गाजियाबाद: 11 दिसंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर भारत के पहले राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान का उद्घाटन किया था. कमला नेहरू नगर स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ यूनानी मेडिसिन 391 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ. उद्घाटन के आठ महीने बाद भी अस्पताल ओपीडी तक सिमट कर रह गया है. हर दिन बड़ी संख्या में यूनानी अस्पताल में लोग इलाज करने के लिए पहुंचते हैं. फिर भी अभी तक यहां स्वास्थ सेवाओं का विस्तार नहीं हो सका है. अस्पताल के उद्घाटन के दौरान दावा किया गया था कि यूनानी अस्पताल में ओपीडी के साथ मरीज को भर्ती करने की सुविधा, हिजामा थेरेपी, कपिंग थेरेपी, फिजियोथेरेपी, नर्सरी, इंटेंसिव केयर यूनिट आदि स्वास्थ सेवाएं मौजूद रहेगी, लेकिन फिलहाल ओपीडी और फार्मेसी को छोड़कर अन्य स्वास्थ्य सेवा की शुरुआत नहीं हुई है.
जल्द शुरू होगी अस्पताल में भर्ती की सुविधा: नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ यूनानी मेडिसिन के ओएसडी प्रोफेसर जुलकिफले ने कहा कि यूनानी अस्पताल में भर्ती करने की सुविधा भी जल्द शुरू की जाएगी. हमारा मकसद है कि यहां आने वाले मरीजों को ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ सुविधा उपलब्ध कराई जा सके, जिसके लिए अस्पताल प्रशासन तैयारी कर रहा है. तैयारी में अभी कुछ वक्त और लगेगा. हमें उम्मीद है कि जब अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं यूनानी अस्पताल में शुरू की जाएगी तो मरीजों की संख्या और बढ़ेगी. ऐसे में किसी मरीज को परेशानी ना हो इसको लेकर हम तैयारी में जुटे हुए हैं. तैयारियां पूरी होने के बाद तमाम स्वास्थ्य सेवाएं शुरू की जाएगी. अगले सेशन से यूनानी विद्या की पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी.
हर रोज तकरीबन 500 लोग पहुंचते हैं ओपीडी: यूनानी अस्पताल के उद्घाटन के बाद शुरुआत में ओपीडी में तकरीबन 500 के आसपास मरीज पहुंचते थे. हालांकि मौजूदा समय में हर दिन यहां ओपीडी में तकरीबन डेढ़ हजार मरीज पहुंचते हैं. मरीजों को महज 15 रुपये का ओपीडी शुल्क चुकाना पड़ता है. अस्पताल द्वारा दवाइयां निशुल्क मुहैया कराई जाती हैं. अस्पताल में केवल एनसीआर ही नहीं बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों और हरियाणा तक से लोग इलाज कराने आते हैं.