नई दिल्ली: राजधानी की सातों सीटों पर रविवार को मतदान हुआ. हालांकि दिल्ली में केवल 58.01% मतदान ही हो सका, लेकिन दोपहर के बाद से चांदनी चौक के बल्लीमारान इलाके में अधिकतर मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की भारी भीड़ देखी गई.
वोटिंग के लिए मतदाताओं ने कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार किया. पंक्तियों में खड़े मतदाताओं ने कहा कि वोट देना हम सभी का अधिकार है. उसी को निभाने के लिए हम लाइनों में खड़े होकर अपनी बारी का वेट कर रहे हैं.
इसके अलावा पंक्ति में खड़ी एक मतदाता ने कहा कि रमज़ान का कीमती समय है लेकिन वोट करना भी किसी त्योहार से कम नहीं है, उसी के जश्न में शामिल होने के लिए लाइन में खड़े हैं.
'भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए कर रहे वोटिंग'
मतदान के लिए लाइनों में खड़े युवाओं ने बताया कि देश से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए वोट कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि रमज़ान का पवित्र माह चल रहा है लेकिन त्योहार के साथ वोट देना हमारी ड्यूटी है.
साथ ही कहा कि धर्म है, पर वोट देना भी तो जरूरी है. वहीं राबिया ने कहा कि हमें अपने प्रधानमंत्री से अक्सर शिकायत होती है, लेकिन अगर लोकतंत्र के इस पर्व में हम भाग नहीं लेते हैं तो एक सशक्त और मजबूत लोकतंत्र कैसे बना पाएंगे.
मतदाताओं ने कहा कि जो लोग गर्मी, रमज़ान और धूप का बहाना देकर वोट देने के लिए नहीं निकले, उन्हें वोट देना चाहिए था. क्योंकि ये एक महापर्व है जो 5 साल में एक बार आता है और इसमें हमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए.
वोटिंग के वक्त कुछ मतदाताओं का गुस्सा भी देखा गया
वहीं मतदाता शहनाज ने कहा कि उनके लिए इस चुनाव में ट्रिपल तलाक कोई मुद्दा नहीं है, बल्कि सरकार ने मुसलमानों के मजहब में दखल अंदाजी की है. उन्होंने कहा कि हम सब हिंदुस्तानी हैं. इस मुल्क में सभी को अपने धर्म के हिसाब से रहने का अधिकार है.
मतदाताओं ने कहा कि लोकतंत्र का मतलब यही है कि सभी को बराबरी का अधिकार मिले. इसके अलावा उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है सरकार को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए. शहनाज ने कहा कि दिल्ली में कोई भी महिला सुरक्षित नहीं है आए दिन महिलाओं के साथ दुराचार की खबरें सुनाई पड़ती है.
वहीं लाइन में खड़े मतदाताओं ने कहा कि दिल्ली सरकार ने स्कूल, स्वास्थ्य, पानी और बिजली में काफी काम किया है. इसके अलावा एक अन्य युवा मतदाता ओवैस ने कहा कि मौजूदा सरकार ने हमारे लिए कुछ काम नहीं किया.