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उन्नाव रेप कांड: पीड़िता के चाचा ने दर्ज कराया अपना बयान, विधायक कुलदीप सेंगर है आरोपी

उन्नाव रेप मामले में पीड़िता के चाचा ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया. ये बयान कोर्ट में इन-कैमरा सुनवाई के दौरान दर्ज कराए गए.

उन्नाव रेप केस मामला, etv bharat
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Published : Aug 28, 2019, 10:05 PM IST

Updated : Aug 28, 2019, 10:19 PM IST

नई दिल्ली: उन्नाव रेप मामले में पीड़िता के चाचा ने बुधवार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया. ये बयान डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट में इन-कैमरा सुनवाई के दौरान दर्ज कराए गए. पीड़िता के चाचा का बयान 2 सितंबर को भी दर्ज किया जाएगा.

पीड़िता के चाचा को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी के रायबरेली जेल से दिल्ली के तिहाड़ जेल शिफ्ट किया गया था. पीड़िता के चाचा को 19 साल पुराने एक केस में दस साल की कैद हुई है. उसके खिलाफ आरोपी विधायक के भाई अतुल सिंह ने केस दर्ज कराया था.

इन-कैमरा हो रही है कोर्ट की सुनवाई
पिछले 22 अगस्त से पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत और आर्म्स एक्ट में फंसाए जाने के मामले में गवाहों के बयान दर्ज होने शुरू हो गए. दोनों ही मामलों में कोर्ट ने आरोप तय किया था. गवाहों के बयान कोर्ट के आदेश के मुताबिक इन-कैमरा हो रहे हैं. इन कैमरा सुनवाई का मतलब है कि पीड़ित और आरोपी पक्ष के अलावा सुनवाई के दौरान कोर्ट में तीसरा कोई मौजूद नहीं होगा.

पिता को गलत तरीके से फंसाने का आरोप
13 अगस्त को कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और तीन पुलिसकर्मियों पर आर्म्स एक्ट के तहत पीड़िता के पिता को ग़लत तरीके से फंसाने का आरोप तय किया था. वहीं कोर्ट ने आर्म्स एक्ट और पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के केस को एक साथ टैग कर दिया था. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने कहा कि दोनों केसों के 43 गवाह एक ही हैं और दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं इसलिए दोनों केस टैग किए जाएं.

पिछले 14 अगस्त को कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पॉक्सो की अन्य धाराओं के तहत अतिरिक्त आरोप तय करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने पॉक्सो की धारा 5 सी और 6 भी जोड़ने का आदेश दिया था. कोर्ट ने एक लोकसेवक द्वारा यौन उत्पीड़न करने का आरोप भी तय करने का आदेश दिया था. इन धाराओं के तहत दस साल की कैद की सजा का प्रावधान है.

नई दिल्ली: उन्नाव रेप मामले में पीड़िता के चाचा ने बुधवार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया. ये बयान डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट में इन-कैमरा सुनवाई के दौरान दर्ज कराए गए. पीड़िता के चाचा का बयान 2 सितंबर को भी दर्ज किया जाएगा.

पीड़िता के चाचा को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी के रायबरेली जेल से दिल्ली के तिहाड़ जेल शिफ्ट किया गया था. पीड़िता के चाचा को 19 साल पुराने एक केस में दस साल की कैद हुई है. उसके खिलाफ आरोपी विधायक के भाई अतुल सिंह ने केस दर्ज कराया था.

इन-कैमरा हो रही है कोर्ट की सुनवाई
पिछले 22 अगस्त से पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत और आर्म्स एक्ट में फंसाए जाने के मामले में गवाहों के बयान दर्ज होने शुरू हो गए. दोनों ही मामलों में कोर्ट ने आरोप तय किया था. गवाहों के बयान कोर्ट के आदेश के मुताबिक इन-कैमरा हो रहे हैं. इन कैमरा सुनवाई का मतलब है कि पीड़ित और आरोपी पक्ष के अलावा सुनवाई के दौरान कोर्ट में तीसरा कोई मौजूद नहीं होगा.

पिता को गलत तरीके से फंसाने का आरोप
13 अगस्त को कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और तीन पुलिसकर्मियों पर आर्म्स एक्ट के तहत पीड़िता के पिता को ग़लत तरीके से फंसाने का आरोप तय किया था. वहीं कोर्ट ने आर्म्स एक्ट और पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के केस को एक साथ टैग कर दिया था. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने कहा कि दोनों केसों के 43 गवाह एक ही हैं और दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं इसलिए दोनों केस टैग किए जाएं.

