नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल पर आज राजधानी दिल्ली में जगह जगह विरोध प्रदर्शन किए गए. दिल्ली की जामा मस्जिद चौक पर जुमे की नमाज के बाद लोगों ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया. इस अवसर पर कांग्रेस नेता अलका लांबा, मुदित अग्रवाल और शोएब इकबाल ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया.
'9 बार बिल में हो चुका है संशोधन'
पूर्व विधायक अलका लांबा ने कहा कि नागरिकता बिल में पहले भी 9 बार संशोधन हुआ है. लेकिन इतिहास उठाकर देखें धर्म के नाम पर कभी इस बिल में संशोधन नही किया गया. उन्होंने कहा कि पहले हमें लगा था कि ये बिल असम और नॉर्थ ईस्ट के लिए है लेकिन जब ये बिल लाया गया तो पता चला कि ये पूरे देश के लिए है.
'ये देश किसी एक धर्म के लोगों का नहीं है'
मुदित अग्रवाल ने कहा कि 1947 में जब देश आजाद हुआ तो इसका विभाजन कर दिया गया. लेकिन तब उस वक्त के नेताओ ने जिनमे मौलाना आजाद पंडित नेहरू, अंबेडकर और महात्मा गांधी ने सबको ये संदेश दिया के ये भारत देश सभी धर्मों के मानने वालों का है यहां से मत जाओ. लेकिन आज की सरकार इस देश को एक खास धर्म के लोगों का बनना चाहती है.
'बिल का पूरे देश में विरोध प्रदर्शन'
पूर्व विधायक शोएब इक़बाल ने कहा कि आजाद भारत मे आज तक ऐसा नही हुआ जो मोदी के राज में हो रहा है. वह इस देश को अपनी जागीर समझ रहे है इस तरह की सोच इस देश के लिए खतरनाक है.
उन्होंने कहा कि आज पूरे देश मे विरोध किया जा रहा है जिसमें हिन्दू भाई भी शामिल है असम जल रहा है कितने लोग मारे गए कुछ पता नहीं. प्रधानमंत्री चुप्पी साधे हुए है हमे सब को खड़े होना होगा और इस सरकार के विरोध अपना आक्रोश दिखाना होगा.