नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में कुल 146 पंजीकृत मदरसे हैं, जिनमें 129 अस्थाई और 17 स्थाई मान्यता प्राप्त हैं. इनमें पढ़ने वालों बच्चों को जल्द ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भी तालीम दी जाएगी. इसके तहत वीडियो मॉडल्स के जरिए छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विभिन्न विषयों के बारे में पढ़ाया जाएगा.
22 मॉड्यूल किए गए तैयार: जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी पीयूष राय ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उभरती हुई तकनीक है. इसकी मदद से स्वास्थ्य, चिकित्सा, कृषि समेत विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन हो रहे हैं. मदरसों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में सिखाने को लेकर शासनादेश जारी हुआ है. 'यूपी एआई' के माध्यम से 22 मॉड्यूल तैयार किए गए हैं, जिनसे मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों को एआई तकनीक के बारे में जानकारी दी जाएगी. इसके लिए teamupai.org पर सरकार द्वारा 22 मॉड्यूल डाले गए हैं. उन्होंने बताया कि इन मॉड्यूल के बारे में छात्रों को सिखाने के लिए बेसिक स्ट्रक्चर डेवलप करना है. इसके बाद मदरसे में पढ़ने वाले शिक्षकों को इन सभी मॉड्यूल्स के बारे में ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे वे छात्रों को प्रशिक्षित करेंगे.
पहल की सराहना की: वहीं मदरसा संचालक मुफ्ती मुहम्मद आबिद कासमी ने कहा कि सरकार द्वारा मदरसों में एआई तकनीक के बारे में छात्रों को शिक्षित करने की पहल की हम सराहना करते हैं. इससे बच्चों का भविष्य और बेहतर होगा. इस संबंध में जो भी निर्देश मिलेंगे, हम उसे अमल में लाएंगे. उन्होंने कहा कि हमारा हर संभव प्रयास रहता है कि छात्रों के भविष्य को बेहतर बनाया जा सके. टेक्नोलॉजी की जानकारी के लिए कंप्यूटर की शिक्षा भी दी जाती है. वहीं इंटरनेट को लेकर शिक्षा दिए जाने पर फोकस किया जा रहा है. इसके अलावा अंग्रेजी पर भी हमारा काफी फोकस है.
बनाएंगे 'एआई लिटरेट': उनके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश सरकार की एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मोनिका एस गर्ग ने पहले मॉड्यूल पर बताया कि आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर चल रही चर्चा ने हमें सोचने पर मजबूर किया कि यह है क्या और इसके बारे में लोगों को कैसे जागरूक किया जाए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग और प्रशिक्षण पर जोर दिए जाने के परिपेक्ष्य में हम लोगों ने सोचना शुरू किया कि किस प्रकार सबको 'एआई लिटरेट' यानी एआई का जानकार बनाया जाए. उन्होंने कहा, इसके बाद हमने 'एआई लिटरेसी फॉर ऑल' पर काम करना शुरू किया. जिस तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे घर और हमारे कार्यक्षेत्र में भूमिका निभा रही है, उससे हमारे लिए यह समझना बेहद जरूरी हो जाता है कि एआई क्या है.
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