नई दिल्ली: मणिपुर में 3 मई को हुई हिंसा की आंच दिल्ली तक महसूस की जा रही है. मणिपुर के लोगों के एक समूह ने मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के मुद्दे पर राज्य में हुई हिंसा के खिलाफ शनिवार को जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां लिये हुए थे, जिस पर ‘मणिपुर बचाओ, मेइती बचाओ’’ जैसे संदेश लिखे हुए थे.
बता दें कि मणिपुर में मेइती समुदाय द्वारा उन्हें अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में 3 मई को ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से बुधवार को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़की थी. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने चर्च, स्कूल, वाहनों और कई संपत्तियों को आग लगा दी थी.
प्रदर्शनकारी मंगाल ने बताया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हैं कि मणिपुर में जो हिंसा हो रही है. उस पर संज्ञान लिया जाए, क्योंकि मेइती हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है. कहा कि हमारे समाज के लोगों को एसटी का दर्जा दिया जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट ने भी राज्य सरकार को इस बारे में जल्द जवाब देने के लिए कहा था, लेकिन कुकी समाज ने हिंसा भड़का दी है.
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प्रदर्शनकारी लिनिला ने बताया कि मैतेई समुदाय खुद को एसटी कैटिगरी में जोड़ना चाहता है और यह स्टूडेंट्स का अधिकार है, लेकिन कुछ असामाजिक लोगों ने मामले को हिंसा में बदल दिया है. यह दर्दनाक है कि सरकार जनता को सुरक्षा नहीं दे पाई. उन्होंने बताया कि उनके परिजन डर के साये में जी रहे हैं. मणिपुर जल रहा है और हालात संभले नहीं हैं.
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