नई दिल्ली: पूरी दिल्ली में प्रदूषण के लिहाज से 13 हॉटस्पॉट हैं. इनमें सबसे ज्यादा प्रदूषित हॉटस्पॉट आनंद विहार हैं. यहां के प्रदूषण में गाजियाबाद की बड़ी हिस्सेदारी है. यहां से बड़ी संख्या में डीजल बसों का संचालन होता है. साहिबाबाद इंडस्ट्रियल एरिया में 1700 फैक्ट्रियां हैं. इनसे होने वाला प्रदूषण दिल्ली की आबोहवा को खराब करता है.
दिल्ली के आनंद विहार में प्रदूषण सबसे अधिक रहता है. दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पर्यावरणविद डॉ. जितेंद्र नागर का कहना है कि आनंद विहार में प्रदूषण के कई कारण है, जिसमें गाजियाबाद के प्रदूषण की भी हिस्सेदारी है. बड़ी संख्या में आनंद विहार डिपो के सामने से अवैध तरीके से बसों का संचालन हो रहा है. साथ ही यहां पर जाम भी लगता है. बस और अन्य वाहनों के धुएं से प्रदूषण होता है. औद्योगिक क्षेत्रों में सभी औद्योगिक इकाइयां मानक के अनुरूप नहीं चल रही हैं.
ओजोन के लिए दूसरी सबसे खतरनाक गैस है मीथेनः पर्यावरणविद डॉ. जितेंद्र नगर का कहना है पटपड़गंज, साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र के नाले और गाजीपुर स्थिति कूड़े के पहाड़ से मीथेन गैस निकलती है. कार्बन डाइऑक्साइड के बाद दूसरी मीथेन गैस है जो ओजोन के लिए सबसे घातक है.
"दिल्ली में 13 हॉटस्पॉट हैं, इन सभी हॉटस्पॉट पर काम करने के लिए 13 अलग अलग टीमें बनाई गई हैं. जो हॉटस्पॉट पर प्रदूषण के कारणों का अध्ययन कर 25 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी. इसके बाद उन कर्म पर काम किया जाएगा" - गोपाल राय, पर्यावरण मंत्री दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे चुका है मामलाः आनंद विहार में प्रदूषण से कौशांबी के लोग परेशान रहते हैं. इसको लेकर कौशांबी अपार्टमेंट रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से एनजीटी, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में आज का दायर की गई थी. एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष वीके मित्तल का कहना है कि कोर्ट के आदेश के बाद भी प्रदूषण के रोकथाम को लेकर जो कम होने थे वह नहीं हुए. अभी भी कौशांबी डिपो से बड़ी संख्या में डीजल बसें चल रही हैं. जबकि इन्हें सीएनजी में कन्वर्ट करना था. दिल्ली में प्रवेश का रास्ता संकरा है, जिससे जाम लगता है और प्रदूषण होता है.
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