नई दिल्ली: अनाज मंडी की जिस फैक्ट्री में भयंकर अग्निकांड हुआ, वहां छोटे-छोटे बच्चों से भी काम कराया जाता था. यह खुलासा क्राइम ब्रांच की जांच में हुआ है. इन बच्चों को तीन से आठ हजार रुपये महीना दिया जाता था.
अब क्राइम ब्रांच ने इसे लेकर दर्ज एफआइआर में जेजे एक्ट का सेक्शन भी जोड़ दिए हैं. उनका कहना है कि जो भी बच्चों से काम करवा रहा था, उनके खिलाफ जेजे एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
'घटना में 5 नाबालिगों की हुई थी मौत'
जानकारी के अनुसार अनाज मंडी स्थित रेहान की बिल्डिंग में कुल 15 फैक्ट्री दूसरी से चौथी मंजिल तक चल रही थी. यहां लगी आग में कुल 43 लोगों की मौत हुई है. इन मरने वालों में पांच नाबालिग शामिल हैं जो घटना के समय फैक्ट्री में मौजूद थे. इसके अलावा दो ऐसे युवक है जिनकी उम्र 18 वर्ष बताई गई है. लेकिन क्राइम ब्रांच का मानना है कि यह दोनों युवक भी नाबालिक होंगे. क्राइम ब्रांच ने परिजनों से उनकी उम्र से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं.
घायल नाबालिगों ने खोले फैक्ट्री के राज
इस अग्निकांड में कुल 7 नाबालिक घायल हुए हैं. इनका उपचार अभी अस्पताल में चल रहा है. पुलिस ने अस्पताल में भर्ती नाबालिगों के बयान दर्ज किए हैं जिसमें पता चला है कि इनमें से तीन नाबालिग फैक्ट्री में नौकरी करते थे. नाबालिगों ने अपने बयान में कहा है कि वह दूसरी एवं तीसरी मंजिल पर बनी फैक्ट्री में काम करते थे. उन्होंने पुलिस को बताया है कि उन्हें फैक्ट्री में काम करने के लिए तीन से आठ हजार रुपये महीना और खाना दिया जाता था.
नाबालिक अस्पताल से गायब
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अस्पताल में भर्ती कराया गया एक नाबालिग अस्पताल से चला गया है. अस्पताल में इलाज कराने से इनकार करते हुए अस्पताल से वह चला गया है. क्राइम ब्रांच उसकी भी तलाश कर रही है.