नई दिल्ली/गाजियाबाद: 16 अगस्त को अधिकमास की समाप्ति के बाद 17 अगस्त, गुरुवार से शुद्ध सावन के शुक्ल पक्ष की शुरुआत हो चुकी है. साथ ही आज सिंह संक्रांति भी है, जो बहुत शुभ संयोग है. अधिकमास (जिसे पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है) के खत्म होने के बाद अब सावन के शुक्ल पक्ष में कई व्रत त्योहार पड़ेंगे.
तीन साल में पड़ता है अधिकमास: आचार्य शिवकुमार शर्मा ने बताया कि अधिकमास तीन साल में एक बार आता है. सावन का शुक्ल पक्ष में रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय जाप, ऊं नम: शिवाय का जाप करना बहुत फलहाई माना गया है. ऐसा करने से गृहस्थ जीवन की परेशानियों और नकारात्मकताओं से मुक्ति मिलती है. साथ ही जीवन में आ रहे विकार, क्लेश और रोग दूर होते हैं.
आखिरी सोमवार पर बन रहा विशेष योग: अब सावन के दो सोमवार बाकि हैं, जो 21 और 28 अगस्त को पड़ेंगे. 21 अगस्त को सावन के सोमवार के साथ नाग पंचमी का त्योहार है, जबकि 28 अगस्त को पड़ रहे सोमवार को सोम प्रदोष है. इसलिए आने वाले दोनों सोमवारों का महत्व और भी बढ़ जाता है. 31 अगस्त को रक्षाबंधन के पर्व के साथ सावन का महीना समाप्त हो जाएगा. बता दें कि इस बार सावन के महीने की शुरुआत 4 जुलाई से हुई थी.
शुद्ध सावन में पड़ रहे व्रत त्योहार
- 17 अगस्त- सिंह संक्रांति
- 19 अगस्त- हरियाली तीज
- 20 अगस्त- विनायक चतुर्थी
- 21 अगस्त- सावन का सातवां सोमवार और नाग पंचमी
- 27 अगस्त- पुत्रदा एकादशी
- 28 अगस्त- सावन का आखिरी सोमवार और सोम प्रदोष
- 31 अगस्त को रक्षाबंधन एवं श्रावण पूर्णिमा