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Etah Fake Encounter: SHO समेत 5 दोषियों को आजीवन कारावास, 4 को 5-5 साल कैद

उत्तर प्रदेश के एटा में 2006 में हुए मुठभेड़ (Etah Fake Encounter) के मामले में बुधवार को गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट (CBI Special Court) ने थानाध्यक्ष समेत 9 पुलिसकर्मियों को सजा सुना दी है. किसे कितनी सजा मिली जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर...

Etah fake encounter
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Published : Dec 21, 2022, 3:53 PM IST

Updated : Dec 21, 2022, 8:22 PM IST

विवेक गुप्ता, एसएचओ पवन सिंह के अधिवक्ता

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सीबीआई विशेष कोर्ट ने 2006 में एटा फेक एनकाउंटर मामले में सजा सुना दी है. कोर्ट ने SHO पवन सिंह समेत 5 दोषियों श्रीपाल सिंह ठेनवा, राजेन्द्र प्रसात, सरनाम सिंह और मोहकम सिंह को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 33 हजार का जुर्माना भी लगाया है. वहीं अन्य बलदेव प्रसाद, सुमेर सिंह, अजय कुमार और अवधेश रावत को सबूत मिटाने और कॉमन इंटेंशन के तहत 5-5 साल की सजा और 11 हजार का जुर्माना लगाया गया है.

एटा फेक एनकाउंटर मामले में मंगलवार (20 दिसंबर) को गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट (CBI Special Court) ने थानाध्यक्ष समेत 9 पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया था. बुधवार (21 दिसंबर) को गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने सजा पर बहस की और दोषियों को सजा सुनाई है. इससे पहले सभी आरोपियों को अदलत में पेश किया गया. बताते चलें कि इस मामले में करीब 16 साल बाद गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट (Ghaziabad CBI court) ने दोषी करार (9 including police station chief convicted) दिया है.

एटा फेक एनकाउंटर मामले में दोषियों की पेशी.

वहीं इस मामले में तत्कालीन एसएचओ पवन सिंह के अधिवक्ता विवेक गुप्ता का कहना है कि सीबीआई कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी.

ये भी पढ़ें: तिहाड़ जेल की सुरक्षा में नई तकनीक HCBS का होगा इस्तेमाल

पुलिस ने बढ़ई को बताया डकैत: मामला अगस्त 2006 का है. यूपी के एटा जिले के सिढ़पुरा थाना क्षेत्र में एक मुठभेड़ हुई थी, जिसमें बढ़ई राजाराम की कथित एनकाउंटर में मौत हो गई थी. पुलिस ने बताया था कि राजाराम एक डकैत था. हालांकि, राजाराम बढ़ई का काम करता था. इस मामले में राजाराम की पत्नी ने सवाल उठाए थे और आरोप लगाया था कि उनके पति राजाराम को पुलिस ने झूठे फर्जी एनकाउंटर में मार दिया है. मामले में मृतक की पत्नी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

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विवेक गुप्ता, एसएचओ पवन सिंह के अधिवक्ता

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सीबीआई विशेष कोर्ट ने 2006 में एटा फेक एनकाउंटर मामले में सजा सुना दी है. कोर्ट ने SHO पवन सिंह समेत 5 दोषियों श्रीपाल सिंह ठेनवा, राजेन्द्र प्रसात, सरनाम सिंह और मोहकम सिंह को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 33 हजार का जुर्माना भी लगाया है. वहीं अन्य बलदेव प्रसाद, सुमेर सिंह, अजय कुमार और अवधेश रावत को सबूत मिटाने और कॉमन इंटेंशन के तहत 5-5 साल की सजा और 11 हजार का जुर्माना लगाया गया है.

एटा फेक एनकाउंटर मामले में मंगलवार (20 दिसंबर) को गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट (CBI Special Court) ने थानाध्यक्ष समेत 9 पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया था. बुधवार (21 दिसंबर) को गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने सजा पर बहस की और दोषियों को सजा सुनाई है. इससे पहले सभी आरोपियों को अदलत में पेश किया गया. बताते चलें कि इस मामले में करीब 16 साल बाद गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट (Ghaziabad CBI court) ने दोषी करार (9 including police station chief convicted) दिया है.

एटा फेक एनकाउंटर मामले में दोषियों की पेशी.

वहीं इस मामले में तत्कालीन एसएचओ पवन सिंह के अधिवक्ता विवेक गुप्ता का कहना है कि सीबीआई कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी.

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पुलिस ने बढ़ई को बताया डकैत: मामला अगस्त 2006 का है. यूपी के एटा जिले के सिढ़पुरा थाना क्षेत्र में एक मुठभेड़ हुई थी, जिसमें बढ़ई राजाराम की कथित एनकाउंटर में मौत हो गई थी. पुलिस ने बताया था कि राजाराम एक डकैत था. हालांकि, राजाराम बढ़ई का काम करता था. इस मामले में राजाराम की पत्नी ने सवाल उठाए थे और आरोप लगाया था कि उनके पति राजाराम को पुलिस ने झूठे फर्जी एनकाउंटर में मार दिया है. मामले में मृतक की पत्नी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

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Last Updated : Dec 21, 2022, 8:22 PM IST
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