅलेज में लेक्चरर है, जबकि बेटी एक निजी कंपनी में कार्यरत है.