नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में सब्जियों की मिलावट को लेकर एक्सपर्ट्स का मानना है की अधिक पैदावार करने के लिए विभिन्न तरीक़े अपनाए जा रहे हैं. ऐसे में सब्जियों की क्वालिटी और शुद्धता पर सवाल खड़े हो रहे है. या फिर यूं कहें कि अब लोग सेहत के प्रति जागरूक हो रहे हैं और केमिकल वाली सब्जियों को खाने से बचने के लिए ऑर्गेनिक सब्जियों की तरफ रख कर रहे हैं.
हालांकि बाजार में बिक रही ऑर्गेनिक सब्जियों के ऑर्गेनिक होने का कोई प्रमाण नहीं है. ऐसे में अब दिल्ली एनसीआर के लोग खेत किराए पर लेकर अपने लिए ऑर्गेनिक सब्जियों की खेती करवा रहे हैं. इसे साफ शब्दों में ऑन डिमांड फार्मिंग भी कहा जाता है. घर बैठे किसानों से खेती करा कर केमिकल फ्री सब्जियां उगवा सकते हैं जो पूरी तरह से ऑर्गेनिक होगी.
इस खेती की शुद्धता को परखने के पूरे प्रमाण की भी व्यस्था है. दरअसल राज नगर एक्सटेंशन के रहने वाले विश्वास गुप्ता ने फार्म टू फैमिलीज नाम के स्टार्टअप की शुरुआत की है. स्टार्टअप के माध्यम से विश्वास गुप्ता लोगों और किसानों को एक प्लेटफार्म पर ला रहे हैं. टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर ग्राहक स्वयं घर बैठे चेक कर सकते हैं कि खेत में उगाई जा रही सब्जियां ऑर्गेनिक या केमिकल फ्री हैं या नहीं.
फॉर्म टू फैमिलीज के संस्थापक विश्वास गुप्ता बताते हैं कि हमारे प्लेटफार्म के माध्यम से कोई भी पर्सनल फार्म लैंड बुक कर सकता है. जहां पर खुद के लिए केमिकल फ्री और ऑर्गेनिक सब्जियां उगाई जा सकती हैं. ग्राहक लाइव मॉनिटरिंग के माध्यम से चेक कर सकते हैं कि फॉर्म में क्या कुछ हो रहा है और फॉर्म में उनके मन मुताबिक सब्जियां उगाई जा रही है या नहीं.
विश्वास गुप्ता बताते हैं कि ग्राहक को सीसीटीवी, सैटेलाइट और इंटरनेट ऑफ थिंग्स टेक्नोलॉजी के माध्यम से लाइव मॉनिटरिंग उपलब्ध कराई जा रही है. ग्राहक अपने खेत को विकसित करते देख सकते हैं. आमतौर पर बाजार में ऑर्गेनिक के नाम पर बेची जा रही सब्जियों के दाम काफी अधिक होते हैं. लेकिन हमारे यहां उगाई जा रही सब्जियां बाजार की तुलना में काफी सस्ती है. 1000 स्क्वायर फीट और 500 स्क्वायर फीट के ऑन डिमांड फार्मिंग लैंड के सब्सक्रिप्शन है. 500 स्क्वायर फीट का सब्सक्रिप्शन दो लोगों के परिवार और हजार स्क्वायर फीट का सब्सक्रिप्शन पांच लोगों के परिवार के लिए पर्याप्त है.
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गुप्ता बताते हैं की इस माध्सायम से खेती में किसानों पर अधिक पैदावार करने का दबाव नहीं होता इसलिए किसान फसल को उगाने में किसी प्रकार के केमिकल या फिर अन्य तकनीकों का उपयोग नहीं करता है. उदाहरण के तौर पर एक व्यक्ति ने 1000 स्क्वायर फीट के फार्मिंग लैंड को सब्सक्राइब कर रखा है तो उसे जमीन पर जितनी भी सब्जी उगेगी उसे हर पांच पर दिन सब्सक्राइबर को डिलीवर कर दिया जाएगा.
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