नई दिल्ली: शाहदरा के झिलमिल इलाके में बुधवार को ऑल म्युनिसिपल कॉरपोरेशन स्टाफ यूनियन ने प्रदर्शन और सांकेतिक धरना किया. स्टाफ का कहना है कि निगम कमिश्नर और मेयर सफाई कर्मचारियों की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.
कर्मचारियों को नहीं मिल रहा वेतन
प्रदर्शन के दौरान स्टाफ ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा. कर्मचारियों का आरोप है कि निगम कमिश्नर और मेयर सफाई कर्मचारियों की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं जिसके चलते मजबूरन यूनियन को प्रदर्शन करना पड़ रहा है. ऑल म्युनिसिपल कॉरपोरेशन स्टाफ यूनियन के संस्थापक मुकेश कुमार वैद्य का कहना था कि कोरोना महामारी में लगातार सफाई कर्मचारी जी जान से मेहनत कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी सफाई कर्मचारियों को ना तो समय पर वेतन मिल पा रहा है और ना ही कोरोना बीमारी से शहीद हुए कर्मचारियों को निगम प्रशासन उनके आश्रितों को कोई सुविधा दे रहा है.
सरकार नहीं दे रही सहायता राशि
निगम प्रशासन और दिल्ली सरकार ने घोषणा की थी कि अगर कोरोना महामारी के दौरान किसी भी सफाई कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो निगम प्रशासन कर्मचारी के आश्रितों को 10 लाख रुपये व स्थाई नौकरी देगी. साथ ही मृतक के आश्रितों को एक करोड़ रुपये की राशि देगी. लेकिन निगम प्रशासन और दिल्ली सरकार कोरोना महामारी में शहीद हुए सफाई कर्मचारियों को यह राशि नहीं दे रही है, जिसके चलते वे सांकेतिक धरना करने को मजबूर हो गए हैं.
'30 दिन में समस्याओं को हो समाधान'
वहीं ऑल म्युनिसिपल कॉरपोरेशन स्टाफ यूनियन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार धिगान का कहना था कि साल 2003 में 2004 से नियमित माने गए कर्मचारियों का एरियर का भुगतान तुरंत प्रभाव से किया जाए. सफाई कर्मचारियों को कार्य पर लिया जाए. निगम में कार्यरत समस्त स्थाई व अस्थाई कर्मचारियों को बारात घर निशुल्क मुहैया कराया जाए. अगर उपरोक्त समस्याओं का समाधान मात्र 30 दिन में नहीं किया गया तो यूनियन काम बंद कर हड़ताल करेगी. जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.