नई दिल्ली: द्वारका जिले के बिंदापुर थाने की पुलिस ने भगौड़ों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत, तीन अलग-अलग मामलों के आरोपियों को गिरफ्तार करने में कमायाबी पाई है. ये आरोपी सालों से पुलिस को चकमा दे कर अपनी गिरफ्तारी से बच रहे थे, जिनकी तलाश करते हुए पुलिस ने आखिरकार उन्हें दबोच लिया. गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान, अनिता, दीपक सिंह और गोपाल गोयल के रूप में हुई है. ये दिल्ली के तिलक नगर, उत्तराखंड के चंपावत और दिल्ली के उत्तम नगर इलाके के रहने वाले हैं.
डीसीपी एम हर्षवर्धन के अनुसार, भगोड़ों के खिलाफ चलाए गए विशेष अभियान के तहत, एसएचओ राजेश मलिक की देखरेख में हेड कॉन्स्टेबल दिनेश, राजू और संदीप की टीम का गठन कर के उन्हें पकड़ने के लिए लगाया गया था. पुलिस टीम ने सूत्रों को सक्रिय कर जिले के भगोड़ों के बारे में जानकारी को विकसित करने में लगी हई थी. साथ ही टेक्निकल और मैन्युअल सर्विलांस की सहायता से भी भगोड़ों को ट्रैक किया जा रहा था. इसी क्रम में पुलिस को गुप्त सूत्रों से एक महिला आरोपी अनिता के बारे में पता चला, जिसे द्वारका कोर्ट ने एक मामले में भगोड़ा घोषित किया था. महिला ख्याला थाना इलाके में रह रही थी, जिसके बाद पुलिस ने उसे ट्रैक कर विष्णु गार्डन इलाके से दबोच लिया. जांच में उसपर एक्साइज एक्ट के 17 मामलों के दर्ज होने का पता चला.
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वहीं दूसरे मामले में पुलिस ने उत्तराखंड के चंपावत जिले स्थित गुरना गांव के रहने वाले एक भगोड़े दीपक सिंह को गिरफ्तार किया. पुलिस को उसकी तलाश 2017 में बिंदापुर थाने में दर्ज एक मामले में थी. लगातार फरार रहने की वजह से, इसे भी द्वारका कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया था. इसके अलावा तीसरे मामले में पुलिस टीम ने सूत्रों से मिली जानकारी और टेक्निकल सर्विलांस की सहायता से 2019 के मामले में फरार चल रहे एक भगोड़े गोपाल गोयल को गिरफ्तार किया. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि कोर्ट में उनके खिलाफ चल रहे मामले में सजा से बचने के लिए ये अपने-अपने घरों से फरार हो गए थे और पुलिस से बचने के लिए लगातार पता बदल कर रह रहे थे.