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बुजुर्गों की एक नई दुनिया बनता जा रहा वृद्धाश्रम, खून के रिश्ते के दिए दर्द के लिए मरहम बन रहा ओल्ड एज होम

oldage home becoming a new shelter & new strength of older person: आज के बदलते समय और टूटते रिश्तों को एक नई राह दिखा रहा है ओल्ड एज होम. गाजियाबाद के आवासीय वृद्धाश्रम दुहाई में बुजुर्गों को सुकून महसूस हो रहा है. यहां के महौल ने बूढ़े मां -बाप को जीन की नई वजह और नया महौल दिया है. जहां इनकी एक नई दुनिया बस गई है.

old age home
वृद्धाश्रम एक नया जहां
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 1, 2023, 6:03 AM IST

Updated : Oct 1, 2023, 9:33 AM IST

बुजुर्गों की एक नई दुनिया बनता जा रहा वृद्धाश्रम

नई दिल्ली/गाजियाबाद : मानव जीवन जो मूलरूप से चार भागों में बंटा हुआ है बचपन, किशोरावस्था, जवानी और बुढ़ापा. अगर किसी से भी इन चार अवस्थाओं के सबसे बुरी अवस्था के बारे में पूछा जाए तो वो कहेंगे बुढ़ापा. बुढ़ापा इसलिए बुरी कही जाएगी क्योंकि आम तौर पर इस अवस्था में शरीर थकने लगता है और इंसान इस समय अपनों को बीच में रहना चाहता है ताकि उसकी मानसिक, शारीरिक और आर्थिक किसी तरह के सहारे की जरूरत हो तो वो उसे मिल पाए लेकिन विडंबना देखिए आज के भौतिकवादी दौर में जब इंसान पैसे और समाजिक पहचान के पीछे भाग रहा है और सभी को अपनी पहचान बनानी है ऐसे में बच्चे अपने मां बाप को अपनी उड़ान के रास्ते की बाधा महसूस कराने लगते है तो मां बाप भी मजबूरी में एक ऐसे आशियाने की तलाश में निकल पड़ते है जो उनके अकेलेपन और शारीरिक परेशानियों में उनका सहयोग कर सके और बुढ़ापे के इसी जरूरत को पूरा करने का इन दिनों जरिया बन गया है ओल्ड एज होम या फिर वृद्धाश्रम.

गाजियाबाद में भी एक ऐसी ही बुजुर्गों को सुकून देने वाली जगह बना है आवासीय वृद्धाश्रम दुहाई. जहां करीब 120 बुजुर्ग रहते है .यहां के बुजुर्गों से मिलने और बात करने पर हमें पता चला कि वो भले ही जिस परिस्थिति में अपने घरवालों से अलग हुए हों लेकिन यहां आकर वो काफी खुश हैं .कस्तूरी सक्सेना तकरीबन पांच साल से दुहाई स्थित आश्रम में रह रही हैं.ये आश्रम में रहने वाली सबसे अधिक उम्र की बुजुर्ग महिला है ,छह बच्चों के बाद भी यहां रहना भले मजबूरी हो लेकिन फिर भी हालात से समझौता कर खुश है तो वहीं धर्मराज सिंह तकरीबन 6 साल से यहां रह रहे है और इसे अपना घर मानते हैं.

वहीं, इन्हें इस तरह का खुशनुमा महौल देने वाली आश्रम की अधीक्षका इंद्रेश भी इन सभी 120 माता-पिता के साथ इतनी खुश है कि अपने परिवार से ज्याद वक्त वो इन्हें देती है और ये सभी वृद्धजन इन पर अपने बच्चों के हिस्से का भी प्यार लुटाते हैं.

वृद्धजन दिवस के इस मौके पर समाज के सभी बुजुर्ग अपनी खुशियों का सही ठिकाना ढूंढे. प्यार-सम्मान, शांति और सहयोग जहां मिले, उसे ही अपना आश्रय बनाएं. क्या हुआ आपके खून के रिश्ते आपका साथ नहीं दे रहे हैं तो प्यार के रिश्ते का एक नया जहां बनाइए, जो हर परिस्थिति में आपका साथ निभाएंगे.

