नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में मंगलवार को कई क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है. एनसीआर के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड जोन (Red Zone 300-400 AQI) में दर्ज किया गया है. सुबह एनसीआर के कई इलाकों धुंध की चादर भी देखने को मिली है. इसके कारण लोगों को स्वास्थ संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
दिल्ली के शादीपुर, एनएसआईटी द्वारका, नेहरू नगर, द्वारका सेक्टर 8, जहांगीरपुरी और आनंद विहार का प्रदूषण स्तर रेड जोन में दर्ज किया गया है. जबकि अलीपुर, आईटीओ, मंदिर मार्ग, आरके पुरम, पंजाबी बाग, लोधी रोड, पूसा, पटपड़गंज, अशोक विहार, सोनिया विहार, रोहिणी, विवेक विहार, नजफगढ़, नरेला और बवाना का प्रदूषण स्तर खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है.
दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख इलाकों का प्रदूषण स्तर:
आरके पुरम | 294 |
सिरी फोर्ट | 296 |
एनएसआईटी द्वारका | 355 |
आईटीओ, दिल्ली | 278 |
अलीपुर, दिल्ली | 266 |
पंजाबी बाग, दिल्ली | 283 |
पूसा, दिल्ली | 230 |
नेहरू नगर, दिल्ली | 327 |
अशोक विहार, दिल्ली | 273 |
लोनी, गाज़ियाबाद | 227 |
इंदिरापुरम, गाज़ियाबाद | 160 |
सेक्टर 62, नोएडा | 170 |
सेक्टर 116, नोएडा | 224 |
सेक्टर 125, नोएडा | 162 |
एयर क्वालिटी इंडेक्स: (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पर्टिकुलेट मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डाईऑक्साइड, कार्बन मोनो और डाईआक्साइड, सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.
घर पर तैयार करें कॉटन मास्क: जो लोग अधिकतर समय घर से बाहर बिताते हैं उन्हें प्रदूषण काफी नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में प्रदूषण से बचने के लिए उपाय करना भी बेहद जरूरी है. खुले भी अधिकतर समय बिताने वाले लोग घर में कॉटन का 4 लेयर का मास्क तैयार कर सकते हैं, जिसे गीला करके वह अपने चेहरे पर लगा सकते हैं. इससे पार्टिकुलेट मैटर सांस के रास्ते शरीर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं. गीला होने के चलते पार्टिकुलेट मैटर मास्क में चिपक जाते हैं. हालांकि मास्क को समय-समय पर धोने की भी आवश्यकता होती है.
बाहर निकलने से करें परहेज: सुबह और शाम लोग टहलने जाते हैं. खासकर बुजुर्ग और बच्चे शाम के वक्त पार्कों में दिखाई देते हैं. प्रदूषण से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्ग और बच्चों को होता है. जब प्रदूषण का स्तर सामान्य से काफी अधिक हो तो घर के बाहर जाने से बचें. खासकर वह लोग जिन की प्रतिरोधक क्षमता कम है. बच्चों और बुजुर्गों को भी बाहर जाने से परहेज करना चाहिए. एक्सरसाइज आदि भी घर के अंदर करें.
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