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संसद की सुरक्षा में चूक: सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता बोले- UAPA में उम्रकैद की सजा तक का है प्रावधन

Provisions of punishment under UAPA Act: संसद भवन की सुरक्षा में चूक के मामले में दोनों आरोपियों पर यूएपीए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एपी सिंह ने यूएपीए एक्ट व मौजूदा स्थिति को लेकर कई जानकारियां दी है. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा...

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एपी सिंह
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एपी सिंह
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 14, 2023, 11:51 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी में बुधवार को संसद भवन में घुसकर कलर स्मोक छोड़ने वाली महिला नीलम और युवक सागर शर्मा को गिरफ्तार किए जाने के बाद उनपर धारा 120बी और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. गुरुवार को जांच टीम द्वारा आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश करने के बाद पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जाएगा. इस मामले की जांच रिपोर्ट गृह मंत्रालय ने डीजी सीआरपीएफ को सौंपी है. जांच टीम में 200 लोग शामिल हैं. अब पुलिस दोनों आरोपी के एक अन्य साथी ललित को गिरफ्तार करने में जुटी है. इस मामले की मॉनिटरिंग गृह मंत्रालय करेगा.

उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान: दोनों आरोपियों पर लगाई गई धाराओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. एपी सिंह ने बताया कि यूएपीए के तहत उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है. वहीं इस मामले में जमानत मिलना भी मुश्किल होता है. प्लानिंग करके किसी अपराध को अंजाम दिए जाने पर धारा किसी व्यक्ति पर धारा 120बी लगाई जाती है. ऐसे में इन लोगों का जेल से बाहर निकलना मुश्किल है.

इसलिए लाया गया ता यूएपीए: उन्होंने बताया कि इस कानून को आतंकी गतिविधियों पर रोकथाम के लिए लाया गया था. इसके अंतर्गत कम से कम पांच साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है. वहीं आतंकी गतिविधि होने पर यदि किसी की मौत हो जाती है तो इस अधिनियम के तहत फांसी की सजा का भी प्रावधान है. अगर कोई व्यक्ति आतंक फैलाने के लिए देश की एकता, अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा को खंडित करने की कोशिश करता है, या देश के बाहर भी किसी आतंकी घटना को अंजाम देता है तो भी वह यूएपीए एक्ट के दायरे में ही आता है.

यह भी पढ़ें-संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले आरोपियों का सामने आया गुरुग्राम कनेक्शन, पति-पत्नी को हिरासत में लिया

वहीं अधिवक्ता राजीव मोहन ने बताया कि यूएपीए एकमात्र ऐसा कानून है, जो आतंकवाद और गैरकानूनी गतिविधियों पर लागू होता है. उन्होंने बताया कि धारा 120बी में सजा इस बात पर निर्भर करती है कि जिस अपराध के लिए साजिश की गई है, उस अपराध के लिए कितनी सजा का प्रावधान है. अगर अपराध के अंतर्गत दो साल से ज्यादा सजा का प्रावधान है तो 120बी में भी उतनी ही सजा मिलेगी. वहीं अगर अपराध में दो साल से कम अवधि की सजा का प्रवाधान है तो 120बी में छह महीने की सजा मिलेगी. गौरतलब है कि बुधवार को संसद भवन में घुसकर कलर स्मोक छोड़ा गया था, जिससे हड़कंप मच गया था.

यह भी पढ़ें-संसद की सुरक्षा में चूक; चार राज्यों के चार युवा कैसे आए एक साथ, लखनऊ के सागर की कहानी ने खोले राज

नई दिल्ली: राजधानी में बुधवार को संसद भवन में घुसकर कलर स्मोक छोड़ने वाली महिला नीलम और युवक सागर शर्मा को गिरफ्तार किए जाने के बाद उनपर धारा 120बी और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. गुरुवार को जांच टीम द्वारा आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश करने के बाद पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जाएगा. इस मामले की जांच रिपोर्ट गृह मंत्रालय ने डीजी सीआरपीएफ को सौंपी है. जांच टीम में 200 लोग शामिल हैं. अब पुलिस दोनों आरोपी के एक अन्य साथी ललित को गिरफ्तार करने में जुटी है. इस मामले की मॉनिटरिंग गृह मंत्रालय करेगा.

उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान: दोनों आरोपियों पर लगाई गई धाराओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. एपी सिंह ने बताया कि यूएपीए के तहत उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है. वहीं इस मामले में जमानत मिलना भी मुश्किल होता है. प्लानिंग करके किसी अपराध को अंजाम दिए जाने पर धारा किसी व्यक्ति पर धारा 120बी लगाई जाती है. ऐसे में इन लोगों का जेल से बाहर निकलना मुश्किल है.

इसलिए लाया गया ता यूएपीए: उन्होंने बताया कि इस कानून को आतंकी गतिविधियों पर रोकथाम के लिए लाया गया था. इसके अंतर्गत कम से कम पांच साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है. वहीं आतंकी गतिविधि होने पर यदि किसी की मौत हो जाती है तो इस अधिनियम के तहत फांसी की सजा का भी प्रावधान है. अगर कोई व्यक्ति आतंक फैलाने के लिए देश की एकता, अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा को खंडित करने की कोशिश करता है, या देश के बाहर भी किसी आतंकी घटना को अंजाम देता है तो भी वह यूएपीए एक्ट के दायरे में ही आता है.

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वहीं अधिवक्ता राजीव मोहन ने बताया कि यूएपीए एकमात्र ऐसा कानून है, जो आतंकवाद और गैरकानूनी गतिविधियों पर लागू होता है. उन्होंने बताया कि धारा 120बी में सजा इस बात पर निर्भर करती है कि जिस अपराध के लिए साजिश की गई है, उस अपराध के लिए कितनी सजा का प्रावधान है. अगर अपराध के अंतर्गत दो साल से ज्यादा सजा का प्रावधान है तो 120बी में भी उतनी ही सजा मिलेगी. वहीं अगर अपराध में दो साल से कम अवधि की सजा का प्रवाधान है तो 120बी में छह महीने की सजा मिलेगी. गौरतलब है कि बुधवार को संसद भवन में घुसकर कलर स्मोक छोड़ा गया था, जिससे हड़कंप मच गया था.

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