नई दिल्ली: पटियाला हाउस कोर्ट ने बुधवार को 26 वर्ष बाद उपहार सिनेमा को डी सील करने का आदेश दिया है. इस फैसले से एसोसिएशन ऑफ विक्टिम्स ऑफ उपहार ट्रेजेडी (एवीयूटी) की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति सहित कई अन्य पीड़ित खुश नहीं हैं. फैसले के बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अदालत ने अपने विवेक से उपहार सिनेमा को रिलीज करने का फैसला किया है. यह साइट सामूहिक हत्या और पीड़ितों द्वारा छेड़ी गई कानूनी लड़ाई का एक स्मारक है, जो दोषपूर्ण कानूनी प्रणाली का प्रमाण है. यह फैसला न्याय चाहने वालों को धोखा देता है. क्या इससे बेईमानों को फिर से सामूहिक हत्या की साइट बनाने का साहस नहीं मिलेगा? डी सील होने के बाद आवेदक को इस हॉल का अधिकार वापस मिल जाएगा.
पीड़ितों के लिए लड़ी लंबी लड़ाईः 13 जून, 1997 को नीलम और शेखर कृष्णमूर्ति की 17 वर्षीय बेटी उन्नति और 13 साल का बेटा उज्ज्वल उपहार सिनेमा में बॉर्डर फिल्म देखने गए थे. एक इंटरव्यू में नीलम ने बताया था कि उनकी बेटी फिल्मों की शौकीन थी. इसलिए वे हमेशा अपने बच्चों को नई फिल्में देखने भेजती थीं. 13 जून को भी बच्चे फिल्म देखने गए थे, रात को उनको आने में देर हुई तो चिंतावश पेजर पर मैसेज भेजा. काफी देर बाद फिर बच्चों के एक दोस्त का फोन आया कि उपहार सिनेमा में आग लग गई है. ऐसा सुनकर वह अपने बच्चों की सलामती के लिए प्रार्थना करने लगीं, लेकिन उनके दोनों बच्चों की हादसे में जन चली गई.
ऐसे लड़ी थी लड़ाईः हादसे के बाद नीलम ने पति शेखर के साथ मिलकर न्याय पाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के 26 परिवारों को इकट्ठा किया और उनका एक एसोसिएशन बनाया, जिसके बैनर तले न्याय की लड़ाई लड़ी. जब कोर्ट ने उपहार सिनेमा के मालिकों सुशील अंसल और गोपाल अंसल को दो-दो साल की सजा सुनाई तो नीलम कृष्णमूर्ति ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि उन्हें सिर्फ जजमेंट मिला है, इंसाफ नहीं.
उन्होंने कहा था कि आग लगने की घटना में किसी भी दोषी पर कार्रवाई करने के लिए सख्त कानून नहीं है. इस मामले में कानून बदलने की जरूरत है. सख्त कानून न होने के चलते लोग फायर एनओसी लेने में लापरवाही बरतते हैं.
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सुप्रीम कोर्ट में दर्ज कराई है आपत्तिः उपहार सिनेमा हॉल में 13 जून को बॉर्डर सिनेमा के स्क्रीनिंग के दौरान आग लगने से 59 लोगों की मौत हो गई थी. 100 लोग घायल हो गए थे. नीलम कृष्णमूर्ति ने आवेदक को सिनेमा हॉल वापस करने को लेकर पहले ही सुप्रीम कोर्ट में आपत्ति जताई है. सिनेमा हॉल घटना से बाद से लेकर अभी तक सील है.
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