नई दिल्ली: भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी ) की टीम ने भ्रष्टाचार के आरोप में दिल्ली नगर निगम के कथित जूनियर इंजीनियर के साथी को शाहदरा क्षेत्र से गिरफ्तार किया. जूनियर इंजीनियर के कहने पर क्षेत्र में निर्माण कार्य कर रहे लोगों को डर दिखा कर अवैध उगाही कर रहा था. एसीबी ने उसे रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया हैं. सोमवार को शिकायतकर्ता ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में बताया कि वह पेशे से बिल्डर हैं और वह दिल्ली के शाहदरा में अपने रिश्तेदार की 46 वर्ग गज की जमीन पर चार मंजिल की इमारत का निर्माण कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि एमसीडी शाहदरा में जूनियर इंजीनियर के रूप में काम कर रहे राजेश मीणा ने एक व्यक्ति के साथ उस निर्माण स्थल का दौरा किया और उन्होंने निर्माण की अनुमति देने के लिए प्रति लैंटर 15,000 रुपये की रिश्वत मांगी. चूंकि भवन का निर्माण पहले ही दो मंजिल तक पूरा हो चुका है, इसलिए 30,000 रुपये की रिश्वत मांगी. उन्होंने अपने ड्राइवर के माध्यम से उन्हें 20,000 रुपये दिए हैं और उनके पास इसकी ऑडियो /वीडियो रिकॉर्डिंग है. जेई राजेश मीणा उस पर शेष 10,000 रुपये की रिश्वत की राशि देने के लिए दबाव डाल रहा है.
ये भी पढ़ें : दिल्ली: जल बोर्ड का JE 50 हजार घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
शिकायत मिलने पर शिकायतकर्ता को एसीपी जरनैल सिंह के समक्ष पेश किया गया. शिकायतकर्ता से पूछताछ की गई. संतुष्ट होने के बाद एसीपी जरनैल सिंह ने डीसीपी/एंटी करप्शन ब्रांच को तथ्यों की जानकारी दी. इसके बाद, शिकायतकर्ता ने टीम के सामने 10,000 रुपये पेश किए और उसी पर फिनोलफ्थेलिन पाउडर लगाया गया. एसीपी जरनैल सिंह ने शिकायतकर्ता और पंच गवाह को छापे के दौरान एक साथ रहने के लिए कहा. शाम करीब साढ़े चार बजे शिकायतकर्ता ने एमसीडी के कथित जेई राजेश मीणा से टेलीफोन पर संपर्क कर शेष 10,000 रुपये देने की बात कही. इसके बाद मौके पर पहुंचे जेई को एसीबी की टीम ने दबोच लिया.
पूछताछ करने पर आरोपी ने बताया कि वह रेवाड़ी, हरियाणा का रहने वाला है. वह नौकरी की तलाश में दिल्ली/एनसीआर आया, उसने मजदूरी और ड्राइवर जैसे कई काम किए, लेकिन अच्छी कमाई नहीं कर सका. लगभग 2 साल पहले वह जेई राजेश मीणा के संपर्क में आया, जिसने उसे अपने एजेंट के रूप में काम करने की पेशकश की. उन्होंने बताया कि वह शदारा के इलाके में रेकी करता था. वह निर्माणाधीन इमारत की फोटो खींचकर जेई राजेश मीणा को भेजता था. इसके बाद, जेई राजेश मीणा उक्त निर्माणाधीन इमारत का दौरा करता था और वह इमारत के मालिक /बिल्डर को धमकी देता था. बहरहाल अब एसीबी कथित जूनियर इंजीनियर राजेश मीणा की पहचान में जुटी है.
ये भी पढ़ें : कालकाजी के डीटीसी बस डिपो पर ACB का छापा, रिश्वत लेते डिपो मैनेजर समेत तीन आरोपी रंगे हाथ पकड़े गए