पिछले 14 अगस्त को कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पॉक्सो की अन्य धाराओं के तहत अतिरिक्त आरोप तय करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने पॉक्सो की धारा 5 सी और 6 भी जोड़ने का आदेश दिया था. कोर्ट ने एक लोकसेवक द्वारा यौन उत्पीड़न करने का आरोप भी तय करने का आदेश दिया था. इन धाराओं के तहत दस साल की कैद की सजा का प्रावधान है.

Intro:नई दिल्ली । उन्नाव रेप मामले में पीड़िता के चाचा ने आज दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया। ये बयान डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट में इन-कैमरा सुनवाई के दौरान दर्ज कराए गए। पीड़िता के चाचा का बयान 2 सितंबर को भी दर्ज किया जाएगा।



Body:पीड़िता के चाचा को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी के रायबरेली जेल से दिल्ली के तिहाड़ जेल शिफ्ट किया गया था। पीड़िता के चाचा को 19 साल पुराने एक केस में दस साल की कैद हुई है। उसके खिलाफ आरोपी विधायक के भाई अतुल सिंह ने केस दर्ज कराया था।
पिछले 22 अगस्त से पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत और आर्म्स एक्ट में फंसाये जाने के मामले में गवाहों के बयान दर्ज होने शुरु हो गए। दोनों ही मामलों में कोर्ट ने आरोप तय किया था। गवाहों के बयान कोर्ट के आदेश के मुताबिक इन-कैमरा हो रहे हैं। इन कैमरा सुनवाई का मतलब है कि पीड़ित और आरोपी पक्ष के अलावा सुनवाई के दौरान कोर्ट में तीसरा कोई मौजूद नहीं होगा।
13 अगस्त को कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और तीन पुलिसकर्मियों पर आर्म्स एक्ट के तहत पीड़िता के पिता को ग़लत तरीके से फंसाने का आरोप तय किया था । कोर्ट ने आर्म्स एक्ट और पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के केस को एक साथ टैग कर दिया था। डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने कहा कि दोनों केसों के 43 गवाह एक ही हैं और दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं इसलिए दोनों केस टैग किए जाएं।
पिछले 14 अगस्त को कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पॉक्सो की अन्य धाराओं के तहत अतिरिक्त आरोप तय करने का निर्देश दिया था । कोर्ट ने पॉक्सो की धारा 5 सी और 6 भी जोड़ने का आदेश दिया था । कोर्ट ने एक लोकसेवक द्वारा यौन उत्पीड़न करने का आरोप भी तय करने का आदेश दिया था । इन धाराओं के तहत दस साल की कैद की सजा का प्रावधान है ।
पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ  रेप, पॉक्सो, और अपहरण की धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120(बी) , 363, 376 और पॉक्सो के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया। कोर्ट ने 9 अगस्त को पॉक्सो की धारा 3 और 4 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था।
ये मामला पहले यूपी में चल रहा था। आपको बता दें कि पिछले 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप कांड से जुड़े सभी मामलों को यूपी से दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। उसके बाद 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश में बदलाव करते हुए एक्सीडेंट मामले के दिल्ली ट्रांसफर करने पर 15 दिनों की रोक लगाने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की रोजाना सुनवाई करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने 45 दिन के अंदर ट्रायल को पूरा करने का आदेश दिया है।



Conclusion:मामला 4 जून 2017 का है जब एक नाबालिग लड़की ने बीजेपी के निलंबित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर अपने घर पर रेप करने का आरोप लगाया। लड़की विधायक के घर काम की तलाश में गई थी। इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर न्यायिक हिरासत में हैं। दूसरे अभियुक्त शशि सिंह पर आरोप है कि वो लड़की को बहला फुसलाकर सेंगर के घर ले गई। लड़की के पिता की 9 अप्रैल 2018 में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। सेंगर के खिलाफ एक और हत्या का मामला तब दर्ज हुआ जब लड़की का अपने वकील और परिजनों के साथ एक्सीडेंट हुआ। इस एक्सीडेंट में लड़की के दो परिजनों की मौत हो गई ।
Last Updated : Aug 28, 2019, 10:19 PM IST
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