नई दिल्ली: पटियाला हाउस कोर्ट में एनआईए ने टेरर फंडिंग के मामल में पूरक चार्जशीट दाखिल की. चार्जशीट में गिरफ्तार अलगाववादी नेता यासिन मलिक, आसिया अंद्राबी, मशरत आलम, इंजीनियर राशिद और शब्बीर अहमद शाह को आरोपी बनाया गया है.
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National Investigation Agency has filed the supplementary charge-sheet against Yasin Malik, Shabir Shah, Asiya Andrabi, Masarat Alam and other Separatist leaders in the 2017 Jammu and Kashmir terror funding case. https://t.co/xjxgiPwhup
— ANI (@ANI) October 4, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) October 4, 2019National Investigation Agency has filed the supplementary charge-sheet against Yasin Malik, Shabir Shah, Asiya Andrabi, Masarat Alam and other Separatist leaders in the 2017 Jammu and Kashmir terror funding case. https://t.co/xjxgiPwhup
— ANI (@ANI) October 4, 2019
तीन हजार पेजों के चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए, और 124ए के अलावा गैरकानूनी गतिविधियां निरोधक कानून की धारा 13, 16, 17,18, 20, 38, 39 और 40 के तहत आरोप लगाए गए हैं. इस मामले में एनआईए ने 30 मई 2017 को केस दर्ज किया था. एनआईए ने इस मामल में 18 जनवरी 2018 को 12 आरोपियों के खिलाफ पहली चार्जशीट दाखिल की थी.
उसमें पाकिस्तानी आतंकी हाफिज मोहम्मद सईद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन शामिल थे. उसके बाद 22 जनवरी 2018 को एक अभियुक्त के खिलाफ पहला पूरक चार्जशीट दाखिल किया गया. आगे की जांच के बाद एनआईए ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया. एनआईए ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया उनमें यासिन मलिक, आसिया अंद्राबी, मशरत आलम, इंजीनियर राशिद और शब्बीर अहमद शाह शामिल हैं.
ये हैं आरोप
इन पर लोगों को प्रदर्शन करने के लिए उकसाने, पत्थरबाजी और आतंकी हमलों के लिए टेरर फंडिंग में एक-दूसरे की मदद करने और प्रशासन के खिलाफ लोगों को भड़काने का आरोप है. पिछले 10 अप्रैल को कोर्ट ने यासिन मलिक को एनआईए हिरासत में भेज दिया था. एनआईए ने यासिन मलिक को गिरफ्तार करने के स्पेशल जज राकेश स्याल की कोर्ट में पेश किया था. यासिन मलिक को प्रोडक्शन वारंट पर दिल्ली के तिहाड़ जेल शिफ्ट किया गया था.
एनआईए ने जम्मू के स्पेशल कोर्ट से यासिन मलिक की हिरासत की मांग की थी. एनआईए ने कोर्ट से कहा कि वो आतंकी गतिविधियों को फंडिंग करने वाले लोगों की कड़ी जानना चाहती है. एनआईए ने कहा था कि वो सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी करने और स्कूलों को जलाने से लेकर सरकारी संस्थाओं को नुकसान पहुंचाने वालों की आर्थिक मदद करने वालों तक पहुंचना चाहती है.
बता दें कि यासिन मलिक के खिलाफ 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद के अपहरण में शामिल होने का आरोप है. यासिन मलिक के खिलाफ 1990 के दशक में भारतीय वायु सेना के 4 जवानों की हत्या करने का भी आरोप है. यासिन मलिक के संगठऩ जेकेएलएफ को पिछले साल फरवरी में केंद्र सरकार ने बैन कर दिया था.