दिल्ली एनसीआर के प्रमुख वृद्धाश्रम

  1. गुरु विश्रम वृद्ध आश्रम
  2. हेल्पज इंडिया
  3. आनंद आश्रम
  4. वरदान वरिष्ठ नागरिक केंद्र
  5. प्रयास वृद्ध आश्रम
  6. शिव आश्रय
  7. वरिष्ठ नागरिक और वृद्ध आश्रम
  8. इमोहा एल्डर केयर
  9. ब्लाइसफुल ओल्ड एज होम फाउंडेशन
  10. आशीर्वाद वृद्धाश्रम
  11. निर्मल हृदय वृद्धाश्रम
  12. सिल्वर लाइनिंग ओल्ड एज होम

इन्हें भी पढ़ें :एनएमओपीएस ने पेंशन अधिकार सम्मेलन का किया आयोजन, एक अक्टूबर को महाप्रदर्शन

इन्हें भी पढ़ें : बुजुर्गों की सेवा करने कनाडा से फरीदाबाद पहुंचे अनिल सरीन, अपने घर को ही बनाया वृद्धाश्रम, निशुल्क कर रहे सेवा

बुजुर्गों की एक नई दुनिया बनता जा रहा वृद्धाश्रम

नई दिल्ली/गाजियाबाद : मानव जीवन जो मूलरूप से चार भागों में बंटा हुआ है बचपन, किशोरावस्था, जवानी और बुढ़ापा. अगर किसी से भी इन चार अवस्थाओं के सबसे बुरी अवस्था के बारे में पूछा जाए तो वो कहेंगे बुढ़ापा. बुढ़ापा इसलिए बुरी कही जाएगी क्योंकि आम तौर पर इस अवस्था में शरीर थकने लगता है और इंसान इस समय अपनों को बीच में रहना चाहता है ताकि उसकी मानसिक, शारीरिक और आर्थिक किसी तरह के सहारे की जरूरत हो तो वो उसे मिल पाए लेकिन विडंबना देखिए आज के भौतिकवादी दौर में जब इंसान पैसे और समाजिक पहचान के पीछे भाग रहा है और सभी को अपनी पहचान बनानी है ऐसे में बच्चे अपने मां बाप को अपनी उड़ान के रास्ते की बाधा महसूस कराने लगते है तो मां बाप भी मजबूरी में एक ऐसे आशियाने की तलाश में निकल पड़ते है जो उनके अकेलेपन और शारीरिक परेशानियों में उनका सहयोग कर सके और बुढ़ापे के इसी जरूरत को पूरा करने का इन दिनों जरिया बन गया है ओल्ड एज होम या फिर वृद्धाश्रम.

गाजियाबाद में भी एक ऐसी ही बुजुर्गों को सुकून देने वाली जगह बना है आवासीय वृद्धाश्रम दुहाई. जहां करीब 120 बुजुर्ग रहते है .यहां के बुजुर्गों से मिलने और बात करने पर हमें पता चला कि वो भले ही जिस परिस्थिति में अपने घरवालों से अलग हुए हों लेकिन यहां आकर वो काफी खुश हैं .कस्तूरी सक्सेना तकरीबन पांच साल से दुहाई स्थित आश्रम में रह रही हैं.ये आश्रम में रहने वाली सबसे अधिक उम्र की बुजुर्ग महिला है ,छह बच्चों के बाद भी यहां रहना भले मजबूरी हो लेकिन फिर भी हालात से समझौता कर खुश है तो वहीं धर्मराज सिंह तकरीबन 6 साल से यहां रह रहे है और इसे अपना घर मानते हैं.

वहीं, इन्हें इस तरह का खुशनुमा महौल देने वाली आश्रम की अधीक्षका इंद्रेश भी इन सभी 120 माता-पिता के साथ इतनी खुश है कि अपने परिवार से ज्याद वक्त वो इन्हें देती है और ये सभी वृद्धजन इन पर अपने बच्चों के हिस्से का भी प्यार लुटाते हैं.

वृद्धजन दिवस के इस मौके पर समाज के सभी बुजुर्ग अपनी खुशियों का सही ठिकाना ढूंढे. प्यार-सम्मान, शांति और सहयोग जहां मिले, उसे ही अपना आश्रय बनाएं. क्या हुआ आपके खून के रिश्ते आपका साथ नहीं दे रहे हैं तो प्यार के रिश्ते का एक नया जहां बनाइए, जो हर परिस्थिति में आपका साथ निभाएंगे.

दिल्ली एनसीआर के प्रमुख वृद्धाश्रम

  1. गुरु विश्रम वृद्ध आश्रम
  2. हेल्पज इंडिया
  3. आनंद आश्रम
  4. वरदान वरिष्ठ नागरिक केंद्र
  5. प्रयास वृद्ध आश्रम
  6. शिव आश्रय
  7. वरिष्ठ नागरिक और वृद्ध आश्रम
  8. इमोहा एल्डर केयर
  9. ब्लाइसफुल ओल्ड एज होम फाउंडेशन
  10. आशीर्वाद वृद्धाश्रम
  11. निर्मल हृदय वृद्धाश्रम
  12. सिल्वर लाइनिंग ओल्ड एज होम

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Last Updated : Oct 1, 2023, 9:33 AM IST
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